ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का रविवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. डीआरडीओ के मुताबिक, नौसेना के स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर INS चेन्नई से अरब सागर में टारगेट किया गया था. मिसाइल ने सटीकता के साथ टारगेट को सफलतापूर्वक हिट किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी है.
चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत अपनी शक्तियों को मजबूत करने में लगा हुआ है. इसी कड़ी में रविवार को देश को एक बड़ी कामयाबी मिली है. ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में नेवल सर्फेस लक्ष्यों को लंबी दूरी तक निशाना बनाकर युद्धपोतों की अजेयता सुनिश्चित करेगा.
BrahMos as ‘prime strike weapon’ will ensure the warship’s invincibility by engaging naval surface targets at long ranges. https://t.co/DpbbxrB9FU
— ANI (@ANI) October 18, 2020
इससे पहले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के चांदीपुर में 30 सितंबर को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया था. बता दें कि ब्रह्मोस पहली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जो इस वक्त सर्विस में है. 2005 में आईएनएस राजपूत पर भारतीय नेवी ने इस मिसाइल का इंडक्शन किया था.
भारतीय सेना ने भी ब्रह्मोस मिसाइल को अपनी तीन रेजिमेंट में शामिल किया हुआ है, यानी अगर दुश्मन कुछ गुस्ताखी करता है तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा. लद्दाख में चीन के साथ पिछले कुछ महीनों से जिस तरह की तनाव की स्थिति है, ऐसे वक्त में भारत के हाथ नई ताकत का लगना दुश्मन को सकते में डाल सकता है. भारत लगातार देसी और विदेशी हथियारों से सेना को मजबूत करने में जुटा हुआ है.