ओडिशा के भद्रक से एक पुलिसकर्मी की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. भद्रक ग्रामीण थाना के सब-इंस्पेक्टर (एसआई) कार्तिक जेना को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान एक आम युवक को अपनी जगह जांच के लिए गांव भेज दिया था.
ASI को SP ने किया सस्पेंड
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक भद्रक के एसपी मनोज राउत ने शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए एसआई कार्तिक जेना को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया. यह कार्रवाई तब की गई जब यह पता चला कि जेना ने धामनगर ब्लॉक के धुसुरी इलाके के रहने वाले युवक, पीयूष रंजन पांडा, को अपनी ओर से एक महिला से जुड़े केस की जांच करने के लिए गांव भेजा था.
जानकारी के अनुसार, पीयूष पिछले कुछ दिनों से थाना परिसर में कंप्यूटर से जुड़े कार्यों और अन्य छोटे-मोटे कामों में एसआई की मदद कर रहा था. गुरुवार को जेना ने उसे रसिकबागा गांव (कलाई पंचायत) में जांच के लिए भेज दिया.
आरोपी युवक गिरफ्तार
पीयूष अपने निजी मोटरसाइकिल पर गांव पहुंचा और स्थानीय लोगों से केस के बारे में पूछताछ शुरू कर दी. जब ग्रामीणों ने उससे पुलिस पहचान पत्र और कागजात मांगे, तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने तुरंत भद्रक ग्रामीण पुलिस को सूचना दी.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि पीयूष का पुलिस विभाग से कोई संबंध नहीं है और उसने सब-इंस्पेक्टर जेना के कहने पर खुद को पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया था. भद्रक के एडिशनल एसपी अरुप अभिषेक बेहरा ने कहा, 'यह ड्यूटी का गंभीर उल्लंघन है, आरोपी व्यक्ति का पुलिस विभाग से कोई आधिकारिक संबंध नहीं है. उन्होंने बताया कि मामले की गहन जांच चल रही है और आगे की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने पीयूष रंजन पांडा को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एसआई जेना को विभागीय जांच पूरी होने तक सस्पेंड कर दिया गया है.