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'यह पार्टी नेताओं की नहीं, जनता की है...' AAP के स्थापना दिवस पर बोले अरविंद केजरीवाल

AAP स्थापना दिवस पर अरविंद केजरीवाल ने लोगों और वॉलंटियर्स का धन्यवाद किया, राजनीति में ईमानदारी की बात दोहराई. दिल्ली में चुनावी हार और AAP की चमक घटने के बाद पार्टी अपनी कमजोरियों पर काम कर रही है. पार्टी ने पहले ही चुनाव में लोगों को चौंकाते हुए दिल्ली की 70 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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केजरीवाल ने पार्टी से जुड़े लोगों का आभार जताया (File Photo: ITG)
केजरीवाल ने पार्टी से जुड़े लोगों का आभार जताया (File Photo: ITG)

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के स्थापना दिवस पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए AAP पर भरोसा करने वाले लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, "आम आदमी पार्टी के स्थापना दिवस पर मैं देशभर के लाखों साथियों, सभी वॉलंटियर्स और हर उस आम आदमी को दिल से प्रणाम करता हूं, जिन्होंने भरोसा किया कि राजनीति ईमानदारी से भी की जा सकती है."

उन्होंने आगे लिखा कि ये पार्टी नेताओं की नहीं, जनता की पार्टी है. चौपालों से लेकर सड़कों तक हमारे वॉलंटियर्स ने दिन-रात मेहनत करके बदलाव की लौ जलाई है.

केजरीवाल ने कहा कि आज जो भी उपलब्धियां हैं, वो जनता के विश्वास और हमारे सिपाहियों की तपस्या का परिणाम हैं.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, "हम वादा करते हैं कि सच्चाई, ईमानदारी और देशसेवा का ये सफ़र और भी मजबूती से आगे बढ़ेगा. आपका साथ ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है."

ऐसे हुई थी आम आदमी पार्टी की स्थापना

अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को 'आम आदमी पार्टी' नाम से अपनी राजनीतिक पार्टी की स्थापना की थी. उस वक्त केजरीवाल ने कहा था कि सभी पार्टियों ने धोखा दिया है और जब तक राजनीति नहीं बदलेगी, तब तक भ्रष्टाचार से मुक्ति नहीं मिल सकती. इसीलिए उन्होंने 'मजबूरी में' आम आदमी पार्टी (AAP) का गठन किया था.

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पार्टी की लॉन्चिंग के समय अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सभी पार्टियों ने धोखा दिया है. उन्होंने आरोप लगाया था कि सभी पार्टियां पर्दे के पीछे से एक-दूसरे की मदद करती हैं. उनका मानना ​​था कि जब तक राजनीति में बदलाव नहीं आएगा, तब तक देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति नहीं मिल सकती. इसलिए, AAP का गठन एक मजबूरी के रूप में किया गया था.

आम आदमी पार्टी 2013 के आखिर में पहली बार चुनावी मैदान में उतरी. पार्टी ने दिल्ली की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की. पहले ही चुनाव में पार्टी ने सभी को चौंकाते हुए दिल्ली की 70 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की. इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को रिकॉर्ड वोटों के अंतर से हराया था.

 
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