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आज का दिन: प्यासे बुंदेलखंड के सियासी समीकरण क्या हैं और इस बार वोटर्स किस सियासी दल की बुझाएंगे प्यास?

उत्तर प्रदेश चुनाव में बुंदेलखंड के चुनावी समीकरण क्या हैं? पंजाब चुनाव में हिंदू फैक्टर कितना अहम है? रूस जहां डिप्लॉयमेंट की बात कर रहा है वो युद्ध के स्तर से कितना महत्वपूर्ण एरिया है? और, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज फ्रॉड मामला क्या है और स्टॉक एक्सचेंज की साख के लिहाज़ से ये कितना प्रॉब्लमैटिक है? 

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर जमशेद क़मर सिद्दीक़ी किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.  

बुंदेलखंड के चुनावी समीकरण

आज शुक्रवार है, परसों बुंदेलखंड इलाके के एक बड़े हिस्से में वोटिंग होनी है. लोग अपने प्रतिनिधि को चुनेंगे. पिछले चुनाव में सूबे का मौजूदा विपक्ष यहां खाता तक नहीं खोल सका था. 19 विधानसभा सीटें है इन जिलों में. तीन चरणों में चुनाव है, परसो, थर्ड फेज़ में 13 सीटों पर चुनाव हैं तो इसके बाद के दो फेजेज में चार और दो कुल 6 सीटों पर चुनाव है. इस चुनाव में क्या पॉलिटिकल इक्वेशन हैं, इस ओर आने से पहले ये समझने के लिए कि बुंदेलखंड का एलेक्टोरल इतिहास क्या रहा है, पिछले चुनाव में तो बीजेपी लेकिन उससे पहले और किन राजनीतिक दलों के नंबर्स क्या रहे हैं, बता रहे हैं आजतक रेडियो रिपोर्टर क़ुबूल अहमद.

पंजाब में हिन्दू फैक्टर कितना प्रभावी?

पंजाब में कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने पिछले दिनों एक बयान दिया था कि मुझे हिंदू होने के कारण सीएम कैंडिडेट नहीं बनाया गया. इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी और भाजपा समेत कई दलों ने कांग्रेस पर निशाना साधा. कल अरविंद केजरीवाल ने फिर से सुनील जाखड़ के बयान को मनीष तिवारी से जोड़ते हुए कांग्रेस पर धार्मिक भेदभाव के आरोप लगाए. राजनीतिक दलों की इन सब कोशिशों को देखें तो दिखता है कि पंजाब के चुनाव प्रचार में हिन्दू तबके को अपनी तरफ खींचने की ये कोशिश अब और तेज़ हुई है. तो अब पंजाब में हिन्दू आबादी का अब तक कैसा रोल रहा है और हिन्दू फैक्टर कितना प्रभावी रहा है अब तक के चुनावों में, इस सवाल का जवाब दे रहे हैं इंडिया टुडे मैगजीन पंजाब में एडिटर अनिलेश एस महाजन

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रूस-यूक्रेन तनाव

रूस-यूक्रेन कॉन्फ्लिक्ट का मामला अब कुछ ऐसा हो चला है कि रोज़ कोई ख़बर आपको चौंका जाती है. कल कुछ सेटेलाइट्स तस्वीरें आ गई जिनसे पता चला कि बेलारूस-यूक्रेन बॉर्डर से लगभग छह किलोमीटर पीछे प्रिपयत नदी पर रूस एक पुल बना रहा है. कल भारत सरकार ने इंडिया और यूक्रेन के बीच एयर बबल सिस्टम के तहत ज्यादातर फ्लाइट्स पर लगे बैन को हटा लिया ताकि ज्यादा संख्या में नार्मल फ्लाइट और चार्टर फ्लाइट को दोनों देशों के बीच चल सके. लेकिन इसी के बीच कल एक और बयान Ministry of External Affairs की तरफ़ से आया जिसमें कहा गया कि यूक्रेन में रहने वाले भारतीय को लाने के लिए वो अभी इमीडिएट एक्शन नहीं लेंगे. रूस की कथनी और करनी में इतना फर्क क्यों दिख रहा है? और जिस डिप्लॉयमेंट की बात वो कर रहा है क्या वो ऐरिया युद्ध के स्तर से कितना महत्वपूर्ण है? बता रहे हैं जेएनयू में Centre for Russian and Central Asian Studies के Associate Professor अमिताभ सिंह

चित्रा रामकृष्णा प्रकरण , स्टॉक एक्सेंज फ्रॉड

सिक्युरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया जो कि शेयर मार्केट को रेगुलेट करता है ख़ासकर इन्वेस्टर्स के इंटरेस्ट को केंद्र में रख कर. उसने NSE फ्रॉड मामले में कार्रवाई की है। कल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस मामलें में एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी रहीं चित्रा रामकृष्णा के ठिकानों पर छापेमारी की. क्या था ये पूरा मामला और किन पर कैसी कार्रवाई हुई है? ख़ासकर स्टॉक एक्सचेंज की साख के लिहाज़ से ये कितना प्रोब्लेमेटिक है बता रहे हैं बिजनेस टुडे में सीनियर एसोसिएट एडिटर आशीष शरत रुख़य्यार

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इसके अलावा आज के पॉडकास्ट में सुनिए कि आज की तारीख़ में पहले क्या घट चुका है और साथ ही देश विदेश के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ भी, जिन्हें लेकर आई हैं खुश्बू कुमार  
 

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