शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला है. ठाकरे ने शाह को 'एनाकोंडा' और 'असली अब्दाली' बताते हुए उन पर मुंबई को हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया. यह हमला मुंबई में बीजेपी के नए कार्यालय के भूमि पूजन को लेकर किया गया.
उद्धव ठाकरे ने सामना अखबार में छपी दो ख़बरों का जिक्र करते हुए अपना हमला शुरू किया. उन्होंने कहा कि एक खबर बीजेपी कार्यालय के भूमि पूजन और "बिजली की गति से" जमीन हड़पने के बारे में थी.
दूसरी खबर में जीजामाता उद्यान में 'एनाकोंडा' लाए जाने की बात थी. ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा, "आप सभी जानते हैं कि एनाकोंडा किस लिए जाना जाता है. सब कुछ निगलने के लिए. यह एनाकोंडा जो मुंबई में आया है, वह हमारी पूरी मुंबई को निगलना चाहता है."
वंशवाद पर पलटवार और 'असली अब्दाली' का तंज
ठाकरे ने वंशवाद की राजनीति की आलोचना पर पलटवार करते हुए पूछा कि क्या अमित शाह के बेटे को क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में योग्यता (Merit) के आधार पर चुना गया है? उन्होंने बीजेपी नेताओं को 'असली अब्दाली' करार देते हुए कहा, "ये असली अब्दाली हैं जो हमारी मातृभूमि (मुंबई) पर कब्ज़ा करने आए हैं."
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ठाकरे ने चेतावनी दी कि अगर किसी ने मुंबई पर बुरी नज़र डाली, तो "हम उन्हें हराकर अपनी ही मिट्टी पर उनकी कब्र बनाएंगे." ठाकरे ने गुजरात से जुड़े कुछ राजनीतिक निर्णयों का भी ज़िक्र करते हुए कहा कि “मोरारजी देसाई ने महाराष्ट्रियों के विरोध पर शूट-आट-साइट आदेश दिया था” और तब से वे लोग योजनाबद्ध तरीके से महाराष्ट्र की संपदा लूटने की साजिश कर रहे हैं.
चुनाव आयोग को चेतावनी
चुनावी प्रक्रिया और मतदाता सूची पर भी उन्होंने कड़ी टिप्पणी की. ठाकरे ने चुनाव आयुक्त पर आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में बेइमानी और गड़बड़ी है और कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में वापस आई तो चुनाव आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने चेताया कि जब तक मतदाता सूची साफ नहीं की जाएगी तब तक राज्य में चुनाव नहीं होने देंगे.
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को खुली चुनौती देते हुए कहा, "अगर आप में हिम्मत है, तो खुलेआम हमें चुनौती दो. वरना वोट चोरी में शामिल रहो."
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उन्होंने मतदाता सूची में भ्रष्ट और अनैतिक प्रथाओं का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयुक्त पर भी मामला दर्ज होना चाहिए. उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी दी, "मैं चुनाव आयुक्त को चेतावनी दे रहा हूं कि जब तक मतदाता सूची साफ नहीं हो जाती, तब तक राज्य में चुनाव नहीं होंगे. अगर हम सत्ता में वापस आए तो हम उन्हें (चुनाव आयुक्त को) बुक करेंगे."