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महाराष्ट्र : पुल पर खड़े होकर मासूम को नदी में फेंक रही थी मां, लोगों ने दौड़कर बचाया, Video

अमरावती के तिवासा में एक महिला ने लगभग एक साल के मासूम को पिंगळाई नदी पुल से फेंकने का प्रयास किया. पती के अत्याचार से परेशान महिला को स्थानीय लोग और पुलिस ने 20 मिनट की मशक्कत के बाद बचाया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

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घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. (Photo: Screengrab)
घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. (Photo: Screengrab)

अमरावती के तिवासा शहर के पिंगळाई नदी पुल पर एक हृदय विदारक घटना ने सभी को झकझोर दिया. लगभग एक साल के मासूम को उसकी ही मां ने नदी में फेंकने का प्रयास किया. पती के अत्याचार और घरेलू कलह से तंग आकर महिला ने यह कदम उठाने की कोशिश की. घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना 18 सितंबर को दोपहर करीब 4 बजे घटी. जैसे ही महिला ने शिशु को पुल से नीचे फेंकने की कोशिश की, आसपास मौजूद नागरिकों ने शोर मचाया और मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई. इस बीच सूचना मिलने पर तिवसा पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची. लगभग 20 मिनट की मशक्कत और समझाइश के बाद पुलिस ने महिला को शांत कर मासूम की जान बचाई.

स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला अपने पति द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने से परेशान थी और गुस्से में उसने यह कदम उठाने की कोशिश की.

घटना को लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई
इस संबंध में जब तिवसा पुलिस थाने के एपी गोपाल उपाध्याय से बात की गई तो उन्होंने बताया, 'घटना की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है. लेकिन हमारे लिए प्राथमिकता महिला को समझाना और मासूम को सुरक्षित निकालना था. पुलिस ने महिला को समझा-बुझाकर घर भेज दिया.'

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इस सनसनीखेज घटना से पूरे क्षेत्र में खलबली मच गई है. पिंगळाई नदी पुल पर भारी संख्या में नागरिकों की भीड़ जमा होने से कुछ समय तक यातायात भी प्रभावित रहा.

अगर शिकायत होती है तो इस मामले में मां के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और बाल संरक्षण कानून के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है. यदि साबित होता है कि महिला ने जानबूझकर बच्चे की जान लेने की कोशिश की, तो इसे बाल हत्या का प्रयास (Section 307 IPC) माना जाएगा, जिसकी सजा 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

इसके अलावा, बच्चे की सुरक्षा और जीवन को खतरे में डालने के लिए बाल संरक्षण कानून और Juvenile Justice Act की धाराओं के तहत भी कार्रवाई हो सकती है, जिसके तहत जेल या जुर्माना लग सकता है. अन्य संभावित धाराओं में IPC 323 (चोट पहुंचाना), IPC 506 (धमकी देना) और IPC 34 (समान इरादे से किया गया अपराध) शामिल हो सकते हैं.

सजा की गंभीरता इस बात पर निर्भर करेगी कि बच्चा बचा या नहीं और महिला का इरादा जानबूझकर हत्या का था या क्षणिक गुस्से/तनाव में किया गया. पुलिस और अदालत सभी सबूत, वीडियो और गवाहों के आधार पर निर्णय लेंगी.

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