राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विजयादशमी कार्यक्रम को लेकर अमरावती में सोशल मीडिया पर हलचल मची हुई है. यह कार्यक्रम 5 अक्टूबर को अमरावती में होना है. इस वर्ष संघ के मुख्य कार्यक्रम में कमलताई गवई को प्रमुख अतिथि के रूप में बुलाया गया है. कमलताई गवई ने यह निमंत्रण स्वीकार भी कर लिया है.
कमलताई गवई भारत के चीफ जस्टिस भूषण गवई की माता और रिपब्लिकन पार्टी के दिवंगत नेता रामकृष्ण गवई की पत्नी हैं. अंबेडकरी विचारधारा से जुड़ाव की वजह से सोशल मीडिया पर यह बवाल मचा है.
कमलताई के बेटे डॉ. राजेंद्र गवई ने मंगलवार को सफाई देते हुए कहा कि संबंध सभी से हैं, पर विचारधारा से कोई समझौता नहीं है.
'षड्यंत्र' वाला कथित पत्र वायरल...
कमलताई गवई के निमंत्रण स्वीकार किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चाएं शुरू हुईं. इसी बीच कमलताई गवई के नाम से एक कथित पत्र भी वायरल हुआ है. पत्र में लिखा गया था, "यह मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने का षड्यंत्र है. मैं अंबेडकरी विचारधारा और संविधान को मानने वाली हूं, इसलिए संघ के कार्यक्रम में नहीं जाऊंगी और अपने विचारों से विश्वासघात नहीं करूंगी."
हालांकि, इस पत्र की पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है.
'कार्यक्रम में जाना मतलब विचारधारा बदलना नहीं...'
इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कमलताई गवई के छोटे बेटे और चीफ जस्टिस भूषण गवई के भाई डॉ. राजेंद्र गवई ने मीडिया से बात की. उन्होंने साफ तौर से कहा कि उनकी मां को निमंत्रण मिला है और उन्होंने उसे स्वीकार भी किया है. उन्होंने यह भी बताया कि संघ के कार्यक्रमों में इससे पहले नागपुर में रिपब्लिकन पार्टी के दिग्गज नेता दादासाहेब गवई और राजाभाऊ खोब्रागडे भी शामिल हुए थे. उन्होंने इसे अपने परिवार की परंपरा बताया है.
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विरोधियों पर अफवाह फैलाने का आरोप
डॉ. राजेंद्र गवई ने आगे कहा कि उनके परिवार के संबंध कांग्रेस की इंदिरा गांधी और विदर्भ के गंगाधर फडणवीस जैसे नेताओं से भी घनिष्ठ रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि ये संबंध व्यक्तिगत स्तर पर रहे, परंतु विचारधारा हमेशा अलग रही.
डॉ. राजेंद्र गवई ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा कि वे सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा कि वे कल भी थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे. उन्होंने अपनी मां के फैसले समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने जो फैसला लिया है, मैं उनके साथ पूरी तरीके से खड़ा हूं. RSS के कार्यक्रम में कमलताई गवई को प्रमुख अतिथि बनाए जाने से अमरावती की राजनीति में नई हलचल मच गई है.