महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के सिंदेवाही तहसील से एक दिल दहलाने वाली और चौंकाने वाली घटना सामने आई है. जहां बाघ के हमले में तीन महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई. यह भीषण घटना मेंढा-माल गांव के पास स्थित जंगल में शनिवार सुबह उस समय घटी, जब गांव की कुछ महिलाएं तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जंगल गई थीं. यह पहली बार है कि किसी बाघ के हमले में एक साथ तीन महिलाओं की जान गई है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह गई महिलाओं में से तीन महिलाएं दोपहर तक वापस नहीं लौटीं, जिसके बाद गांव वालों ने वन विभाग को सूचित किया. इसके बाद वन विभाग की टीम और ग्रामीणों ने मिलकर जंगल में सर्च अभियान चलाया. सर्ज के दौरान जंगल में तीनों महिलाओं के क्षत-विक्षत शव मिले, जिन पर बाघ द्वारा किए गए हमले के स्पष्ट निशान थे.
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मृत महिलाओं की पहचान कांता बुधाजी चौधरी (65 वर्ष), शुभांगी मनोज चौधरी (28 वर्ष) और रेखा शालिक शेंडे (50 वर्ष) के रूप में की गई है. सभी मृतक मेंढा-माल गांव की ही निवासी थीं और इनमें सास-बहू भी शामिल हैं. इस घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. वन विभाग ने पंचनामा कर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
वहीं, हमलावर बाघ की पहचान और लोकेशन ट्रैक करने के लिए जंगल में तत्काल कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल है. स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है. स्थानीय लोगों ने वन विभाग से बाघ को पकड़ने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके.