
सत्ता पाने के अच्छे दिनों की तलाश करते विपक्ष के बुरे दिन चल रहे हैं. बिहार में विपक्ष की चलती सरकार पलट गई तो वहीं ईडी दफ्तर में घंटों भ्रष्टाचार के आरोपों पर लालू परिवार को जवाब देना पड़ रहा है. वहीं चंडीगढ़ नगर निगम में बहुमत के बाद भी कांग्रेस-AAP गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा. बुरे दिन विपक्ष के झारखंड में भी नजर आ रहे हैं, जहां कथित तौर पर 41 घंटे तक लापता रहे मुख्यमंत्री सोरेने मंगलवार को रांची में मिले. वह अब बुधवार को घोटालों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सामने पेश होने वाले हैं. उन्होंने ईडी को अपने आवास पर पूछताछ के लिए बुलाया है. अब ईडी का रुख ही झारखंड में अगला सियासी कदम तय करेगा.
दरअसल, ईडी सोमवार को दिल्ली में झारखंड के मुख्यमंत्री को उन्हीं के घर में खोजती रही. सुबह तक झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष ने हुलिया सोरेन का बताते हुए लापता सीएम की जानकारी देने पर 11 हजार के इनाम का ऐलान कर दिया. दोपहर तक राज्यपाल ने झारखंड के सीएम की लोकेशन पता करने के लिए डीजीपी, और चीफ सेक्रेटरी को बुला लिया. इस सबके बीच 27 जनवरी को चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली गए हेमंत सोरेन मंगलवार दोपहर 1.30 बजे कार से रांची के सीएम आवास लौटे दिखे. पत्रकारों ने पूछा कहां थे तो जवाब मिला आपके दिल में.
इस बीच सवाल उठ रहा है कि अगर गिरफ्तारी हुई तो क्या सोरेन अपनी पत्नी को कुर्सी दे देंगे? कुर्सी दे दी तो सहानुभूति पाएंगे या परिवारवाद के नए पेच में विपक्ष फंसेगा? क्या झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी किसी भी वक्त हो सकती है? क्या गिरफ्तारी से पहले ही सोरेन नए सीएम के तौर पर पत्नी कल्पना सोरेन के नाम का ऐलान करने वाले हैं?
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देर शाम बुलाई गई विधायक दल की बैठक
इन सभी सवालों के बीच हेमंत सोरेन ने मंगलवार शाम को विधायक दल की बैठक बुलाई. बैठक में सीएम की पत्नी कल्पना भी दिखीं. कल्पना जो अभी कोई विधायक तक नहीं हैं, उनका बैठक में मौजूद होना कई सुगबुाहटों को जन्म दे रहा है. कारण, राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अगर हेमंत सोरेन तीन घोटाले के आरोपों में गिरफ्तार होते हैं तो क्या पत्नी को सीएम बनाएंगे? अब ईडी बुधवार को जो करेगी, वही देख सोरेन अपनी कुर्सी का फैसला करेंगे.
हालांकि हेमंत सोरेन ने पीटीआई से कहा कि अटकलों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है. निकट भविष्य में मेरी पत्नी के चुनाव लड़ने की संभावना बीजेपी की पूरी कल्पना है. उन्हें बागडोर सौंपने की अटकलें झूठी कहानी गढ़ने के लिए बीजेपी द्वारा बुना गया ताना-बाना है.
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हाल ही में मुख्यमंत्री को भेजे गए समन और सत्तारूढ़ झामुमो के गांडेय विधायक सरफराज अहमद के सोमवार को अचानक इस्तीफे से अटकलें तेज हो गई हैं. विपक्षी बीजेपी ने दावा किया है कि अहमद को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है ताकि मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन ईडी के समन के संबंध में किसी भी स्थिति में गांडेय सीट से चुनाव लड़ सकें.
विधायकों से सादे कागज पर कराए गए दस्तखत
फिलहाल झारखंड के सीएम को लेकर सस्पेंस बरकरार है. सस्पेंस ये है कि बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही होंगे या फिर उनकी पत्नी या कोई और. इस बीच बैठक के बाद सभी विधायक-मंत्रियों को सर्किट हाउस में ही रुकने को कहा गया है. गठबंधन के सभी विधायकों से सादे कागज पर दस्तखत भी कराया गया है. ये दावा बीजेपी की तरफ से किया गया है. बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने दावा किया कि कल्पना सोरेन के नाम पर विधायक दव की बैठक में सहमति नहीं बन पाई. इस दौरना विधायकों से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराया गया. वहीं कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने भी दस्ताखत कराने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि सारे विधायकों को रांची में रहने को बोला गया है. समर्थन पत्र पहले भी दिए गए हैं और फिर से देने की जरूरत पड़ेगी तो देंगे.

इन तीन मामलों में सोरेन के खिलाफ मजबूत सबूत
जानकारों के मुताबिक झारखंड में जमीन घोटाला, कोयला घोटाला और खनन घोटाला के तीन मनी लॉन्ड्रिंग केस में हेमंत सोरेन के खिलाफ मजबूत सबूत हैं. हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने के ठोस मजबूत सबूत ईडी को मिल चुके हैं. सोरेन और अवैध खनन के संबंध को भी स्थापित कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुई पूछताछ में सोरेन और इनके करीबियों का नाम कुछ लोगों ने लिए हैं. ईडी के पास अपराध की कमाई से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों से हेमंत सोरेन के संबंध के भी दस्तावेज वाले सबूत भी मिलने का दावा है,
अब आगे क्या हो सकता है?
जानकारों का कहना है कि बुधवार को ईडी के सामने पहली बार जा रहे हेमंत सोरेन अगर गिरफ्तार होते हैं तो सरकार पर नियंत्रण के लिए चाहेंगे की पत्नी कल्पना को सीएम बना दें. उम्मीद ये हो सकती है कि सहानुभूति पत्नी के सहारे बंटोरेंगे. लेकिन विपक्ष के लिए तब परिवारवाद के पैमाने पर नई चुनौती होगी. दूसरा अगर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी नहीं होती सिर्फ पूछताछ ही होती है तो गिरफ्तारी की तलवार आगे लटकी रहेगी. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष के लिए चुनौती खड़ी रहेगी.