गुजरात के सूरत शहर में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां एक कारोबारी से 100 करोड़ की सरकारी जमीन 15 करोड़ में दिलाने का झांसा देकर 12 करोड़ रुपये की ठगी की गई. सूरत पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है.
आरोपियों ने सरकारी विभागों और मंत्री के पीए के नाम से फर्जी लेटर पैड बनवाए थे ताकि शिकायतकर्ता का भरोसा जीता जा सके. ठगों ने सूरत और गांधीनगर के सरकारी दफ्तरों के फर्जी दस्तावेज दिखाकर कहा कि वे रेवेन्यू विभाग से लेकर शहरी विकास विभाग तक सारी प्रक्रिया पूरी करवा देंगे. कारोबारी को भरोसा दिलाया गया कि 15 करोड़ रुपये में सरकारी जमीन उनके नाम हो जाएगी.
सरकारी जमीन के नाम पर 12 करोड़ ठगे
इस भरोसे पर कारोबारी ने 12 करोड़ रुपये आरोपियों को दे दिए. जब जमीन का एग्रीमेंट आगे नहीं बढ़ा और किसी सरकारी अधिकारी का संपर्क नहीं हुआ, तो कारोबारी को शक हुआ. जांच में सामने आया कि सभी लेटर और कागजात फर्जी थे.
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया
डीसीपी करण राज वाघेला ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में रतन सिंह ठाकोर, संग्राम सिंह और संजय सिंह ठाकोर शामिल हैं. तीनों गांधीनगर के देगाम गांव के रहने वाले हैं और आपस में रिश्तेदार हैं. तीन और आरोपी फरार हैं. पुलिस ने कोर्ट से दो दिन का रिमांड लिया है और यह जांच की जा रही है कि 12 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कहां हुआ.