राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को भी जहरीली हवा से कोई राहत नहीं मिली. लगातार 10वें दिन एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी रही. सुबह शहर का औसत AQI 380 दर्ज हुआ, जो शनिवार की तुलना में थोड़ा अधिक था. कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया, जिससे लोगों की सांस लेना और मुश्किल हो गया है.
सुबह 7:15 बजे जहांगीरपुरी का AQI 438 दर्ज हुआ, जो गंभीर श्रेणी में है. बवाना (431), आनंद विहार (427) और अशोक विहार (421) जैसे प्रदूषण हॉटस्पॉट भी गंभीर स्तर पर बने रहे. इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली के कई इलाकों में हवा बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है.
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दिल्ली से सटे एनसीआर में भी हालात डराने वाले हैं. नोएडा का AQI 396 रहा, जो गंभीर श्रेणी की ओर बढ़ रहा है. ग्रेटर नोएडा का AQI 380 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा. गाजियाबाद 426 AQI के साथ गंभीर श्रेणी में बना रहा.
गुरुग्राम (286) और फरीदाबाद (228) की हवा थोड़ी बेहतर जरूर रही, लेकिन दोनों शहर 'खराब' श्रेणी में दर्ज किए गए. सुबह के वक्त NCR में हल्की धुंध भी छाई रही, जिससे दृश्यता और हवा की गुणवत्ता दोनों प्रभावित हुईं.
CAQM ने कड़े किए नियम, GRAP में बड़े बदलाव
बिगड़ते हालात को देखते हुए शनिवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैप नियमों को और सख्त करते हुए कई प्रतिबंधों को पहले चरण में ही लागू करने का फैसला किया. इसका मतलब है कि अब जैसे-जैसे AQI बढ़ेगा, पाबंदियां पहले की तुलना में जल्दी लागू होंगी.
मुख्य कदमों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है, ताकि डीजल जनरेटर के इस्तेमाल की जरूरत न पड़े. ट्रैफिक जाम वाले इलाकों में अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती, टीवी-रेडियो- अखबारों के जरिए प्रदूषण अलर्ट जारी करना और CNG और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाना भी इसमें शामिल है.
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स्टेज-III के नियम लागू किए गए
स्टेज-III के कई नियम अब स्टेज-II में लागू होंगे, जिनमें दिल्ली और एनसीआर के सरकारी और निजी दफ्तरों में वर्किंग आवर्स की व्यवस्था शामिल है. इसी तरह स्टेज-IV के तहत लागू होने वाले 50% स्टाफ उपस्थिति के नियम अब स्टेज-III में लागू होंगे.
दिल्ली सरकार ने भी निजी दफ्तरों को 50% कर्मियों के साथ काम करने और बाकी स्टाफ को वर्क-फ्रॉम-होम की अनुमति देने का निर्देश दिया है. लगातार बिगड़ती हवा के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं, इसलिए सख्त कदम और भी जरूरी हो गए हैं।.