पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान जंग के मुहाने पर खड़े हैं. इसी बीच केंद्र सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कल यानी बुधवार को प्रस्तावित मॉक ड्रिल से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस ने पूरे शहर में दिन-रात गश्त बढ़ा दी है, विशेष रूप से बाजारों और पर्यटक स्थलों पर खास नजर रखी जा रही है. कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, जनपथ, यशवंत पैलेस, गोल मार्केट जैसे प्रमुख इलाकों में विशेष गश्ती दलों को तैनात किया गया है. मंगलवार सुबह पुलिस टीम ने कनॉट प्लेस में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी भी की.
एजेंसी के मुताबिक पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अभिषेक धनिया ने बताया कि नागरिकों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने को प्राथमिकता देते हुए प्रमुख एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर गाड़ियों की बारीकी से जांच की जा रही है. ये कदम किसी भी संभावित आतंकी खतरे को रोकने के लिए उठाया गया है. हम नागरिकों और यात्रियों से सहयोग की अपील करते हैं.
वहीं, दक्षिण-पश्चिम जिले के डीसीपी सुरेन्द्र चौधरी ने बताया कि लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पैदल गश्त की जा रही है. इस पहल का उद्देश्य सामुदायिक पुलिसिंग को मजबूत करना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है.
सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी जिलों के डीसीपी को तैयारियों के लिए विस्तृत योजनाएं बनाने के निर्देश दिए हैं. डीसीपी अपने-अपने इलाकों में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) और थाना प्रभारियों (SHO) के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर भी अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है. डीसीपी खुद अपनी ज़िम्मेदारियों का निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि रात के समय विशेष रूप से गश्त को तेज किया गया है. मोटरसाइकिल गश्ती दलों और घनी आबादी वाले इलाकों में विशेष पिकेट लगाए गए हैं, जिससे पुलिस की मौजूदगी लगातार बनी रहे.
स्थानीय लोगों से संवाद कर सतर्कता बरतने के निर्देश
बीट अधिकारियों को दुकानदारों, स्थानीय निवासियों से कम्युनिकेशन कर सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. इस 'इंटरएक्टिव पुलिसिंग' से आम लोगों की चिंताओं को प्राथमिकता पर सुना जा रहा है. मॉक ड्रिल के दौरान बम निरोधक दस्ते (BDS) और डॉग स्क्वॉड की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी. पालिका बाजार, जनपथ, खान मार्केट और सरकारी भवनों जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में एंटी-सैबोटाज जांच की जाएगी. अधिकारी ने बताया कि आतंक-रोधी उपायों के तहत वाहन जांच अभियान चलाए जा रहे हैं, शहरभर में कई स्थानों पर पिकेट और चेकपोस्ट लगाए गए हैं. किराये के वाहनों और बिना पंजीकरण वाले वाहनों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.
क्या होती है एंटी सेबोटाज जांच
एंटी सेबोटाज जांच (Anti-Sabotage Investigation) ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें जानबूझकर की गई तोड़फोड़, नुकसान या बाधा उत्पन्न करने वाली गतिविधियों की जांच की जाती है. ये जांच आमतौर पर सुरक्षा, औद्योगिक, सैन्य या सरकारी क्षेत्रों में की जाती है, ताकि ये सुनिश्चित हो कि कोई व्यक्ति, समूह या संगठन किसी प्रणाली, उपकरण, परियोजना या संगठन के खिलाफ नुकसानदायक गतिविधियां न कर रहा हो. इस जांच का मुख्य उद्देश्य संभावित खतरों की पहचान करना है.