किडनी की बीमारी आदके समय में काफी कॉमन हो रही है. इसे साइलेंट किलर भी बोला जाता है क्योंकि ये धीरे-धीरे खराब होती जाती है और अचानक से पता चलता है कि काफी देर हो चुकी है. फिर जब एक बार किडनी खराब होने लगे तो उसे वापस पहले जैसा करना लगभग असंभव माना जाता है. लेकिन हाल ही में एक नई स्टडी में सामने आया है कि जिससे किडनी की हेल्थ को रिवर्स भी किया जा सकता है. यह खोज किडनी डिजीज के ट्रीटमेंट को जो इलाज होता है, उसे पूरी तरह पलट सकता है.
क्या आया रिसर्च में?
जेसीआई इनसाइट में पब्लिश हुई रिसर्च में सामने आया है कि वैज्ञानिकों ने एक ऐसी वजह खोज निकाली है जो किडनी को नुकसान पहुंचाती है और यदि उसे समय रहते रोक लिया जाए तो किडनी डैमेज को वापिस ठीक किया जा सकता है.
स्टडी में पाया गया कि शरीर में मौजूद Ceramides नाम के फैटी मॉलिक्यूल किडनी की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं. जब रिसर्चर्स ने चूहों में इन मॉलिक्यूल को बनने से रोक दिया तो जिन परिस्थितियों में उनकी किडनी खराब हो सकती थी, उन स्थितियों में भी उनकी किडनी हेल्थ बिल्कुल सही रही.
किडनी की कोशिकाएं और उनके माइटोकॉन्ड्रिया सुरक्षित रहे. इसका मतलब यह हुआ कि किडनी पर पड़ने वाला नुकसान रोकना ही नहीं बल्कि उसे पलटना भी संभव हो सकता है.
किडनी ट्रीटमेंट में मिलेगी मदद
यह खोज भविष्य में किडनी रोगों के इलाज को पूरी तरह बदल सकती है. अभी तक माना जाता था कि एक बार किडनी खराब होने लगे तो उसे बस रोका जा सकता है, पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता. लेकिन यह नई स्टडी बताती है कि अगर इंसानों पर भी यह तरीका असर करे तो आगे चलकर किडनी फेलियर, डायलिसिस और ट्रांसप्लांट की जरूरत कम हो सकती है.
हालांकि अभी यह रिसर्च केवल चूहों पर हुई है, इसलिए इसे मनुष्यों पर लागू करने में समय लगेगा. फिर भी यह एक उम्मीद जगाने वाली खोज है, जो किडनी रोगों के उपचार का भविष्य बदल सकती है.