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Cholesterol के मरीजों के लिए आई खुशखबरी, LDL को 58% तक कम कर सकती है नई दवा!

Bad Cholesterol: हाल ही में हुई एक स्टडी के अनुसार, एन्लिसिटाइड नामक नई दवा बैड कोलेस्ट्रॉल को 58 फीसदी तक कम कर सकती है. यह उन लोगों के लिए राहत की खबर है जो बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं. आज हम इस खबर में जानेंगे कि यह दवा कैसे काम करती है और भारत में इसका क्या असर होगा.

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नई दवा जो बैड कोलेस्ट्रॉल कम करने में करेगी मदद (Photo- Getty image)
नई दवा जो बैड कोलेस्ट्रॉल कम करने में करेगी मदद (Photo- Getty image)

कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर आई है. एक स्टडी के मुताबिक, बैड कोलेस्ट्राल को घटाने वाली एक नई दवा आई है जिसे लेकर डॉक्टर्स काफी उत्साहित हैं. इस दवा का नाम एन्लिसिटाइड (Enlicitide) है जिसे मर्क (Merck) नामक कंपनी ने बनाया है. हाल ही में अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल (JAMA) में छपी स्टडी के अनुसार, एन्लिसिटाइड नामक इस दवा को खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल 58% तक कम हो सकता है. अब तक ऐसी दवाएं इंजेक्शन के रूप में मिलती थीं, इसलिए डॉक्टर इस गोली को एक आसान और असरदार ऑप्शन मान रहे हैं.

यह स्टडी टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट (Texas Heart Institute) ने की जिसमें 17 देशों के 59 मेडिकल सेंटर्स से 303 लोगों को शामिल किया गया. सभी लोग हेटेरोजाइगस फेमिलियल हाइपरकोलेस्टेरोलेमिया (HeFH) नाम की जेनेटिक बीमारी से पीड़ित थे जिसमें बचपन से ही बैड कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा रहता है और कम उम्र में ही हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है.

भारत में बढ़ती कोलेस्ट्रॉल की समस्या

जब बैड कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है. भारत जैसे देश में जहां दिल से जुड़ी बीमारियां मौत का बड़ा कारण हैं, ऐसी असरदार और आसान दवा का मिलना लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. आज भारत में कोलेस्ट्रॉल के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जो एक बड़ी चिंता का कारण बनता जा रहा है.

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ICMR और (मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन) Madras Diabetes Research Foundation की एक बड़ी स्टडी जो The Lancet में 2023 में छपी, बताती है कि देश के 81% से ज्यादा लोगों में लिपिड से जुड़ी समस्या पाई जाती है. इसके अलावा लगभग 21% भारतीय (लगभग 18.5 करोड़)  का बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है.

कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते जोखिम को देखते हुए, कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (Cardiological Society of India) ने जुलाई 2024 में पहली बार लिपिड मैनेजमेंट गाइडलाइंस जारी कीं. इनमें कहा गया है कि जो लोग पहले से हाई रिस्क में हैं जैसे डायबिटीज या हाई BP वाले मरीज उन्हें बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) 70 mg/dL से कम रखना चाहिए. हालांकि स्टैटिन दवाएं कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल की मुख्य दवाएं हैं फिर भी लगभग  20% मरीज इन्हें लेने के बाद भी इस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते. कुछ लोग स्टैटिन लेने पर मांसपेशियों में दर्द या कमजोरी जैसी दिक्कतें महसूस करते हैं और दवा जारी नहीं रख पाते. ऐसे मरीजों के लिए दूसरी तरह की दवाओं की जरूरत पड़ती है ताकि कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस किया जा सके.

नई दवा कैसे काम करती है

एनलिसिटाइड उसी तरह की दवा है जैसे इंजेक्शन के रूप में दी जाने वाली एवोलोकुमाब  (evolocumab) और इंक्लिसिरन (inclisiran) जो भारत में पहले से उपलब्ध हैं. ये सभी दवाएं PCSK9 नाम के एंजाइम पर काम करती हैं. यह एंजाइम बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है.

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हालांकि शुरुआती नतीजे अच्छे हैं, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि इस दवा से कोलेस्ट्रॉल तो कम होता दिखा है लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि क्या इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक या मौत का खतरा भी कम होगा. यह जानने के लिए और स्टडी जरूरी है.

भारत में PCSK9 दवाएं काफी असरदार होने के बावजूद ज्यादा फेमस नहीं हो पाई हैं. इसके कई कारण हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है बहुत ज्यादा कीमत (जैसे inclisiran की साल भर की कीमत 1 लाख रुपए से ज्यादा होती है), इंश्योरेंस में कम कवरेज और सस्ते व आसानी से मिलने वाले स्टैटिन्स का ऑप्शन मौजूद होना.

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