
सोशल मीडिया पर विशाल जुलूस का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें भगवा कपड़े पहने लोगों की भीड़ को “जय श्री राम” के नारे लगते देखा जा सकता है. जुलूस में कई महिलाएं भी हैं जो अपने सिर पर कलश रखे हुईं हैं.
वीडियो को शेयर करने वालों की मानें तो ये वीडियो माता सीता के मायके नेपाल का है, जहां से ये जुलूस उपहार लेकर अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए निकल चुका है. यहां बता दें कि नेपाल के जनकपुर शहर को देवी सीता का घर माना जाता है.

फेसबुक , इंस्टाग्राम और एक्स ( ट्विटर) पर ये वीडियो सैकड़ों लोग शेयर कर चुके हैं. दूरदर्शन के आधिकारिक हैंडल से भी इस वीडियो को पोस्ट किया गया है. वीडियो के साथ में कैप्शन में लिखा है, “रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चारों तरफ उत्सव का वातावरण है। नेपाल से बड़ी संख्या में लोग उपहार लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं.”
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
“आजतक फैक्ट चेक” ने पाया कि ये वीडियो नेपाल का नहीं, बल्कि जुलाई 2023 में ग्रेटर नोएडा में निकली कलश यात्रा का है.
कैसे पता की सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें 12 जुलाई 2023 का एक फेसबुक पोस्ट मिला जिसमें ये वीडियो मौजूद है. वीडियो में बागेश्वर धाम सरकार का हैशटैग लगा हुआ है और जगह ग्रेटर नोएडा बताई गई है.
इस जानकारी की मदद से सर्च करने पर हमें एक यूट्यूब चैनल पर इस जुलूस का एक वीडियो मिला. ये जुलूस बाबा बागेश्वर धाम के समर्थकों ने ग्रेटर नोएडा में उनकी भागवत कथा से पहले निकाला था.
इसे लेकर कुछ खबरें भी छपी थीं. ‘ईटीवी भारत’ की खबर में बताया गया है कि करीब तीन किलोमीटर लंबा ये जुलूस 9 जुलाई 2023 को ग्रेटर नोएडा में निकाला गया था. 10 जुलाई से 16 जुलाई तक जैतपुर गांव में बागेश्वर धाम की भागवत कथा का आयोजन हुआ था. इस जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया था. इस दौरान, महिलाएं सर पर कलश और नारियल रखकर चली थीं. कई और खबरों में भी इस जुलूस के बारे में जानकारी दी गई है.
इस जुलूस के पूरे वीडियो को बागेश्वर धाम के यूट्यूब चैनल पर भी शेयर किया गया था. इसमें वायरल वीडियो वाला हिस्सा 1 मिनट 5 सेकंड के बाद देखा जा सकता है.
हालांकि, यह बात सही है कि नेपाल के जनकपुर से तीन हजार से ज्यादा उपहार अयोध्या भेजे गए हैें. इन उपहारों में चांदी के जूते, आभूषण और कपड़े शामिल हैं. यह उपहार तीन दर्जन गाड़ियों के एक काफिले से अयोध्या लाए गए थे.