अखिलेश यादव ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की मैपिंग के लिए ऐप बनाने वाली कंपनी ने बीजेपी इलेक्टोरल बॉन्ड दिए हैं. अखिलेश ने कहा कि ये ऐप ठीक से काम नहीं कर रहा है और लोगों को परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि जिस कंपनी ने SIR का मैप बनाया हो और उसी कंपनी ने बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड दिया हो तो स्वाभाविक है कि आम जनता को परेशानी उठानी ही पड़ेगी.
दिल्ली के ताज होटल में चल रहे विचारों के महामंच एजेंडा आजतक- 2025 में पहुंचे अखिलेश ने यूपी की राजनीति, SIR, डिटेंशन सेंटर पर विस्तार से बात की. SIR की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए अखिलेश ने कहा कि इसके खिलाफ होने के बावजूद भी उन्होंने इस फॉर्म को इसलिए भरा क्योंकि
सरकार ने विरोध को स्वीकार नहीं किया.
अखिलेश ने कहा कि यूपी का चुनाव देश का चुनाव होगा, क्योंकि यहां से पीएम और रक्षा मंत्री चुनकर आते हैं और वे बहुत तैयारी से चुनाव लड़ते हैं. उन्होंने कहा कि हारने वाला जानता है और समझता है कि आने वाले समय में उसे क्या तरीका अपनाना चाहिए. ताकि वो जीत सके.
पूर्व सीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी चुनाव जीतने जा रही है इसलिए उनपर SIR थोपा जा रहा है. अखिलेश ने कहा कि उन्होंने बिहार में टेस्ट किया और अब वे बंगाल पहुंचे हैं. लेकिन ममता दीदी वहां बीजेपी को कामयाब नहीं होने देगी.
अखिलेश ने कहा कि जो SIR चल रहा है यूपी में उससे ये लग रहा है कि 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को फिर से फॉर्म भरना पड़ेगा. वे परेशानी में आएंगे. जब फाइनल SIR के बाद वोटर लिस्ट आएगी उसमें 4 करोड़ लोगों को परेशानियां आएगी. सुनने में आया है कि जो मैपिंग ऐप आया है वो लोगों को सहयोग नहीं कर रहा है.
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि एक बात यह भी चल रही है कि मैपिंग बनाने वाले जो लोग हैं, जो कंपनी है उन्होंने बीजेपी को इलेक्टरोल बॉन्ड दिया है. अब सोचिए आप, जिस कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड दिए हों बीजेपी को उसी कंपनी का मैपिंग ऐप हो तो स्वाभाविक है कि आम जनता को परेशानी उठानी ही पड़ेगी. इसलिए मैं कह रहा हूं कि 4 करोड़ लोगों को परेशानी उठानी पड़ेगी.
अखिलेश ने कहा कि ये परेशानी क्यों. आपके पास आधार था. इससे आप जमीन रजिस्ट्री, पासपोर्ट सब काम करवा रहे हैं, लेकिन यहां आधार नहीं मान रहे हैं. इसका मतलब ये है कि बीजेपी हार गई है और SIR के बहाने लोगों को डराना चाहती है, जो NRC वो करा नहीं पाए वो SIR के माध्यम से करा रहे हैं.
यूपी में डिटेंशन सेंटर बनने पर अखिलेश ने कहा कि सरकार से ये पूछा जाना चाहिए उन्होंने SIR से पहले डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं बताए. अगर घुसपैठियों की बात है तो 10-11 साल में कितने घुसपैठिए आए इसका आंकड़ा सरकार दे और अगर आंकड़ा ज्यादा निकलता है तो सरकार को इस्तीफा देना चाहिए.