देशभर में इंडिगो एयरलाइंस की उड़ान सेवाएं पिछले कई दिनों से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडियो एयरलाइंस के सीईओ को सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने साफ कहा है कि अगर जांच में यह पता चला कि इंडिगो ने यह सब जानबूझकर किया है तो हम सख्त से सख्त एक्शन लेंगे.
एजेंडा आज तक 2025 के मंच पर पहुंचे नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने IndiGo एयरलाइंस के हजारों यात्रियों को हुई परेशानी के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि जो ये समस्या पैदा हुई इंडिगो के कुप्रबंध के कारण हुआ है. नई गाइडलाइन के तहत उन्हें जिस तरह से अपना रोस्टर तैयार करना चाहिए था, उसमें गड़बड़ी की गई, उसके चलते ही फ्लाइट्स कैंसिल हुईं और कई फ्लाइट्स देरी से चलीं.
उन्होंने कहा, "यह संकट सिर्फ इंडिगो के घोर कुप्रबंधन का नतीजा था. उनके इंटरनल क्रू रोस्टरिंग सिस्टम में कुछ गड़बड़ी थी, जिसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) गाइडलाइंस के तहत नए नियमों का पालन करके टाला जा सकता था, जो दुर्भाग्य से नहीं हुआ. यही वजह है कि हमने 3 और 4 दिसंबर को फ्लाइट कैंसिल होने का डोमिनो इफेक्ट देखा."
जब उनसे पूछा गया कि क्या पिछले कुछ हफ़्तों से संकट बढ़ने के दौरान सरकार या डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन सो रहे थे, तो उन्होंने कहा, "नए FDTL नियम 1 नवंबर को लागू हुए थे. हम कुछ सामान्य कैंसलेशन को लेकर एयरलाइन के लगातार संपर्क में थे. अगले कुछ दिनों तक, एक ऐसा दौर आया जब कोई कैंसलेशन नहीं हुआ."
मंत्री नायडू ने आगे साफ किया कि उनके मंत्रालय ने 1 दिसंबर को इंडिगो के साथ एक अहम मीटिंग की थी, यह जानने के लिए कि क्या उन्हें नए नियमों से कोई समस्या या चिंता है. उन्होंने कभी नहीं बताया कि उन्हें कोई समस्या है. हम काफी सतर्क थे और सभी ऑपरेशनल निगरानी का ध्यान रख रहे थे और यह सुनिश्चित कर रहे थे कि सब कुछ सामान्य रहे. हमने उन्हें कई मौके भी दिए थे कि अगर ऐसी कोई घटना होती है, तो आप हमारे पास आकर इस पर बात कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हम रोजाना इंडिगो की आंतरिक कार्यप्रणाली की निगरानी नहीं कर सकते. हम रेगुलेटर हैं. हमारा काम सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इंडिगो का काम है कि वह इन सुरक्षा मानकों का पालन करे. हमने FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियम इसलिए लागू किए क्योंकि हमें पायलटों, क्रू मेंबर्स और यात्रियों की सुरक्षा की चिंता है. यही हमारी प्राथमिकता है. जब हमने नए नियम लागू करने का फैसला लिया, तो हमारी जिम्मेदारी थी कि एयरलाइंस से बात करें. हमने सभी एयरलाइंस से बात की सबने कहा कि वे नियमों का पालन कर रहे हैं. इंडिगो ने भी कहा कि उन्हें कोई समस्या नहीं है.
मंत्री ने कहा कि अगर हम इंडिगो का रोस्टर चेक करेंगे तो फिर इंडिगो का मैनेजमेंट क्यों है? ऐसा तो नहीं हो सकता कि देश की सभी एयरलाइंस का संचालन मंत्रालय ही संभालने लगे. यह कोई लड़ाई सरकार बनाम इंडिगो की नहीं है. इसका असर आम लोगों पर पड़ा है, वे यात्री जो एक शहर से दूसरे शहर जाना चाहते थे. मेरी जिम्मेदारी है कि उनके लिए हालात सामान्य हों और उड़ान सेवाएं स्थिर रहें. इसी कारण हम इंडिगो के पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.
इंडिगो ने भारत सरकार को धोखा दिया?
जब उड्डयन मंत्री से सीधे तौर पर पूछा गया कि क्या इंडिगो ने भारत सरकार को धोखा दिया है क्योंकि इंडिगो के अधिकारी डीजीसीए से मिले थे और उन्होंने इस संकट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी. इस पर उड्डयन मंत्री ने कहा कि हम बहुत स्पष्ट जवाब देने वाले हैं. ऐसा समाधान आएगा कि आगे कभी कोई एयरलाइन यह सोच भी न पाए कि मंत्रालय को धोखा दिया जा सकता है. और मैं यह गारंटी देता हूं कि यह स्थिति फिर कभी नहीं दोहराई जाएगी. अगर मैं यह सुनिश्चित नहीं कर सकता, तो फिर मेरे यहां होने का कोई मतलब नहीं है. मैं इस देश का उड्डयन मंत्री हूं और मेरी जिम्मेदारी है कि इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनी रहे. यह क्यों हुआ, इसका कारण भी जल्द सामने आएगा. इसलिए ही हमने जांच बैठाई है.
इंडिगो एयरलाइंस के सीईओ के लिए कही ये बात
आपने कहा था कि आप एयरलाइंस के सीईओ को बर्खास्त कर देंगे. क्या ऐसा हो सकता है कि एक प्राइवेट एयरलाइंस के सीईओ को सरकार बर्खास्त कर सकती है? इसके जवाब में नायडू ने कहा कि हम कानून के हिसाब से काम करेंगे. लेकिन जिस तरह की समस्या लोगों को हुई है, उसके लिए हम एक्शन लेंगे. मैं अपने बयान की बात करूं तो मैंने कहा था कि अगर जांच में यह सामने आया कि यह सब जान बूझकर किया गया तो हम इंडिगो से बात करेंगे और सीईओ को बर्खास्त करने की मांग करेंगे. ये एयरलाइंस 20 सालों से बढ़िया चल रही थी लेकिन ऐसा क्या हुआ कि अचानक इतनी बड़ी समस्या खड़ी हो गई. आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसको भी देखने की जरूरत है.