टेलीविजन की रेस में इस हफ्ते कौन आगे या पीछे है, इसकी जानकारी सामने आ गई है. इस साल के 48वें हफ्ते की टीआरपी रेटिंग्स की लिस्ट आई है, जिसमें कुछ शोज उसी तरह टॉप पर बने नजर आए. वहीं कुछ शोज ने पिछले हफ्ते के मुकाबले, इस हफ्ते काफी बुरा परफॉर्म किया है.
इस हफ्ते क्या रहा टीआरपी रेटिंग्स का हाल?
रूपाली गांगुली स्टारर 'अनुपमा' और स्मृति ईरानी स्टारर 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' इस हफ्ते भी टॉप 2 पर बने रहे. 'अनुपमा' शो ने पिछले चार महीनों से अपनी बादशाहत कायम रखी है. वहीं, 'क्योंकि सास भी...' का दूसरा सीजन भी ऑन एयर होने के बाद नंबर 2 पर टिका हुआ है.
लेकिन पिछले हफ्ते जिस शो को तीसरे नंबर पर जगह मिली हुई थी, वो अचानक टॉप 10 की रेस में काफी नीचे आ गया है. कलर्स टीवी का हिट कुकिंग शो 'लाफ्टर शेफ' इस हफ्ते टीआरपी चार्ट्स में नंबर 8 पर रहा. शो अपने नए सीजन के साथ वो पुराना कॉमेडी का मसाला नहीं लेकर आ पाया, जिसने इसे घर-घर में लोगों की पहली पसंद बनाई थी.
'लाफ्टर शेफ' की जगह इस हफ्ते जी टीवी का शो 'गंगा माई की बेटियां' ने ली. इसके बाद स्टार प्लस का शो 'उड़ने की आशा' नंबर 4, जी टीवी का शो 'तुम से तुम तक' नंबर 5 पर रहा. टॉप 5 की रेस के बाद, सीरियल 'वसुधा' नंबर 6, 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' नंबर 7, 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' नंबर 9 और 'बिग बॉस 19' नंबर 10 पर रहा.
एक झटके में क्यों गिरी 'लाफ्टर शेफ' की टीआरपी?
'लाफ्टर शेफ' टीवी की दुनिया में एक ऐसा शो था, जहां खाना बनाने के साथ-साथ कॉमेडी का तड़का लगता था. भारती सिंह, कृष्णा अभिषेक और सुदेश लहरी जैसे नामी कॉमेडियन्स, टीवी के जाने-माने सितारों के साथ खाना बनाते थे. जिसमें खूब सारी मस्ती और हंसी-मजाक होता था. सुदेश लहरी और निया शर्मा की जोड़ी को पिछले दो सीजन्स काफी पसंद किया गया. मगर नए सीजन में दोनों नहीं नजर आए. उनकी जगह कई नई जोड़ियां आई, लेकिन वो पुराना फ्लेवर गायब रहा.
इस बार 'लाफ्टर शेफ' सीजन 3 में तेजस्वी प्रकाश और ईशा मालवीय की जोड़ी ऑडियंस को सबसे इरिटेटिंग लगी. दोनों शो के दौरान बेफिजूल की कॉमेडी करती नजर आ रही हैं, जो लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में इस सीजन शो की टीआरपी गिरने का सबसे बड़ा कारण ये भी है. 'लाफ्टर शेफ' में मेकर्स 11 सालों बाद कलर्स टीवी पर कपिल शर्मा को भी लेकर आए, लेकिन वो पैंतरा भी काम नहीं आया. वहीं भोजपुरी स्टार पवन सिंह भी शो पर गेस्ट के तौर पर आए, मगर उनकी मौजूदगी भी टीआरपी में फायदा नहीं दिला पाई.