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जब आमिर ने पहली बार बेटे आजाद की धर्मेंद्र से कराई थी मुलाकात, बोले- कुछ घंटे...

गोवा फिल्म फेस्टिवल में बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान ने धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी तारीफ की. इसके साथ ही अपने बेटे को धर्मेंद्र से मिलाने का भी किस्सा शेयर किया.

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आमिर खान ने धर्मेंद्र को किया याद (Photo: Screengrab)
आमिर खान ने धर्मेंद्र को किया याद (Photo: Screengrab)

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र के निधन से इस वक्त बॉलीवुड में गम का माहौल का है. इंडस्ट्री के बड़े सेलेब्स एक्टर धर्मेंद्र के साथ बिताए पलों को याद कर रहे हैं. इसी कड़ी में बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान ने भी एक किस्सा सुनाया. जब अपने बेटे आजाद को वो पहली बार धर्मेंद्र से मिलवाने पहुंचे थे. 

दरअसल सुपरस्टार आमिर खान गोवा में इस समय आयोजित हो रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में शामिल हुए. इस दौरान ANI से बात करते हुए एक्टर ने बेटे आजाद को धर्मेंद्र से पहली बार मिलवाने का किस्सा सुनाया.

क्या कहा आमिर खान ने?
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए आमिर ने कहा, 'मैं उनके (धर्मेंद्र) पास जाकर बैठता था. एक दिन, मैं अपने बेटे आजाद को भी अपने साथ ले गया. मैंने कहा, मैं चाहता हूं कि तुम किसी से मिलो, क्योंकि आजाद ने सच में उनका काम नहीं देखा है. लेकिन वह मेरे साथ आया और हमने उसके साथ कुछ घंटे बिताए और यह सच में बहुत बढ़िया था.'

इंडस्ट्री ने उन्हें कम आंका!
आमिर ने कहा,  'मुझे लगता है कि लोगों ने, मुझे नहीं पता कि लोगों ने वाकई गौर किया है या नहीं, मुझे लगता है कि उन्हें कम आंका गया है. रोमांस हो या अलग-अलग जॉनर, उन्होंने बेहतरीन एक्टिंग की है. वह कमाल की कॉमेडी करते हैं, कमाल का रोमांस करते हैं, ड्रामा करते हैं.'

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उन्होंने आगे कहा, 'धर्मजी न सिर्फ एक बहुत अच्छे एक्टर थे, बल्कि वह एक बहुत अच्छे इंसान भी थे. वह बहुत नरम दिल वाले थे, वह एक बहुत बड़े आदमी की तरह थे और वह बहुत प्यारे थे. चाहे वह किसी से भी मिलते, चाहे वह कोई कलीग हो, चाहे वह इंडस्ट्री से बाहर का कोई हो, वह हमेशा लोगों से बहुत प्यार से और नरमी से मिलते थे.'

फिल्म इंडस्ट्री को हुआ बड़ा नुकसान
आमिर खान ने धर्मेंद्र की मौत को फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक 'बड़ा नुकसान' बताया. उन्होंने कहा, 'धर्मजी एक इंस्टीट्यूशन थे, उनका सत्यकाम आज भी हमें सिखाता है, वह एक बहुत अच्छे इंसान थे, वह एक बेहतरीन एक्टर थे और यह हम सभी के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. उनकी अपनी भाषा पर बहुत अच्छी पकड़ थी. मेरा मतलब है, उनकी हिंदुस्तानी बहुत साफ थी. उन्हें सुनना कमाल का होता था, यहां तक ​​कि लाइव इवेंट्स में भी जब वह बोलते थे, तो उनमें बहुत ग्रेस होती थी.'

बता दें कि अपने छह दशकों से भी ज्यादा के करियर में धर्मेंद्र ने आई मिलन की बेला, फूल और पत्थर, आए दिन बाहर के, सीता और गीता, राजा जानी, जुगनू, यादों की बारात, दोस्त, शोले, प्रतिज्ञा, चरस, धरम वीर जैसी कई यादगार फिल्में कीं.

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