Buta Mohammad Profile: चुनावी राज्य पंजाब में मंगलवार को एक बड़ी हलचल हुई. यहां सूफी गायक बूटा मोहम्मद सुबह लुधियाना में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए. लेकिन कुछ ही घंटों बाद बूटा मोहम्मद को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के चंडीगढ़ स्थित आवास पर देखा गया और कुछ देर बाद खबर आई कि बूटा मोहम्मद पंजाब लोक कांग्रेस में शामिल हो गए. पंजाब लोक कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी है.
सुबह बीजेपी और घंटों बाद पंजाब लोक कांग्रेस के साथ जाने से न सिर्फ कन्फ्यूजन हुआ बल्कि विवाद भी बढ़ा. बाद में बूटा सिंह ने कहा कि वो पंजाब लोक कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं, बल्कि उनके दोस्त सरदार अली शामिल हुए हैं और वो उन्हीं के साथ वहां गए थे.
Happy to welcome many prominent Punjabis into the Punjab Lok Congress fold today. pic.twitter.com/qyYc1BEepo
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 14, 2021
लेकिन दिलचस्प बात ये भी है कि पंजाब लोक कांग्रेस ने कैप्टन और बूटा मोहम्मद की तस्वीरें शेयर की थीं, जिसमें बूटा मोहम्मद पार्टी का मफलर पहने दिख रहे थे. इतना ही नहीं, पंजाब लोक कांग्रेस ने ये भी कहा कि सरदार अली के साथ बूटा मोहम्मद पार्टी में शामिल हुए. सरदार अली ने भी कहा कि वो इस उम्मीद से पंजाब लोक कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं कि पार्टी गायकों की बेहतरी के लिए काम करेगी.
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कौन हैं बूटा मोहम्मद?
- बूटा मोहम्मद सूफी गायकों के परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता स्वर्गीय सरदार मोहम्मद एक प्रसिद्ध गायक और संगीतकार थे. बूटा ने संगीत अपने पिता और चाचा से सीखा है. उनके भाई भी एक गायक हैं.
- बूटा मोहम्मद ने दिल्लगी, झांजरां, गबरू दे मोड्या, है मेरी जान और मां दियां दुआवां जैसे प्रसिद्ध गाने गाए हें. उनका पहला गाना 1996 में लॉन्च हुआ था जो सूफी गाना था.
पंजाब में फरवरी-मार्च में चुनाव
पंजाब में फरवरी या मार्च में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. इस बार पंजाब में कड़ा मुकाबला होने की भी उम्मीद है क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बना ली है और उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 117 सीटों में से 77 पर जीत हासिल की थी. आम आदमी पार्टी 20 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी. वहीं, बीजेपी ने शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और गठबंधन ने 18 सीटें जीती थीं.