पंचायत आजतक के मंच से गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार चुनाव को लेकर कई बड़े बयान दिए. उन्होंने साफ कहा कि नक्सलियों के साथ-साथ उनके मददगारों पर भी कार्रवाई होगी चाहे वो 'इंटलेक्चुअल' हों या कोई और. जो लोग नक्सलियों को फंडिंग या वैचारिक मदद करते हैं, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी. ये सरकार किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी.
अमित शाह ने घुसपैठियों के मुद्दे पर भी विपक्ष पर तीखा वार किया. उन्होंने कहा कि वो लोग वोट बैंक की राजनीति के लिए देश की सुरक्षा से समझौता करते हैं. सीमांचल में ढेर सारे फर्जी मतदाता बन चुके हैं, चुनाव आयोग का शुद्धिकरण अभियान इसी वजह से उन्हें खटक रहा है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें मतदाता सूची से बाहर करेगी और देश की सीमाएं सुरक्षित रखेगी.
हमें जनता के फैसले पर भरोसा
नीतीश कुमार पर भरोसे के सवाल पर शाह ने कहा कि बीजेपी विश्वास से ज़्यादा जनता के फैसले पर भरोसा करती है. उन्होंने कहा कि हम नीतीश कुमार के साथ हैं क्योंकि जनता ने एनडीए को जनादेश दिया है. मगर हम चुनाव अपनी ताकत, अपने परफॉर्मेंस और अपने नेतृत्व की लोकप्रियता के आधार पर लड़ते हैं.
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तेजस्वी यादव के 'हर परिवार को नौकरी' वाले वादे पर शाह ने कहा कि बिहार का बजट सवा तीन लाख करोड़ का है, जबकि इतनी नौकरियां देने के लिए 12 लाख करोड़ चाहिए. ये वोट लेने का सफेद झूठ है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में सड़क, बिजली, शौचालय, गैस और जल योजनाओं के जरिए गरीबों के जीवन में वास्तविक सुधार किया है.
शाह ने साफ कहा कि यह चुनाव 'डबल इंजन सरकार' की परफॉर्मेंस पर रेफरेंडम होगा. साथ ही विपक्ष को चेतावनी दी कि भ्रष्टाचार और घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्र सरकार का रुख अब पहले से कहीं ज़्यादा सख्त रहेगा.