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ममता बनर्जी ने नहीं भरा SIR फॉर्म, बंगाल CM बोलीं- इससे तो जमीन में नाक रगड़ना बेहतर

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए खुलासा किया कि उन्होंने अब तक SIR फॉर्म नहीं भरा है. इससे पहले एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने की कोशिश कर रही है.

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बंगाल सीएम ममता ने कहा कि उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने की जरूरत नहीं है (File Photo- PTI)
बंगाल सीएम ममता ने कहा कि उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने की जरूरत नहीं है (File Photo- PTI)

बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर बंगाल की राजनीति अपने चरम पर है. इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए खुलासा किया कि उन्होंने अब तक SIR फॉर्म नहीं भरा है. उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने की जरूरत नहीं है और ऐसा करना अपमानजनक है.

ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने अभी तक फॉर्म फिलअप नहीं किया है. क्यों करूं? मैं तीन बार की केंद्रीय मंत्री रही हूं, सात बार सांसद रही हूं और आपके आशीर्वाद से तीन बार मुख्यमंत्री बनी हूं. अब मुझे प्रमाणित करना होगा कि मैं नागरिक हूं या नहीं. इससे तो जमीन पर नाक रगड़ना बेहतर है.”

इससे पहले नादिया जिले के कृष्णनगर में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने तीखे शब्दों में आरोप लगाया कि भाजपा और केंद्र सरकार बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, "अमित शाह सीधे तौर पर मतदाताओं की सूची से 1.5 करोड़ नाम हटाने की कोशिशों को गाइड कर रहे हैं. अगर SIR प्रक्रिया के दौरान एक भी योग्य मतदाता को बाहर किया गया तो वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगी."

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मुख्यमंत्री ने उन रिपोर्टों का हवाला दिया कि जिन लोगों ने अपने दस्तावेज़ों के हिस्से के रूप में दादा-दादी के नाम जमा किए थे, उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा और उनके नाम रोल से हटाए जाने का खतरा होगा. उन्होंने कहा, "अब हम सुनते हैं कि जिन्होंने अपने दादा-दादी के नाम दिए हैं, उन्हें बुलाया जाएगा और योजना है कि इन सुनवाइयों से सीधे नाम हटा दिए जाएं." 

इन लोगों SIR फॉर्म भरने की नहीं होती जरूरत

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री सहित संवैधानिक पदाधिकारियों को ‘मार्क्ड इलेक्टर’ श्रेणी में रखा जाता है, इसलिए उन्हें सामान्य नागरिकों की तरह फॉर्म भरने की बाध्यता नहीं है. इस श्रेणी में प्रधानमंत्री, सभी मुख्यमंत्री और अन्य संवैधानिक पद धारक शामिल हैं और कानूनी तौर पर उन्हें जनगणना फॉर्म जमा करने की आवश्यकता नहीं है.

बंगाल में SIR का पहला चरण आज गुरुवार को खत्म हो रहा है, जिसमें ड्राफ्ट रोल 16 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे और सुनवाई और सत्यापन दिसंबर और जनवरी के मध्य तक जारी रहेंगे. अंतिम मतदाता सूची फरवरी के मध्य में प्रकाशित होने वाली है.

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