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JEE के ड्रॉपर बैच के लिए क्यों 'गलत' है क्राइट्रेरिया सिस्टम? ये मांग कर रहे एस्प‍िरेंट्स

JEE का ड्रॉपर बैच यानी साल 2022 में 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करने वाला बैच, इस बैच के सामने अब 75 पर्सेंट नंबर और 20 पर्सेंटाइल का क्राइटेरिया मुसीबत बन गया है. इस बैच का कहना है कि हमें पहले ही यह कहा गया था कि आप पर JEE का क्राइटेरिया नहीं लगेगा, हमने उसी तरह एग्जाम दिया, लेकिन अब क्राइटेरिया हमारे सामने है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना का कहर खत्म होने के बाद साल 2022 की बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन मोड में हुई थी. इसी साल सीबीएसई ने दो सेशन में बोर्ड एग्जाम कराए थे. इस साल श‍िक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि साल 2021-22 बैच के छात्रों पर जेईई मेंस का क्राइटेरिया लागू नहीं होगा. इस साल छात्रों के सामने जेईई मेंस के जरिये आईआईटी या एनआईटी में दाख‍िला लेने का पूरा चांस था. लेकिन, कई छात्र रैंक अच्छी न आने के कारण या अपनी पसंद का कॉलेज या ब्रांच न मिलने के कारण दाख‍िला नहीं ले पाए.

वो छात्र तभी से तैयारी में जुट गए क्योंकि उनके सामने अगले साल का चांस था, लेकिन अचानक 15 दिसंबर 2022 को नेशनल टेस्ट‍िंग एजेंसी और जैब ने साल 2023 में किसी भी बोर्ड से क्लास 12 में 75 पर्सेंट नंबर और 20 पर्सेंटाइल के क्राइटेरिया की घोषणा कर दी. आईआईटीज में दाख‍िले के लिए इसे जरूरी कर दिया गया. इस घोषणा के बाद बीते एक साल से कोचिंग संस्थानों को मोटी फीस देकर तैयारी कर रहे हजारों छात्रों के सामने मुसीबत आ गई. ये वो छात्र थे जिन्होंने तैयारी तो पूरी कर ली थी, फिर भी क्राइटेरिया के कारण आईआईटी या एनआईटी में दाख‍िला पाने के योग्य नहीं रह गए. aajtak.in ने ड्रॉपर बैच के छात्रों से बातचीत करके जानी उनकी मुश्क‍िलें. 

छात्र अनुपम कहते हैं कि साल 2019 तक आईआईटी, एनआईटी में एडमिशन क्राइटेरिया किसी भी बोर्ड से क्लास 12 में 75 पर्सेंट नंबर और 20 पर्सेंटाइल जरूरी था. फिर सरकार ने साल 2020, 2021 और 2022 सत्र के लिए यह क्राइटेरिया हटा दिया था. एजुकेशन मिनिस्टर ने ट्वीट करके साल 2021-22 के लिए भी यह क्राइटेरिया हटाया था. साल 2021-22 बैच के छात्रों ने सिर्फ जेईई की तैयारी के साथ सिर्फ बोर्ड एग्जाम पास किया था, उनके सामने बिना क्राइटेरिया के आईआईटी एनआईटी में दाख‍िले का विकल्प खुला था. लेकिन वही छात्र जो कि अब एक साल के ड्रॉप के बाद आईआईटी, एनआइटी में एडमिशन के लिए एलिजिबल हैं, मगर सिर्फ 75 पर्सेंट बोर्ड में न होने के कारण वो जेइ्रई मेंस पास करने के बावजूद आईआईटी में दाख‍िला नहीं ले सकते. 

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मेरे जैसे तमाम छात्रों के सामने अब यह समस्या है कि नेशनल टेस्ट‍िंग एजेंसी (NTA), जेईई एपेक्स बोर्ड (JAB) ने हमें 15 दिसंबर को क्लास 12 में 75 पर्सेंट नंबर और 20 पर्सेंटाइल क्राइटेरिया का नियम साल 2023 में रीस्टोर होने की जानकारी दी. इतने कम समय में हम अपने नंबरों में इंप्रूवमेंट भी नहीं करा सकते. वहीं, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश बोर्ड ने 12वीं कक्षा के लिए इंप्रूवमेंट भी नहीं खोला है. इसलिए यूपी बोर्ड के ड्रॉपर्स अपने बोर्ड पर्सेंटेज अब इंपूव भीनहीं कर सकते. 

पिछले साल कई छात्र जेईई मेंस में रैंक इंप्रूव करने के चक्कर में आईआईटी या एनआईटीज में दाख‍िला नहीं ले सके. वो अपने मनपसंद के कॉलेज या ब्रांच में दाख‍िला लेने के लिए इस साल फिर से एग्जाम देना चाहते थे. लेकिन इस साल कई छात्र जिनके बोर्ड में 73 या 74 पर्सेंट भी हैं वो जेईई मेंस में अच्छी रैंक पाने के बावजूद अपनी पसंद के इंजीनियरिंग कॉलेज या ब्रांच में दाख‍िला नहीं ले पाएंगे. 

बर्बाद होगी एक साल की तैयारी 

छात्रों का कहना है कि अगर ये क्राइटेरिया लागू रहा तो छात्रों की एक साल की तैयारी तो बर्बाद होगी ही, साथ ही उन्होंने तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों में जो फीस भरी है, वो भी बेकार जाएगी. इसलिए एक साल बाद जेईई मेंस की परीक्षा देने वाले जेईई ड्रॉपर्स  2022 में 12वीं पास करने वाले अपने जैसे छात्रों पर क्राइटेरिया न लागू करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा छात्रों का यह भी तर्क है कि साल 2022 में सीबीएसई बोर्ड ने 30:70 फार्मेट में दो सेशन में बोर्ड परीक्षा आयोजित की थी, इसमें साल में छात्रों को दो बार परीक्षा देनी पड़ी थी.

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पहले सेशन में तीस नंबर के लिए एमसीक्यू बेस्ड परीक्षा हुई, वहीं दूसरे सेशन में 70 पर्सेंट के लिए सब्जेक्ट‍िव परीक्षाएं ली गईं. कई छात्रों ने पहले सेशन में अच्छे नंबर हासिल किए लेकिन सेकेंड सेशन में उनके 70 प्रतिशत से कम नंबर आए. छात्र अनुपम का कहना है कि पहली बार बोर्ड ने हम पर नया परीक्षा पैटर्न लागू किया था. छात्रों पर इसका भी प्रेशर था, लेकिन 75 पर्सेंट और 20 पर्सेंटाइल का क्राइटेरिया न होने के कारण छात्रों ने बोर्ड का बहुत ज्यादा प्रेशर नहीं लिया था. लेकिन, अब वही प्रेशर हम पर तब डाला जा रहा है जब हम जेईई मेंस के द्वार पर खड़े हैं. 

छात्र बोले, हम इस कारण डिप्रेशन में हैं

छात्र अनमोल ने aajtak.in से बताया कि मैं एक जेईई एस्पिरेंट हूं, मैंने 12वीं बोर्ड की परीक्षा 2022 में 73 पर्सेंट नंबरों से पास की थी, मैं साल 2022 के लिए जेईई मेन के जरिये एनआईटी में दाख‍िले के लिए क्वालीफाई था, लेकिन इस साल क्राइटेरिया लागू होने के बाद आईआईटी या एनआईटी में दाख‍िले का मेरा सपना टूट गया है, यही एक वजह से मैं डिप्रेशन से घिर गया हूं, मेरे जैसे कई छात्र हैं जिनके सामने ये समस्या आ गई है. सरकार को इस पर फिर से विचार करना चाहिए. 

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छात्र गौरव ने भी बोर्ड परीक्षा 2022 में 73 प्रतिशत नंबरों से पास की थी. गौरव का कहना है कि साल 2022 में मैंने ड्रॉप लिया था क्योंकि मैं बेहतर रैंक चाहता था. इस साल पर‍िवार ने तैयारी के लिए कोचिंग आदि के लिए दो लाख रुपये भी खर्च किए हैं, लेकिन अचानक से 75 पर्सेंट और 20 पर्सेंटाइल क्राइटेरिया लागू होने के बाद मेरे सामने मुश्क‍िल आ गई है. समझ नहीं आता है कि क्या करूं. पूरी तैयारी होने के बावजूद मैं आईआईटी या एनआईटी में दाख‍िला नहीं ले पाऊंगा. सरकार को इस क्राइटेरिया में साल 2022 के जेईई ड्रॉप बैच को छूट देनी चाहिए. 

 

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