उत्तर प्रदेश के कौशांबी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. प्रथम वर्ष के छात्रों की शिकायत पर एंटी रैगिंग सेल ने त्वरित कार्रवाई की. जांच में द्वितीय वर्ष के 97 छात्रों को दोषी पाया गया, जिन्हें कॉलेज प्रशासन ने एक माह के लिए निलंबित कर दिया है और उन पर ₹5-5 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.
97 छात्र निलंबित, जुर्माना भी लगा
आपको बता दें कि कौशांबी मेडिकल कॉलेज के 97 छात्रों को निलंबित किया गया है. कॉलेज परिसर में रैगिंग का मामला उजागर होने पर यह कार्रवाई हुई है. एंटी रैगिंग सेल दिल्ली को सीधे शिकायत मिलने के बाद एक्शन किया गया. रैगिंग की जांच मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी को सौंपी गई थी. जांच रिपोर्ट में द्वितीय वर्ष के 97 छात्रों को दोषी पाया गया. कॉलेज प्रशासन ने इन छात्रों को एक माह के लिए निलंबित कर दिया.
एंटी रैगिंग सेल का एक्शन
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. हरिओम सिंह ने बताया कि 30 नवंबर को एंटी रैगिंग सेल से शिकायत प्राप्त हुई थी. शिकायत मिलते ही एंटी रैगिंग सेल हरकत में आया और मामले की जांच मेडिकल कॉलेज की आंतरिक एंटी रैगिंग कमेटी को सौंपी गई. कमेटी ने मौके पर पहुंचकर जूनियर और सीनियर छात्रों से बातचीत की, जिसके बाद रैगिंग की पूरी जानकारी जुटाई गई. यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और शासन की मंशा के अनुरूप की गई है.
प्रिंसिपल ने दी जानकारी
जांच रिपोर्ट में द्वितीय वर्ष के पूरे बैच यानी 97 छात्रों को दोषी पाया गया. इन सभी छात्रों पर ₹5-5 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. प्रिंसिपल ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद 97 छात्रों को तत्काल प्रभाव से एक माह के लिए निलंबित कर दिया गया है. फिलहाल, यह एक अंतिम कार्रवाई का डिसीजन है, जिससे जूनियर बैच का कॉन्फिडेंस बढ़े और सीनियर बच्चों का मोरल डाउन रहे.
डॉ. हरिओम सिंह ने स्पष्ट किया कि निलंबन के साथ ही एक विस्तृत जांच कमेटी बना दी गई है, जो यह पता लगाएगी कि रैगिंग में कौन बच्चे बेसिक इंवॉल्व हैं. अभी जुर्माने की राशि वसूल नहीं गई है, केवल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है. जांच कमेटी की अंतिम रिपोर्ट आने के बाद आगे का अंतिम निर्णय लिया जाएगा.