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SIR के फॉर्म में ये गलती की तो हो सकती है जेल! कहीं आपने तो नहीं किया ये काम?

अभी देशभर में वोटर लिस्ट का SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) हो रहा है. ऐसे में मतदाताओं को कई सावधानियां बरतने की जरूरत है. वरना एक गलती आपको जेल पहुंचा सकती है. ऐसे में जानते हैं आखिर वो कौन सी गलती है जो हमें नहीं करनी है.

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SIR के दौरान इन गलतियों से बचें. (File Photo)
SIR के दौरान इन गलतियों से बचें. (File Photo)

निर्वाचन आयोग वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) का काम करवा रहा है. शॉर्ट फॉर्म में इसे हम SIR कहते हैं. इसका मतलब है कि नए सिरे से मतदाताओं की पहचान के साथ वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है. ऐसे में लोगों से उनकी पहचान से जुड़े दस्तावेज भी देखे जा रहे हैं. एसआईआर के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि एक ही शख्स दो जगहों पर वोटर न हो.

ऐसे में कई लोग जो अपने पैतृक गांव या शहर से दूर नौकरी या अन्य किसी काम से बाहर रह रहे हैं या लंबे समय से अपने घर से दूर हैं. उनमें से कुछ लोग दूसरी जगह भी मतदाता बन गए हैं और पैतृक स्थान वाले विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची में भी पहले से उनका नाम दर्ज है. ऐसे में एसआईआर के वक्त इन लोगों को खास सावधानियां बरतने की जरूरत है.

SIR के दो जगहों से अलग-अलग फॉर्म न भरें
अगर किसी शख्स का दो अलग-अलग जगह मतदाता सूची में नाम है, तो उन्हें एक जगह से अपना नाम हटवाना होगा. अगर दोनों जगह से SIR का फॉर्म भरकर जमा कर दिय गया है तो यह अपराध की संज्ञा में है.

इतने दिनों के लिए जाना पड़ सकता है जेल
दो-दो जगहों पर मतदाता सूची में नाम होने पर और दोनों ही जगह से SIR फॉर्म भर देने पर जेल जाने की नौबत आ सकती है. क्योंकि, SIR के वक्त यह घोषित करना होता है कि आप एक ही जगह के मतदाता है. अगर एसआईर में दी गई किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं होती है या जानकारी गलत होती है तो रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ पीपल्स एक्ट, 1950 के सेक्शन 31 के तहत एक सजा वाला अपराध है. इसके लिए एक साल के लिए जेल की सजा हो सकती है या फिर जुर्माना भरना पड़ सकता है.

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अगर दो जगह वोटर लिस्ट में नाम है तो क्या करें
अगर किसी का दो जगह वोटर लिस्ट में नाम चला गया है या किसी ने गलती से दो जगहों से एसआईआर फॉर्म भर दिया है तो उसे सबसे पहले अपने BLO से संपर्क करना होगा. फिर उसे फॉर्म -7 भरकर देना होगा.

फॉर्म - 7 क्या होता है
वोटर लिस्ट से अपना या किसी और का नाम हटवाने के लिए फॉर्म -7 भरना जरूरी होता है. अपने बीएलओ के दिशा-निर्देश में आवेदक को यह फॉर्म भरना होता है.

यह आवेदन उस चुनाव क्षेत्र के मौजूदा वोटर रोल में रजिस्टर्ड वोटर द्वारा किया जा सकता है. जिन्हें अपना नाम हटवाना हो वो आवेदक हो सकता है या उसके बदले कोई रिश्तेदार भी एप्लीकेशन भर सकता है. इसके बाद वह एप्लीकेंट का या अपना नाम वोटर रोल से हटाने का अनुरोध कर सकता है.

ऐसे हट जाएगा दूसरी जगह वोटर लीस्ट से नाम
फॉर्म-7 भरने के लिए एप्लीकेंट को अपना नाम, EPIC नंबर और अपना या अपने किसी रिश्तेदार (पिता/माता/पति/लीगल गार्जियन) का मोबाइल नंबर बताना होगा.

एप्लीकेंट को किसी एक ऑप्शन पर टिक करना होगा जिसके लिए वह एप्लीकेशन देना चाहता है. उसे ऑप्शन के नीचे दिए गए किसी एक कारण पर भी टिक करना होगा कि वह क्योंकि वोटर लिस्ट से अपना या अपने रिश्तेदार या किसी और का नाम हटवाना चाहता है.

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इन वजहों से हटाया जाता है नाम
फॉर्म-7 में वोटर लिस्ट से किसी का नाम हटवाने या डिलीट करवाने की कई वजह होती है- इनमें वोटर की मौत, कम उम्र, गैर-मौजूदगी/परमानेंटली कहीं और शिफ्ट होना, उसी जगह या किसी दूसरी जगह पर वोटर लिस्ट में पहले से इनरॉल होना, भारतीय नागरिक न होना शामिल है.

इसलिए जरूरी है फॉर्म - 7 भरना
यानी दो जगहों पर अगर आप वोटर लिस्टों में इनरॉल हैं, तो एक जगह से नाम हटवाना जरूरी हो जाता है. इसके लिए फॉर्म-7 भरकर देना होता है. एप्लीकेंट को एक 'डिक्लेरेशन' भी देना होता है कि एप्लीकेशन में बताए गए फैक्ट्स और डिटेल्स उसकी जानकारी और विश्वास के हिसाब से सही हैं. इसके बाद उनका नाम वोटर लिस्ट से हट जाता है.

डिक्लेरेशन वाले हिस्से में कोई भी गलत बयान देना रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ पीपल्स एक्ट, 1950 के सेक्शन 31 के तहत एक सजा वाला अपराध है, जिसमें एक साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. यानी आप अगर SIR में कोई भी गलत जानकारी देते हैं या छिपाते हैं तो आपको सजा मिल सकती है.

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