scorecardresearch
 

क्या होती है राजनीतिक शरण? अपना मुल्क छोड़ने पर बड़े-बड़ों को पड़ चुकी है इसकी जरूरत

हर देश में राजनीतिक शरण देने के लिए एक अलग प्रक्रिया होती है. आमतौर पर, यह फैसला सरकार या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा लिया जाता है. राजनीतिक शरण पाने की प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है. हर शरणार्थी का मामला अलग होता है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि किसी को राजनीतिक शरण मिलेगी या नहीं.

Advertisement
X
शेख हसीना अभी भारत में ही हैं. (फाइल फोटो)
शेख हसीना अभी भारत में ही हैं. (फाइल फोटो)

सोमवार, 5 अगस्त 2024 की तारीख बांग्लादेश के इतिहास में दर्ज हो गई है. नौकरी में आरक्षण (स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए) के खिलाफ आंदोलन इतना उग्र हो गया है कि चार बार प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को पद से इस्तीफा देना पड़ा और आनन-फानन में देश छोड़ना पड़ा. बांग्लादेश के अखबार इसे शेख हसीना क पतन लिख रहे हैं. शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि जल्द ही वे लंदन या फिनलैंड जैसे किसी देश में राजनीतिक शरण (पॉलिटिकल असालइम) ले सकती हैं. हालांकि लंदन में शरण लेने को पर अभी ब्रिटेन की ओर से कुछ साफ नहीं हुआ है. इस बीच राजनीतिक शरण के बारे में जानना भी जरूरी हो जाता है.

राजनीतिक शरण क्या है?
राजनीतिक शरण एक ऐसा कानूनी संरक्षण है जो किसी व्यक्ति को उस देश से मिलता है जहां उसे अपने जीवन, स्वतंत्रता या सुरक्षा के लिए खतरा महसूस होता है. नियमों के हिसाब से अगर ऐसा कोई व्यक्ति अपने धर्म, जाति, राष्ट्रीयता, या किसी विशेष समूह से जुड़ाव के कारण या राजनीतिक कारणों से अपने देश में सताया जा रहा है और वह वहां रहने में खतरा महसूस कर रहा है तो वह किसी अन्य देश से शरण मांग सकता है.

राजनीतिक शरण पाने के लिए क्या करना होता है?
किसी भी देश में असाइलम पाने के लिए कुछ मापदंड़ों को पूरा करना होता है, जो इस प्रकार हैं-

  • दस्तावेज: शरणार्थी को यह साबित करना होता है कि उसे अपने देश में वास्तव में खतरा है. इसके लिए उसे दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है.
  • साक्षी: कई बार शरणार्थी को साक्षियों की भी जरूरत होती है जो उसके दावे को सही साबित कर सकें.
  • इंटरव्यू: शरणार्थी का इंटरव्यू लिया जाता है, जिसमें उसे अपने दावे के बारे में विस्तार से बताना होता है.

राजनीतिक शरण देने का फैसला कौन करता है?
हर देश में राजनीतिक शरण देने के लिए एक अलग प्रक्रिया होती है. आमतौर पर, यह फैसला सरकार या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा लिया जाता है. राजनीतिक शरण पाने की प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है. हर शरणार्थी का मामला अलग होता है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि किसी को राजनीतिक शरण मिलेगी या नहीं. राजनीतिक शरण एक गंभीर मुद्दा है और इसे विभिन्न देशों की नीतियों और कानूनों के अनुसार देखा जाता है.

Advertisement

राजनीतिक शरण पाने वाले व्यक्ति के अधिकार क्या होते हैं?

  • रहने का अधिकार: शरणार्थी को उस देश में रहने का अधिकार मिल जाता है जहां उसे शरण मिली है.
  • काम करने का अधिकार: कई देशों में शरणार्थियों को काम करने का अधिकार भी मिलता है.
  • शिक्षा का अधिकार: शरणार्थियों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होता है.

अपना देश छोड़कर किसी दूसरे देश में शरण लेने का सिलसिला काफी पुराना है. 19वीं सदी में कार्ल मार्क्स तक ने यूके में राजनीतिक शरण ली थी. तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश के तवांग को पार कर भारत आए थे. अप्रैल 1959 में भारत ने दलाई लामा को शरण दी, जिस वक्त उन्हें शरण दी गई, उस वक्त उनकी उम्र महज 23 साल थी. ऐसे और भी कई मामले हैं, जैसे-

1. रशियन तानाशाह की बेटी स्वेतलाना अलिलुयेवा
रशियन तानाशाह कहे जाने वाले जोसफ स्टाललिन की मृत्यु के बाद 1966 में उनकी बेटी स्वेतलाना अलिलुयेवा ने भारत से शरण मांगी थी, लेकिन उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी. इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली में स्थित यूएस एंबेसी गई और राजनीतिक शरण मांगी. अपनी इच्छा लिखित में सबमिट करने के बाद उन्हें अमेरिका में शरण मिल गई और 2011 में अपनी मौत तक स्वेतलाना अमेरिका में ही रहीं.

Advertisement

2. ईरान के शासक मुहम्मद रजा पहलवी
मुहम्मद रजा पहलवी ईरान का ऐसा शासक था, जिसने खुद को शंहशाह की उपाधि दी थी. उन्होंने 1941 से 1979 तक शासन किया. 1979 में मुहम्मद रजा पहलवी को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने इजिप्ट और मोरक्को में शरण ली. कुछ समय तक मेक्सिको के प्रेसिडेंट के पास भी रहे, जो उनके दोस्त भी थे. हालांकि अमेरिका में उन्हें शरण नहीं मिल पाई. आखिर में उन्होंने फिर से इजिप्ट से शरण मांगी और जुलाई 1980 में मृत्यु तक वहीं रहे.

3. विकीलीक्स फाउंडर, जूलियन असांज
ऑस्ट्रेलियाई कंप्यूटर प्रोग्रामर जूलियन पॉल असांज ने साल 2006 में विकीलीक्स की स्थापना की थी. उन्होंने लीक्ड डॉक्यूमेंट्स छापकर कई देशों खासकर अमेरिका से पंगा ले लिया था. 2010 में स्वीडन ने उनके खिलाफ यूरोपियन अरेस्ट वॉरंट जारी किया लेकिन वो बेल जंप करके फरार हो गए और लंडन के इक्वाडोर की एंबेसी में शरण ली. 2012 में उन्हें राजनीतिक उत्पीड़न के आधार पर इक्वाडोर में असाइलम मिल गया, जोकि 2019 में रद्द कर भी कर दिया गया. असाइलम रद्द होने के बाद पुलिस एंबेसी में घुसी और असांजे को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें बेल बेल्क एक्ट तोड़ने का दोषी पाया गया और 50 हफ्ते जेल में बिताने की सजा मिली. वे तब से अब तक लंदन की जेल में हैं.

Advertisement

4. एडवर्ड स्नोडेन
अमेरिकन व्हिसल-ब्लोअर कहे जाने वाले एडवर्ड जोसेफ स्नोडेन ने साल 2013 में अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) के बेहद सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स लीक कर दिए थे. वे एनएसए में कर्मचारी थे और उनके लीक किए हुए डॉक्यूमेंट्स पर दी गार्डियन और वॉशिंग्टन पोस्ट जैसे अखबरों में सनसनीखेज आर्टिकल छपे. स्नोडेन के खिलाफ अमेरिका की सरकार ने एस्पियानेज एक्ट और सरकारी डॉक्यूमेंट्स की चोरी का आरोप लगाया. तब स्नोडेन भागकर मॉस्को पहुंचे और एक महीने से ज्यादा वक्त तक वो एयरपोर्ट पर ही रहे. उसके बाद रूस ने उन्हें एक साल का वीजा देते हुए शरण दी. वीजा की अवधि बढ़ती रही और 2020 में उन्हें हमेशा के लिए रूस में रहने की इजाजत मिल गई. सितंबर 2022 में उन्हें प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने  उन्हें रूस की नागरिकता दी थी.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement