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गोवा क्लब अग्निकांड: थाईलैंड से भारत लाए गए लूथरा ब्रदर्स, BNS की इन धाराओं में होगी कार्रवाई, मिलेगी इतनी सजा

गोवा नाइटक्लब अग्निकांड के आरोपी लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड से भारत लाए गए हैं. 25 लोगों के मारे जाने की इस दर्दभरी वारदात के सिलसिले में बीएनएस की किन धाराओं में कार्रवाई होगी और क्या हो सकती है सजा? पढ़ें पूरी कहानी.

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लूथरा ब्रदर्स को गोवा ले जाया जा रहा है (फोटो-ITG)
लूथरा ब्रदर्स को गोवा ले जाया जा रहा है (फोटो-ITG)

Goa Club Fire Case: गोवा के चर्चित नाइटक्लब अग्निकांड के मुख्य आरोपी गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को थाईलैंड से भारत लाया गया है. दोनों आरोपी दोपहर करीब 1:45 बजे इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे. लूथरा ब्रदर्स उस नाइटक्लब के को-ओनर हैं, जहां 6 दिसंबर 2025 को भीषण आग लगी थी. इस हादसे में 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. अब उनकी भारत वापसी के बाद इस मामले की जांच ने रफ्तार पकड़ ली है.

गोवा ले जाने की तैयारी
योजना के मुताबिक ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद दोनों भाइयों को देर रात गोवा लाया जाएगा. गोवा पहुंचते ही उन्हें सीधे अंजुना पुलिस स्टेशन ले जाया जाएगा. यहां उनसे आग लगने की घटना और क्लब प्रबंधन से जुड़े सवालों पर पूछताछ होगी. पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में कई नए खुलासे हो सकते हैं. इस केस में अन्य जिम्मेदार लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में है.

17 दिसंबर को कोर्ट में पेशी संभव
पुलिस के मुताबिक आरोपियों को 17 दिसंबर को मापुसा मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया जा सकता है. कोर्ट में रिमांड और आगे की कानूनी प्रक्रिया पर फैसला होगा. पुलिस इस दौरान क्लब की फायर सेफ्टी व्यवस्था और इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े दस्तावेज पेश कर सकती है. कोर्ट की अनुमति मिलने पर पुलिस कस्टडी रिमांड भी मांगी जा सकती है.

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कैसे फरार हुए थे लूथरा ब्रदर्स?
हादसे के कुछ घंटों बाद ही दोनों आरोपी मुंबई से थाईलैंड के फुकेट के लिए रवाना हो गए थे. गोवा पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. इसके बाद इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था. मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने दोनों के पासपोर्ट सस्पेंड कर दिए थे. आखिरकार थाईलैंड में उन्हें डिटेन किया गया और अब भारत लाया गया है.

बीएनएस की धारा 105: गैर इरादतन हत्या
एफआईआर में बीएनएस की धारा 105 लगाई गई है, जो आईपीसी की धारा 304 के समकक्ष है. यह धारा हत्या की श्रेणी में न आने वाली गैर इरादतन हत्या से जुड़ी है. अगर किसी कृत्य से जान लेने का इरादा साबित होता है, तो आजीवन कारावास या 5 से 10 साल की सजा हो सकती है. वहीं केवल ज्ञान के आधार पर अपराध साबित होने पर 10 साल तक की सजा और जुर्माना संभव है.

बीएनएस की धारा 125: जान और निजी सुरक्षा को खतरा
धारा 125 उन लापरवाह कामों पर लागू होती है, जिनसे लोगों की जान या सुरक्षा खतरे में पड़ती है. इस धारा में तीन महीने तक की जेल या ₹2,500 तक का जुर्माना हो सकता है. अगर चोट लगती है तो 6 महीने तक की जेल और ₹5,000 तक जुर्माने का प्रावधान है. गंभीर चोट की स्थिति में सजा 3 साल तक और जुर्माना ₹10,000 तक हो सकता है.

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बीएनएस की धारा 287: आग से लापरवाही
BNS की धारा 287 आग या ज्वलनशील पदार्थ से लापरवाही भरे आचरण से जुड़ी है. आरोप है कि क्लब में फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे. न तो फायर उपकरण थे और न ही सुरक्षित निकासी मार्ग. इस धारा के तहत 6 महीने तक की जेल या ₹2,000 तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

साझा इरादा और अन्य धाराएं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस केस में साझा इरादा यानी कॉमन इंटेंशन की धाराएं भी जोड़ी गई हैं. बीएनएस की धारा 3(5) और अन्य सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़ी धाराएं एफआईआर में शामिल हैं. पुलिस का मानना है कि मालिक, प्रबंधक और आयोजनकर्ताओं की सामूहिक लापरवाही से यह हादसा हुआ. अगर यह साबित हुआ तो सजा और भी कड़ी हो सकती है.

कितनी हो सकती है संभावित सजा?
अगर कोर्ट यह मानता है कि लूथरा ब्रदर्स की लापरवाही जानलेवा थी, तो लंबी जेल या आजीवन कारावास तक का खतरा बन सकता है. धारा 105 और 287 जैसी धाराएं साथ लगने पर कुल सजा कई वर्षों तक जा सकती है. जुर्माने का बोझ भी अलग से लगेगा. यह सब कोर्ट में पेश सबूतों पर निर्भर करेगा.

आगे क्या होगी कानूनी प्रक्रिया?
अब गोवा पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ करेगी. क्लब की मंजूरी, फायर एनओसी और आयोजन की जिम्मेदारी तय की जाएगी. आने वाले दिनों में चार्जशीट और ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होगी. इस केस पर पूरे देश की नजर है, क्योंकि इसमें 25 लोगों की जान गई है. पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
 

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