नागपुर शहर में एक चौंकाने वाली साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें तीन आरोपियों ने एक व्यक्ति को डराकर 1.51 करोड़ रुपये ऐंठ लिए. पुलिस ने इस मामले में गुजरात से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. साइबर पुलिस के अनुसार, ठगों ने नागपुर निवासी पीड़ित को व्हाट्सऐप वीडियो कॉल किया और खुद को पुलिस अधिकारी बताया.
उन्होंने दावा किया कि पीड़ित के बैंक खाते से मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े लेन-देन हुए हैं और इसका इस्तेमाल आतंकवाद फंडिंग में हुआ है. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज भेजकर चेतावनी दी कि अगर पैसा ट्रांसफर नहीं किया गया तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
कैसे हुई ठगी?
आरोपियों ने पीड़ित पर मानसिक दबाव बनाकर कहा कि खाते की “जांच” के लिए रकम भेजनी होगी. इस डर से पीड़ित ने विभिन्न बैंक खातों में कुल 1.51 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. पूरा मामला कई दिनों तक चला और पीड़ित लगातार ठगों के संपर्क में रहा.
साइबर पुलिस ने कैसे पकड़े आरोपी?
पीड़ित की शिकायत के बाद साइबर पुलिस ने बैंक ट्रांज़ैक्शनों को ट्रैक किया. जांच में पैसे का लिंक राजकोट तक मिला. पुलिस टीम वहां पहुंची और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार है
चिराग मुकेश गोहेल (24 वर्ष)
हेत विपुल पंचमिया (20 वर्ष)
शमा अरशद परमार (51 वर्ष)
पुलिस की चेतावनी
पुलिस ने कहा कि ऐसी कॉल आने पर नागरिक तुरंत साइबर हेल्पलाइन या पुलिस से संपर्क करें. किसी भी सरकारी एजेंसी या पुलिस विभाग का बकाया या जांच का काम व्हाट्सऐप कॉल पर नहीं होता और न ही डिजिटल गिरफ्तारी की कोई प्रक्रिया होती है. यह घटना बताती है कि साइबर ठग किस तरह डर और धमकी का माहौल बनाकर लोगों से पैसे वसूलते हैं. नागरिकों को ऐसे मामलों में सतर्क रहने की जरूरत है.