कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई का शिकंजा तृणमूल कांग्रेस के विधायक निर्मल घोष पर कसने लगा है. उनसे जांच एजेंसी लगातार पूछताछ कर रही है. आरोप है कि इस केस के खुलासे के बाद से लेकर पीड़िता के अंतिम संस्कार तक, घटनास्थल से लेकर श्मशान घाट तक उनको हर जगह देखा गया था. एक्स प्रिंसिपल संदीप घोष से भी उनकी बातचीत हुई थी.
एक सीबीआई अधिकारी ने बताया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के डॉक्टर-प्रोफेसर अपूर्व बिस्वास से भी इसी मामले के सिलसिले में पूछताछ की जा रही है. उनके साथ टीएमसी के पानीहाटी विधायक निर्मल घोष भी सीबीआई ऑफिस पहुंचे हुए थे. वो सोमवार की सुबह करीब 10.30 बजे साल्ट लेक में सीबीआई के सीजीओ कॉम्प्लेक्स ऑफिस पहुंचे. उन्हें इस वारदात के बारे में पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
सीबीआई का कहना है कि विधायक निर्मल घोष को वारदात वाले दिन अस्पताल और श्मशान घाट सहित कई अन्य जगहों पर देखा गया था।. उन पर मृतक डॉक्टर के जल्दबाजी में अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का संदेह है. एक अधिकारी ने बताया, "हमें कॉल डिटेल मिल गई है. हमारी जांच में पता चला है कि 9 अगस्त को पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और निर्मल घोष के बीच बातचीत हुई थी. हम उसकी डिटेल जानना चाहते हैं.''
सीबीआई द्वारा पूछताछ के बाद बाहर आए पोस्ट मार्टम करने वाली फॉरेंसिक टीम के सदस्य डॉक्टर अपूर्व बिश्वास ने दावा किया कि अपने को पीड़िता का चाचा बताने वाले एक व्यक्ति ने उन पर जल्दी पोस्टमार्टम करने का दबाव बनाया था. उन्होंने डॉक्टरों से कहा था, ''यदि आज पोस्टमार्टम नहीं हुआ तो खून बहा दूंगा.'' सोमवार को जांच एजेंसी ने उनसे करीब पांच घंटे की पूछताछ की है. वहां से वापस आने के बाद उन्होंने अपना बयान दिया है.

उनका कहना है कि पीड़िता का चाचा बताने वाले एक शख्स ने जल्दी पोस्टमार्टम के लिए कहा था. लेकिन पेपर आने में देरी होने की वजह से पोस्टमार्टम करने में समय लग गया. बिश्वास के इस बयान पर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक पोस्ट किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, ''पीड़िता का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर अपूर्व बिश्वास ने जिस शख्स का जिक्र किया है, वो पूर्व काउंसलर संजीव मुखर्जी हैं. वो पहले पानीहाटी में सीपीएम के काउंसलर थे.''
शुभेंदु अधिकारी ने आगे लिखा, ''संजीव मुखर्जी ने बाद में टीएमसी जॉइन कर लिया था. फिलहाल पानीहाटी के टीएमसी नेता निर्मल घोष के बहुत करीबी हैं. इसी संजीव ने पीड़िता के परिजनों की जानकारी के बिना क्रिमिनेशन सर्टिफिकेट पर साइन भी किया था. सभी जानते हैं कि पीड़िता का अंतिम संस्कार जल्दबाजी में किया गया था. पुलिस श्मशान घाट पर गतिविधियों पर नज़र रख रही थी और शव को ठिकाने लगाने के लिए बहुत जल्दबाजी में थी.''
इससे पहले लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने कोलकाता पुलिस को लेकर एक बड़ा खुलासा किया था. जांच एजेंसी ने कहा था कि मुख्य आरोपी संजय रॉय की गिरफ्तारी के दो दिन बाद उसके कपड़े और सामान बरामद किए गए थे. कोलकाता पुलिस ने यह जानते हुए कि आरोपी से जुड़े सामान अपराध में उसकी भूमिक तय करने में अहम साबित हो सकते हैं, इसके बावजूद देरी की गई थी.
कोलकाता पुलिस ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को वारदात के एक दिन बाद 10 अगस्त को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया था. उसे वारदात के दिन तड़के 4.03 बजे अस्पताल के सेमिनार हॉल में प्रवेश करते हुए देखा गया था. एक सीबीआई अधिकारी ने कहा था, "अपराध में आरोपी की भूमिका पहले ही सामने आ चुकी थी, लेकिन पुलिस ने उसके कपड़े और सामान जब्त करने में 2 दिन की अनावश्यक देरी की थी.''