ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में 14 दिसंबर की शाम उस वक्त हड़कंप मच गया, जब बोंडी बीच के पास आर्चर पार्क में यहूदियों के रौशनी के त्योहार हनुक्का के पहले दिन जश्न के बीच अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई. शाम करीब 6 बजकर 47 मिनट पर फुटब्रिज की दिशा से चली गोलियों ने पूरे पार्क को दहशत में बदल दिया.
हनुक्का के मौके पर सिडनी में रहने वाले यहूदी परिवार बड़ी संख्या में बोंडी बीच के पास इस पार्क में इकट्ठा हुए थे. परंपरा के मुताबिक शाम के वक्त दीये जलाए जा रहे थे. इसी दौरान थोड़ी ऊंचाई पर मौजूद फुटब्रिज से दो हमलावरों ने भीड़ को निशाना बनाते हुए गोलियां चलानी शुरू कर दीं. पहले तो लोगों को कुछ समझ ही नहीं आया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जैसे ही एक के बाद एक लोग गिरने लगे, तब अफरा-तफरी मच गई. हमलावर ऊंचाई पर थे. नीचे मौजूद भीड़ उनके आसान निशाने पर थी. ड्रोन कैमरों में सामने आया कि हमलावर और भीड़ के बीच महज 50 मीटर का फासला था. शूटआउट के दौरान लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे. कई लोग रेत पर लेट गए.

कुछ पास के ढांचों के पीछे छिपने लगे. जो बच सके, वो बच गए, लेकिन कई लोग गोलियों की चपेट में आकर वहीं गिर पड़े. इस घटना के वक्त बोंडी बीच पर पुलिस मौजूद थी. शूटआउट की सूचना मिलते ही न्यू साउथ वेल्स पुलिस की अतिरिक्त टीमें मौके पर पहुंचीं और दोनों तरफ से हमलावरों को घेर लिया गया. इसी बीच एक शख्स अहमद ने दिलेरी दिखाई.
उसने अपनी जान की परवाह किए बिना एक शूटर को पीछे से दबोच लिया और उससे हथियार छीन लिया. तभी दूसरे हमलावर ने अहमद पर गोली चला दी, जो उसके कंधे और गर्दन में लगी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर मौके पर मारा गया, जबकि दूसरे को गोली लगने के बाद घायल हालत में गिरफ्तार कर लिया गया.
उस समय तक हमलावर करीब 50 राउंड गोलियां चला चुके थे. इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए. जांच में सामने आया कि दोनों हमलावर बाप-बेटे थे. मृतक की पहचान 50 साल के साजिद अकरम के रूप में हुई, जबकि उसका 24 साल का बेटा नवीद अकरम गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है.
पुलिस को उनकी कार से इस्लामिक स्टेट ग्रुप का झंडा और नवीद का ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला. ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री टोनी बर्क के मुताबिक, साजिद अकरम 1998 में स्टूडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आया था. साल 2000 में उसने एक ऑस्ट्रेलियाई महिला से शादी की, जिसके बाद उसका वीजा पार्टनर वीजा में तब्दील हो गया.

वो लंबे समय से रेजिडेंट रिटर्न वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था. उसके पास नागरिकता नहीं थी. वहीं नवीद का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ था, जिस वजह से उसे जन्म के आधार पर नागरिकता मिली. गृह मंत्री ने बताया कि अक्टूबर 2019 में ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ने नवीद की जांच की थी, लेकिन उस वक्त किसी आतंकी गतिविधि से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला था.
शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि दोनों ने जिस हथियार से फायरिंग की, वह लाइसेंसी था और शिकार के लिए इस्तेमाल किया जाता था. साजिद अकरम एक गन क्लब का मेंबर था. उसके पास कानूनी रूप से छह बंदूकें थीं. शूटआउट से पहले बाप-बेटे ने परिवार से कहा था कि वे मछली पकड़ने जा रहे हैं. साजिद सिडनी में फलों की दुकान चलाता था.
किराए के मकान में परिवार के साथ रहता था. पुलिस ने उनके घर पर छापा मारकर जांच तेज कर दी है. ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों पर हुआ यह हमला अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. पुलिस का कहना है कि हमलावरों को हनुक्का के पहले दिन और शाम के वक्त यहूदियों की मौजूदगी की पूरी जानकारी थी, जिससे साफ है कि हमला पूरी योजना के तहत किया गया.
इस घटना के समय इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान माइकल वॉन भी बोंडी बीच पर मौजूद थे. उन्होंने पास के एक रेस्टोरेंट में छिपकर अपनी जान बचाई और बाद में सोशल मीडिया पर घटना को बेहद डरावना बताया. उधर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि उन्होंने पहले ही ऑस्ट्रेलिया को यहूदी विरोधी हमलों को लेकर आगाह किया था.