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Coronavirus: एक बार कोविड पॉजिटिव होने के बाद दोबारा संक्रमण का खतरा कम: सर्वे

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की ओर से प्रकाशित एक डेटा के मुताबिक कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के दोबारा संक्रमित होने का खतरा बेहद कम है. संस्था ने इस संबंध में आंकड़े भी प्रकाशित किए हैं.

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दोबारा कोविड-19 संक्रमण के मामले बेहद कम (तस्वीर-PTI)
दोबारा कोविड-19 संक्रमण के मामले बेहद कम (तस्वीर-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तीसरी लहर की आशंका के बीच अच्छी खबर
  • दोबारा कोरोना संक्रमित होने का खतरा कम
  • टीकाकरण के आंकड़ों पर भी रखी जा रही नजर

कोरोना संकट से जूझ रही दुनिया के लिए ब्रिटेन से एक अच्छी खबर सामने आई है. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की ओर से कोविड-19 संक्रमण पर एक डेटा तैयार किया गया, जिसे गुरुवार को प्रकाशित किया गया. इस डेटा में कहा गया है कि कोरोना से एक बार संक्रमित होने के बाद दोबारा संक्रमित होने का खतरा कम है.

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने यह सर्वे इसलिए प्रकाशित किया जिससे कोरोना संक्रमण के खतरे पर नजर रखी जा सके और दोबारा कोरोना से संक्रमित हो रहे लोगों की स्थिति जानी जा सके. मौजूदा डेटा के मुताबिक SARS-CoV-2 के दोबारा संक्रमित होने का खतरा कम है. 

30 मई 2021 तक ब्रिटेन में 15,893 लोग दोबारा कोरोना संक्रमित हुए, जबकि इंग्लैंड में 40 लाख कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए थे. अगर इन आंकड़ों पर गौर करें तो केवल 0.4 फीसदी मामलों में एक कोविड संक्रमित व्यक्ति दोबारा कोरोना संक्रमण का शिकार हो सकता है.

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दोबारा संक्रमित होने का जोखिम कम

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के कोविड-19 स्ट्रेटेजिक डायरेक्टर डॉक्टर सुसान हॉपकिंस ने कहा कि कोरोना संक्रमण का एक बार शिकार बन चुके लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या दोबारा कोरोना संक्रमण का खतरा है या नहीं. ऐसे में मौजूदा डेटा कहता है कि दोबारा कोरोना संक्रमित होने का जोखिम बेहद कम है. 

वैक्सीनेशन के बाद इन्फेक्शन पर भी नजर!

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डॉक्टर सुसान हॉपकिंस के मुताबिक यह बिल्कुल कहा नहीं जा सकता है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमण नहीं हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि उपलब्ध डेटा के मुताबिक ज्यादातर संक्रमण के मामलों में लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं. लेकिन इस पर अभी और अध्ययन किया जा रहा है.

जून 2020 से लेकर मई 2021 तक पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड कोरोना वैक्सीन के असर और दोबारा इन्फेक्शन के मामलों पर नजर रखेगा. जिसे साप्ताहिक आधार पर प्रकाशित भी किया जाएगा.

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