जब आप बैंक में अपना खाता खुलवाने जाते हैं, तो वहां तमाम कागजी कार्रवाई या ऑनलाइन फॉर्मेलिटीज तो पूरी कर लेते हैं, लेकिन Bank Account पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में नहीं सिर्फ डेबिट कार्ड लेकर चले आते हैं, बैंक भी ज्यादा कुछ नहीं बताता है. आप अपने सेविंग या करंट अकाउंट में पैसे जमा करते रहते हैं और इस जमा पर 2.5-3% तक ब्याज पाकर खुश हो जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि Saving-Current Account में जमा पर आप इससे तीन गुना इंटरेस्ट पा सकते हैं. इसके लिए आपके बैंक में जाकर सिर्फ एक बात बोलने की देरी है. आइए जानते हैं कैसे?
ऑटो स्वीप सर्विस के गजब फायदे
आमतौर पर बैंक अपने यहां फिक्स्ड डिपॉजिट कराने वाले ग्राहकों को 7-8 फीसदी ब्याज ऑफर करते ही हैं, कई इससे ज्यादा भी देते हैं. वहीं सेविंग या करंट अकाउंट पर औसत ब्याज 2.5% के आस-पास रहता है. लेकिन थोड़ी सी समझदारी से आप अपने खाते पर भी इससे तीन गुना ज्यादा या FD की तरह ब्याज पा सकते हैं. आपको ये फायदा लेने के लिए अपने बैंक में जाकर सिर्फ ऑटो स्वीप सर्विस (Auto Sweep Service) को इनेबल कराने के लिए बोलना होगा. इस सर्विस का फायदा पाने के लिए बस बैंक में जाकर इस सर्विस को इनेबल कराने के लिए बोलना होगा.
ऐसे मिलने लगता है ज्यादा ब्याज
Auto Sweep सर्विस के काम करने के तरीके और इसे इनेबल कराने के बाद मिले वाले फायदे के बारे में बात करें, तो ये सर्विस सीधे तौर पर अकाउंट होल्डर को सरप्लस फंड पर ज्यादा ब्याज पाने में मददगार है. सेविंग अकाउंट में ये सर्विस इनेबल करने पर, जब आपके सेविंग या करंट अकाउंट में जमा राशि स्वीप लिमिट के पार निकलती है, तो ऑटो स्वीप एक्टिव हो जाता है. इसके बाद सपप्लस फंड पर अकाउंट पर लागू ब्याज के बजाय बैंक एफडी पर मिलने वाले ब्याज का लाभ मिल जाता है.
उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर अपने बैंक खाते में ऑटो स्वीप सर्विस के लिए 30,000 रुपये की लिमिट सेट की है, लेकिन इसमें आपका जमा 90,000 रुपये है. तो फिर सर्विस के तहत तय लिमिट से ऊपर की राशि यानी 60,000 का एडिशनल अमाउंट एफडी में बदल जाएगा, इस पर उस बैंक में फिस्क्ड डिपॉजिट पर मिल रहे ब्याज (FD Interest Rate) के बराबर इंटरेस्ट मिलेगा, जबकि 30,000 रुपये के जमा पर सेविंग अकाउंट वाला ब्याज मिलता रहेगा.
मैच्योरिटी का झंझट भी नहीं
इस सर्विस की एक और खास बात ये है कि जहां एक ओर आप सरप्लस फंड पर तीन गुना तक ब्याज पा सके हैं. एफडी में कन्वर्ट हुए सेविंग अकाउंट के पैसे तो जब चाहे निकाल सकते हैं. दरअसल, इस पर एफी की तरह ब्याज तो मिलता है, लेकिन उसकी तरह मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने तक निकासी न कर पाने की पाबंदी नहीं होती है.
अगला फायदा ये भी होता है कि बैंक अकाउंट में ही जमा राशि पर बंपर ब्याज मिलने से ये सर्विस ग्राहक को और भी ज्यादा सेविंग के लिए प्रेरित भी करती है, जिससे कि ब्याज का ज्यादा फायदा लिया जा सके. इसके साथ ही इसमें FD में निवेश की तरह मैन्यअली समय पर रकम डालने का झंझट भी नहीं, क्योंकि एक लिमिट सेट करने के बाद ऊपर का पैसा ऑटोमैटिक फिक्स्ड डिपॉजिट में ट्रांसफर हो जाता है.