नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने या उसमें निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इन शहरों को आपस में जोड़ने वाला 6-लेन, 56 किलोमीटर लंबा फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (FNG) एक्सप्रेसवे तेजी से बन रहा है. इस एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों में रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल देखा जा रहा है.
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स और डेवलपर्स का मानना है कि इस एक्सप्रेसवे के कारण आने वाले समय में इन इलाकों में प्रॉपर्टी की मांग और कीमतें दोनों बढ़ सकती हैं, जिससे यहां निवेश करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है.
यह भी पढ़ें: नोएडा एयरपोर्ट के पास क्या महंगी होगी जमीन, नए नियम से रियल एस्टेट सेक्टर पर क्या असर
नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद को जोड़ने वाला FNG एक्सप्रेसवे, सिर्फ एक सड़क नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो इन इलाकों में प्रॉपर्टी मार्केट को पूरी तरह बदल रहा है. यह एक्सप्रेसवे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, NH-9 और NH-19 जैसे मुख्य मार्गों से भी जुड़ता है. इस वजह से, यह न सिर्फ ट्रैफिक की समस्या को कम करेगा, बल्कि घर खरीदने वालों और निवेशकों के लिए नए अवसर भी पैदा करेगा.
इस एक्सप्रेसवे का सबसे ज़्यादा फायदा नोएडा के सेक्टर 168, 150, 140 और 122 को मिल रहा है, क्योंकि ये सीधे FNG कॉरिडोर के पास हैं. इनमें से सेक्टर 168 और 150 अब ग्रोथ के नए हब बन गए हैं. रियल एस्टेट सलाहकारों के अनुसार, पिछले चार सालों में सेक्टर 168 में प्रॉपर्टी के दाम 70% से भी ज़्यादा बढ़ गए हैं. इसकी मुख्य वजह बेहतर कनेक्टिविटी, बढ़ती मांग और बड़े-बड़े डेवलपर्स का यहां आना है.
यह भी पढ़ें: रियल एस्टेट में फंसी है 10.8 लाख करोड़ रुपये की रकम, घर बुक करने से पहले ये सच जान लें
FNG एक्सप्रेसवे के कारण, नोएडा के सेक्टर 168 के साथ-साथ सेक्टर 150 में भी लोगों की रुचि काफी बढ़ गई है. यह सेक्टर अपनी लग्जरी हाउसिंग और हरियाली के लिए मशहूर है और 2021 से नोएडा के सबसे तेज़ी से बढ़ते हुए हाउसिंग मार्केट्स में से एक रहा है.
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ANAROCK की एक रिसर्च के मुताबिक, नोएडा का सेक्टर 150, जो कि प्रीमियम टाउनशिप का हब है, यहां प्रॉपर्टी के औसत दाम में 139% की ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई है. अब यहां औसत कीमत 13,600 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई है. वहीं, औसत मासिक किराया भी 71% बढ़कर 27,300 रुपये हो गया है. यह बढ़ोतरी देश के सात प्रमुख शहरों के 14 माइक्रो-मार्केट्स में सबसे ज़्यादा है.