scorecardresearch
 

पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों पर मिलेगी राहत? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- बंधे हुए हैं मेरे हाथ

तेल की कीमतों को लेकर पिछली यूपीए सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपये के तेल बांड जारी कर ईंधन की कीमतों में कमी की थी. उन्हाेंने कहा कि मैं पिछली यूपीए सरकार द्वारा खेली गई चालबाजी नहीं अपना सकती हूं.

Advertisement
X
निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कई राज्यों में एक लीटर पेट्रोल का दाम 100 रुपये से अधिक
  • निर्मला सीतारमण ने पिछली यूपीए सरकार को ठहराया जिम्मेदार
  • वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मेरे हाथ बंधे हुए हैं

पिछले कुछ समय में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Latest Price) के दामों में तेजी से इजाफा हुआ है. जनता सरकार से राहत की उम्मीद लगा रही है, जबकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि उनके हाथ बंधे हुए हैं. वित्त मंत्री ने सोमवार को तेल की कीमतों को लेकर पिछली यूपीए सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बॉन्ड जारी कर ईंधन की कीमतों में कमी की थी. उन्हाेंने कहा, ''मैं पिछली यूपीए सरकार द्वारा खेली गई चालबाजी नहीं अपना सकती हूं.''

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ''ऑयल बॉन्ड की वजह से हमारी सरकार पर बोझ आया है और इसी वजह से हम हम पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं कर पा रहे हैं. लोगों का चिंतित होना सही है. जब तक केंद्र और राज्य कोई रास्ता नहीं निकालते, इसका कोई समाधान संभव नहीं है.'' उन्होंने कहा कि एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) में कटौती कर राहत देने पर विचार करने को लेकर कहना चाहती हूं कि मेरे हाथ बंधे हुए हैं.

उन्होंने आगे कहा, ''फिलहाल ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कोई कटौती नहीं की जाएगी. यूपीए सरकार द्वारा जारी ऑयल बॉन्ड्स के लिए किए जा रहे ब्याज भुगतान से सरकार के राजकोष पर बोझ बढ़ा है. सरकार ने पिछले 5 वर्षों में तेल बॉन्ड्स पर ही ब्याज के रूप में 70,195.72 करोड़ से अधिक का भुगतान किया है.'' 

Advertisement

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार को अब भी साल 2026 तक 37,000 करोड़ रुपये का ब्याज देना होगा. ब्याज भुगतान के बावजूद, 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मूलधन अब भी बचा हुआ है.'' उन्होंने कहा कि यदि सरकार पर ऑयल बॉन्ड का बोझ नहीं होता तो फिर वह उत्पाद शुल्क को कम करने की स्थिति में होती.

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता समेत तकरीबन ज्यादातर शहरों में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से अधिक है. पिछले लगभग एक महीने से पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा नहीं हुआ है. 17 जुलाई को पेट्रोल के दाम 30 पैसे प्रति लीटर बढ़े थे, जबकि उसके पहले कई दिनों तक रोजाना दामों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. इसके चलते केंद्र सरकार को आम जनता के गुस्से का भी सामना करना पड़ा है. वहीं, कई बार सरकार के मंत्री पेट्रोल-डीजल के दामों के आसमान पर पहुंचने के पीछे कोरोना महामारी को भी जिम्मेदार ठहरा चुके हैं.

किस शहर में कितना है पेट्रोल-डीजल का दाम?
पिछले एक महीने से तेल की कीमतों के नहीं बढ़ने से जनता को कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन अब भी दाम काफी अधिक हैं. दिल्ली में इस समय 101.84 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल और 89.87 रुपये में एक लीटर डीजल मिल रहा है. मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 107.83 रुपये और डीजल की 97.45 रुपये पहुंच गई है. चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल की बात करें तो यहां भी 100 रुपये से अधिक में बिक रहा है. शहर में 101.49 में पेट्रोल तो वहीं, 94.39 रुपये में डीजल की बिक्री हो रही है. हालांकि, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल के दाम जरूर 100 रुपये से कम हैं, लेकिन फिर भी पेट्रोल का दाम 98.92 रुपये प्रति लीटर पहुंच चुका है. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement