कोरोना वायरस के नए वैरिएंट (Coronavirus New Variant) के सामने आने के बाद दुनिया भर के बाजारों (Share Market) पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है. घरेलू बाजार पर भी इसका असर देखने को मिला और शुक्रवार को बाजार में जबरदस्त गिरावट आई. इस सप्ताह भी बाजार पर कोरोना के नए वैरिएंट का दबाव बना रह सकता है. हालांकि कुछ विशेषज्ञों की राय एकदम अलग है, जो कोरोना को कोई प्रमुख कारण नहीं मानते हैं. उनका मानना है कि हालिया गिरावट सामान्य करेक्शन (Correction) है और बाजार जल्दी ही नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ने वाला है.
कोरोना नहीं, इन कारणों से गिरा बाजार
सीएनआई रिसर्च (CNI Research) के सीएमडी किशोर ओस्तवाल (Kishore Ostwal) ने फोन पर aajtak.in को बताया कि बाजार में आई हालिया गिरावट सामान्य करेक्शन के कारण है. इसका कोरोना के नए वैरिएंट से कोई लेना-देना नहीं है. यदि कोरोना का नया वैरिएंट कारण होता तो बाजार लोअर सर्किट (Lower Circuit) पर रहता, जो कि नहीं हुआ. इसके अलावा बीते सप्ताह एक्सपायरी (Expiry) खत्म हुआ, जो वीक नोट (Weak Note) पर था. बाजार (Nifty) 18,650 से गिरना शुरू हुआ था और 17,250 तक गिर चुका था. बाजार में पहले से ही निगेटिव ट्रेंड बना हुआ था. ऐसे में बाजार को गिरना ही था. मुद्रास्फीति (Inflation), अमेरिका में फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की रेट बढ़ाने की तैयारी और एफपीआई की लगातार बिकवाली (FPI Selling) ने बाजार को गिरने का बहाना दिया.
दो महीने में नए रिकॉर्ड पर रहेगा बाजार
ओस्तवाल ने दावा किया कि Nifty दिसंबर महीने में ही 18 हजार के स्तर को पार कर सकता है. यह अभी कुछ गिरा भी तो 16,800 से नीचे जाने की आशंका कम ही है. अभी बाजार नरम है और यह एक्स्पोजर (Exposure) बढ़ाने का सही समय है. अगले दो महीने में बाजार नए रिकॉर्ड स्तर पर रहेगा. ओस्तवाल ने यह भी दावा किया कि Nifty अगले चार साल में 30-35 हजार के स्तर को भी हासिल कर सकता है.
कुछ दिनों तक रह सकता है कोरोना के नए वैरिएंट का असर
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (Motilal Oswal Financial Services Ltd) के रिटेल रिसर्च हेड Siddhartha Khemka भी ओस्तवाल की राय से सहमत लगते हैं. खेमका की राय है कि घरेलू बाजार में उच्च स्तर से अभी तक करीब नौ फीसदी का करेक्शन हुआ है, इसका कारण नरम वैश्विक संकेत, एफपीआई की लगातार बिकवाली और प्रीमियम वैल्यूएशन (Premium Valuation) हैं. हालांकि खेमका का मानना है कि वायरस के नए वैरिएंट का भी बाजार पर दबाव है. खेमका ने कहा कि आने वाले दिनों में भी बाजार पर कोरोना वायरस के नए वैरिएंट का असर रह सकता है. कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से उड़ानें बंद कर दी है. बाजार को इससे झटका लगा है. फेड इंटरेस्ट रेट बढ़ाने की तैयारी में है, बाजार इस कारण भी सतर्क है.
ऐसे स्टॉक खरीदने का सही समय
खेमका ने निवेशकों को सलाह दिया कि यह समय होशियारी से काम लेने और सही शेयर चुनकर मौका भुनाने का है. ठोस फंडामेंटल (Strong Fundamental) और मजबूत प्रबंधन (Strong Management) वाले स्टॉक सही विकल्प हो सकते हैं. बाजार जब नरम हो तो ब्लू चिप कंपनियां (Blue Chip Companies) एंट्री करने के लिए ठीक रहती हैं. लंबे समय के निवेश के लिए इन्हें चुना जा सकता है. डिफेंसिव सेक्टर के स्टॉक (Defensive Sector Stock) को भी आजमाया जा सकता है.