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Elon Musk की बोली बोल रहे हैं ये भारतीय मददगार, 8 डॉलर चार्ज के पीछे ये 4 तर्क

Elon Musk द्वारा ट्विटर को 44 अरब डॉलर के सौदे में खरीदने के बाद हाल ही में भारतीय टेक एक्सपर्ट श्रीराम कृष्णन ने ट्वीट्स के जरिए ऐलान किया था कि वे नई कंपनी के साथ टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि Twitter एक बेहद महत्वपूर्ण कंपनी है.

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एलन मस्क के भारतीय मूल के सलाहकार श्रीराम कृष्णन ने दिए चार तर्क
एलन मस्क के भारतीय मूल के सलाहकार श्रीराम कृष्णन ने दिए चार तर्क

माइक्रोब्लाॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) के नए बॉस ने Elon Musk ने ब्लू टिक (Blue Tick) के लिए चार्ज क्या लगाया, आलोचकों के घेरे में गए. उनके इस कदम की जमकर आलोचना हुई, लेकिन एलन मस्क टस से मस नहीं हो रहे. अब उनके भारतीय सलाहकार श्रीराम कृष्णन (Sriram Krishnan) भी खुलकर इस मामले में सामने आए हैं और मस्क का बचाव करते हुए बताया है कि आखिर ब्लू टिक पर 8 डॉलर का चार्ज लगाना क्यों जरूरी है? 

पहली नवंबर को किया था मस्क ने ऐलान
पहले बता दें कि एलन मस्क (Elon Musk) ने बीते 1 नवंबर को एक के बाद एक ट्वीट करते हुए ऐलान किया था कि ब्लू टिक के लिए अब यूजर्स को 8 डॉलर प्रतिमाह की कीमत चुकानी होगी. जब इस कदम के बाद मस्क ट्रोलर्स के निशाने पर आए, तो उन्होंने साफ शब्दों में इस फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ट्विटर पर बॉट्स और ट्रोल्स को हराने का यही एकमात्र तरीका है.

बीते दिनों ट्विटर (Twitter) को चलाने में मस्क की मदद करने की बात सोशल मीडिया पर स्वीकारने वाले चेन्नई बेस्ड भारतीय टेक्नोलॉजिस्ट श्रीराम कृष्णन ने लगातार चार ट्वीट कर इस चार्ज की वजह बताई है. उन्होंने इस फैसले का बचाव करते हुए चार तर्क दिए हैं. 

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पहला तर्क
एलन मस्क के भारतीय मूल के सलाहकार श्रीराम कृष्णन (Elon Muk Advisor Sriram Krishnan) ने कहा है कि अकाउंट वैरिफिकेशन के मामले में ट्विटर की मौजूदा प्रणाली में कुछ खामियां है, जिन्हें सुधारना जरूरी है. ऐसे में हर वेरिफिकेशन के लिए 8 डॉलर का चार्ज लगाने वाले फैसले की आलोचनाएं तार्किक रूप से असंगत हैं. यह वेरिफिकेशन प्रणाली को मजबूत बनाएगा. इस पर चार्ज लगाने से सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि वेरिफेकेशन के दौरान चार्ज देकर जिन यूजर्स ने फर्जी अकाउंट बनाएं हैं, वो पकड़े जाने पर अपना पैसा खो देंगे. उन्होंने लिखा, 'CC/मोबाइल चेकआउट के प्रयोग से फ्रिक्शन (Friction) अचानक से बहुत बढ़ जाता है और किसी दूसरे के नाम से आईडी चला रहे लोग पकड़े जाने पर अपने पैसे खो देंगे.

दूसरा तर्क
Sriram Krishnan ने एक के बाद एक चार ट्वीट (Tweet) करते हुए कहा कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्हें वेरिफाइड किया जाना है और कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें सत्यापित (Varified) नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी सोशल नेटवर्क मौजूदा रास्ता अपारदर्शी है. 8 डॉलर की ये राशि ट्विटर पर मौजूद इसी आपारदर्शिता को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली साबित होगी और किसी भी यूजर को एक सुसंगत मार्ग (Consistent Path) देगा. 

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तीसरा तर्क
कृष्णन ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter के मौजूदा मॉडल में भी गंभीर स्पैम समस्याएं हैं. प्लेटफॉर्म पर आपको बहुत सारे हैक किए गए ब्लू चेक खाते भी दिखाई देंगे. लेकिन Blue Tick के लिए सभी यूजर्स पर लगाया गया ये 8 डॉलर का चार्ज ऐसे हैकर्स और उनके हमलों को नाकाम करने में बेहद मददगार साबित होगा और इन्हें कमजोर बनाएगा. 

चौथा तर्क
एलन मस्क के भारतीय सलाहकार ने आगे कहा कि किसी भी नए लॉन्च की तरह ही यकीन है कि ट्विटर को नए रूप में पेश करने के लिए इस प्लेटफॉर्म में भी सुधार और बदलाव की गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में वेरिफिकेशन प्रणाली में बहुत लंबे समय बाद पहले बदलाव के लिए बेहद उत्साहित महसूस कर रहे हैं. 

पहले मुफ्त था अकाउंट वेरिफिकेशन
ऐसा माना जा रहा है कि ब्लू टिक वेरीफिकेशन को लेकर पॉलिसी में बदलाव के पीछे श्रीराम कृष्‍णन का ही दिमाग है. पहले ट्विटर पर अकाउंट वेरीफिकेशन की प्रक्रिया मुफ्त थी, लेकिन अब वेरीफिकेशन के लिए यूजर्स को हर महीने 8 डॉलर यानी 657 रुपये का भुगतान करना होगा. जिन लोगों के अकाउंट पहले से वेरीफाइड हैं, उन्‍हें वेरीफिकेशन सब्सक्रिप्शन लेने के लिए 90 दिन का समय दिया जाएगा. उसके बाद उनके अकाउंट से ब्लू टिक अपने आप हट जाएगा.

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