
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि सभी बड़े नोटों को बंद कर देना चाहिए. तभी भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सकता है. चंद्रबाबू नायडू ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि सिर्फ 100 और 200 रुपये से नीचे के नोट चलने चाहिए. 500 रुपये के नोटों को भी नहीं चलने देना चाहिए.
बता दें कि भारत में कई संस्थाएं करप्शन पर लगाम लगाने के लिए बड़े नोटों पर रोक लगाने की मांग करती रही हैं. चंद्रबाबू नायडू ने भी यही मांग की है.
माना जाता है कि कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में हाइपरइन्फ्लेशन (अत्यधिक मुद्रास्फीति) के कारण बड़े मूल्य के नोटों की जरूरत पड़ती है, जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मजबूत मुद्रा और डिजिटल भुगतान के कारण छोटे मूल्य के नोट पर्याप्त होते हैं. भारत इसी मॉडल को फॉलो करना चाहता है. हालांकि यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है.
ब्रुनेई, सिंगापुर और स्विटजरलैंड जैसे विकसित देशों में बड़े मूल्य के नोट प्रचलन में हैं, जो उनकी मजबूत अर्थव्यवस्था और प्रभावकारी आर्थिक नीतियों के कारण संभव है. कई देश मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक के लिए भी छोटे नोट का प्रयोग करते हैं. इसके विपरीत कुछ विकासशील देश भी हैं जो छोटे मूल्य के नोटों का उपयोग करते हैं. यह मुद्रा नीति, आर्थिक स्थिरता पर निर्भर करता है.
आइए हम आपको बताते हैं कि दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में किस वैल्यू के यानी कि कितने बड़े नोट प्रचलन में हैं.
अमेरिका:
विकसित अर्थव्यवस्थाओं जैसे अमेरिका, यूरोप, जापान, स्विट्ज़रलैंड में मुद्रा की खरीद शक्ति (purchasing power) अधिक होती है. इसलिए यहां छोटे मूल्य के नोट लेन-देन के लिए पर्याप्त होते हैं. अमेरिका में सबसे बड़ा नोट 100 डॉलर का है (लगभग ₹8,400), जो रोजमर्रा और बड़े लेनदेन के लिए पर्याप्त है.
चीन:
चीन में सबसे बड़ा करेंसी नोट 100 युआन (CNY) का है. एक्सचेंज रेट के आधार पर इसका मूल्य लगभग 13.80 USD है.
ब्रिटेन:
ब्रिटेन में सबसे बड़ा करेंसी नोट 50 पाउंड (GBP) का है. अमेरिकी डॉलर पर आधारित एक्सचेंज रेट पर इसकी कीमत $63 है.
ब्रिटेन का केंद्रीय बैंक ऑफ इंग्लैंड के कुछ विशेष नोट, जैसे £100,000,000 के "टाइटन" नोट जारी करता है. लेकिन यह केवल आंतरिक बैंकिंग उद्देश्यों के लिए है और सामान्य प्रचलन में नहीं हैं.
स्विटजरलैंड:
स्विटजरलैंड की गिनती भी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में होती है. लेकिन यहां थोड़े बड़े नोटों का प्रचलन है. स्विट्ज़रलैंड में CHF 1,000 (लगभग सबसे बड़ा नोट है, लेकिन इसकी उच्च क्रय शक्ति के कारण यह बड़े लेनदेन को संभाल लेता है.
जर्मनी:
यूरो वर्तमान में जर्मनी की आधिकारिक मुद्रा है, क्योंकि जर्मनी यूरोपीय संघ का हिस्सा है. यूरो क्षेत्र में प्रचलन में सबसे बड़ा बैंकनोट 500 यूरो का है. हालांकि, यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने 2016 में घोषणा की थी कि 500 यूरो के नोट का प्रचलन 2019 तक बंद कर दिया जाएगा, लेकिन यह अभी भी कानूनी रूप से वैध है और प्रचलन में है.
जापान:
जापान की मुद्रा जापानी येन (JPY) है. इस समय प्रचलन में जापान का सबसे बड़ा बैंकनोट 10,000 येन का है, जिसकी कीमत भारतीय रुपये में लगभग 6,000-7,000 रुपये (विनिमय दर के आधार पर) है. इस नोट को 3 जुलाई 2024 को नए डिज़ाइन के साथ फिर से जारी किया गया है.
सिंगापुर:
सिंगापुर दुनिया की विकसित अर्थव्यस्था में से आता है. यहां 10,000 सिंगापुरी डॉलर के नोट चलते हैं. अमेरिकी डॉलर में 10 हजार के एक सिंगापुरी डॉलर की कीमत 7400 डॉलर है. हालांकि मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए 2021 के बाद सिंगापुर की सरकार ने नए नोट जारी करना बंद कर दिया गया है. लेकिन बाजार में मौजूद नोट वैध मुद्रा के रूप में उपयोग में हैं.
ब्रुनेई:
ब्रुनेई में सबसे बड़ा नोट 10,000 डॉलर का है. यह नोट ब्रुनेई दारुस्सलाम में प्रचलन में है और सामान्य रूप से वैध मुद्रा है. इसकी वैल्यू लगभग 7500 अमेरिकी डॉलर है.
संयुक्त अरब अमीरात:
दुनिया भर में बिजनेस कैपिटल के रूप में प्रसिद्ध UAE में 1000 (AED) की करेंसी सबसे बड़ा नोट है. अमेरिकी डॉलर में इसकी कीमत
लगभग $272 है.
पाकिस्तान:
पाकिस्तान में सबसे बड़ा करेंसी नोट 5,000 रुपये (PKR) का है. मौजूदा एक्सचेंज दरों के आधार पर अमेरिकी डॉलर में इसकी कीमत मात्र $17.80 है.
जिन देशों की अर्थव्यवस्थाएं कमजोर हैं या जहां हाइपरइन्फ्लेशन (अत्यधिक मुद्रास्फीति) है वहां बड़े मूल्य के नोटों की जरूरत पड़ती है, क्योंकि इन देशों में मुद्रा की वास्तविक खरीद शक्ति बहुत कम हो जाती है.
वेनेज़ुएला: हाइपरइन्फ्लेशन के कारण 2018 में 10,00,000 बोलिवर नोट जारी किया गया, लेकिन इसका मूल्य कुछ सेंट USD के बराबर था. 2021 के बाद वेनेजुएला ने नए नोट जारी किए हैं जो 2, 5, 10, 20, 50, और 100 बोलिवर के हैं.
जिम्बाब्वे: 2008-09 में अफ्रीका के इस देश में महंगाई चरम पर पहुंच गई थी. इस दौरान इस देश की मुद्रा लगभग बेकार हो गई थी. तब जिम्बाब्वे ने 100 ट्रिलियन जिम्बाब्वे डॉलर नोट जारी किया गया था, जो कुछ रोटियों के बराबर था. अब जिम्बाब्वे ने USD और अन्य मुद्राओं को अपनाया है. यहां अभी 2, 5, 10, 20, 50, 100, और 200 के जिम्बाब्वे डॉलर चलते हैं.
ईरान: ईरान की मुद्रा ईरानी रियाल है. यहां 10,00,000 (दस लाख) ईरानी रियाल का नोट प्रचलन में है. लेकिन डॉलर के मुकाबले इसकी वैल्यू बहुत कम है.
500, 1000 और 2000 के नोट बंद कर चुका है भारत
बता दें कि भारत में पुराने 500, 1000 और नए 2000 के नोटों को भारत में बंद किया जा चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में नोटबंदी की घोषणा करते हुए पुराने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी.