चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने मंगलवार को भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी के तीन उम्मीदवारों को भाजपा के दबाव में नामांकन वापस लेना पड़ा है. प्रशांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सत्तारूढ़ एनडीए चुनाव हारने के डर से विपक्षी उम्मीदवारों को धमकाकर पीछे हटने के लिए मजबूर कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है और देश में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई.
किशोर ने चुनाव आयोग से अपील की कि वह उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे ताकि वे स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ सकें. उन्होंने बताया कि जिन सीटों से उम्मीदवारों ने नाम वापस लिया है, उनमें दानापुर, ब्रह्मपुर और गोपालगंज शामिल हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा सूरत मॉडल को दोहराने की कोशिश कर रही है, जहां भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध जीत गया था क्योंकि बाकी सभी उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था.
प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
इसके अलावाल उन्होंने कहा कि देशभर में मतदाताओं ने भाजपा को इस रवैये के लिए सबक सिखाया और लोकसभा चुनाव में भाजपा को केवल 240 सीटें मिलीं, जबकि वह 400 से अधिक सीटों का दावा कर रही थी.
बीजेपी पर तीन उम्मीदवारों को डराने का आरोप
किशोर ने बताया कि जन सुराज पार्टी ने बिहार की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. अब तीन उम्मीदवारों के नाम वापस लेने के बाद पार्टी 240 सीटों पर चुनाव लड़ेगी क्योंकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख बीत चुकी है.