बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा RJD विधायक रेखा देवी पर दिए गए बयान पर राबड़ी देवी ने पलटवार किया है. विधान परिषद में राबड़ी देवी सीएम नीतीश कुमार पर भड़क गईं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को महिला के बारे में ये सब बात नहीं बोलना चाहिए, उनके पार्टी के सदस्य ललन सिंह भी बोल रहे हैं. ये लोग बार-बार महिला का अपमान करने वाला पार्टी के लोग हैं.
राबड़ी देवी ने कहा कि लालू यादव और तेजस्वी सदन में नहीं हैं, फिर उनका नाम क्यों लिया जाता है? हम लोग किसी के बाल-बच्चे या परिवार का नाम लेते हैं? कुछ भी होता है लालू परिवार का नाम लिया जाता है.
नीतीश कुमार ने क्या कहा था?
दरअसल नीतीश कुमार जब सदन में बोलने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष आरक्षण को लेकर विरोध कर रहा था. अपने भाषण के दौरान नीतीश बार-बार विपक्ष के विधायकों से अपील कर रहे थे कि एक बार पूरी बात सुन लीजिए. इसी दौरान वह विरोध कर रहीं आरजेडी विधायक रेखा देवी पर भड़क गए. सीएम ने आरजेडी विधायक से कहा कि अरे महिला हो, कुछ जानती नहीं हो.
नीतीश ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा, 'ये लोग कभी कोई महिला को आगे बढ़ाया है. 2005 के बाद ही बढ़ाना शुरू किए हैं ना. इसीलिए कह रहे हैं, चुपचाप सुनो. हम तो सुनाएंगे अगर आप नहीं सुनेंगे तो ये आपकी गलती है.'
रेखा देवी ने नीतीश कुमार के बयान पर क्या कहा?
नीतीश कुमार के बयान पर महिला विधायक रेखा देवी ने कहा कि वो हम सबके मुख्यमंत्री हैं, लेकिन महिला से बात करने का एक तरीका होता है, लेकिन मुख्यमंत्री तो तरीका ही भूल गए हैं कि महिला से किस तरह से बात की जाती है.
आजतक से बात करते हुए आरजेडी विधायक ने कहा कि बताइए मुख्यमंत्री महिला से कहते हैं कि वो कुछ नहीं जानती है. कैसे आ गई महिला. हम कहते हैं कि महिलाओं को अपमानित करना बंद करें मुख्यमंत्री. महिलाओं को सम्मान दें. हर घर में महिला मां है, बहू, बेटी है, बहन हैं और इस तरह से बोलते हैं.
जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्होंने महिलाओं और बेटियों के लिए कई योजनाएं चलाईं तो इस पर रेखा देवी ने कहा, "बेटियों को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन बेटियों के साथ क्या हो रहा है, मुख्यमंत्री ये तो नहीं देखते हैं. बेटियां कहीं सुरक्षित हैं. महिलाओं से मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए."
दरअसल, नीतीश कुमार जातीय जनगणना को लेकर अपनी बात रख रहे थे. उन्होंने कहा, "जब सर्वसम्मति से जातीय गणना हो गई और पिछड़ों की संख्या ज्यादा आई तो जो 50 फीसदी आरक्षण सीमा होती थी तो हम लोगों ने आरक्षण 75 फीसदी किया. 10 फीसदी केंद्र सरकार ने अपर कास्ट के लिए लागू किया था तो उसको भी लागू किया. हम लोगों ने हर परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली."