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राजस्व कर्मियों की 'गायब' रहने की आदत पर लगेगा ब्रेक? डिप्टी CM विजय कुमार सिन्हा ने बताई पूरी रणनीति

बिहार में राजस्व कर्मियों की अनुपस्थिति और कार्य में देरी को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सख्त कदम उठाने की घोषणा की है. दाखिल–खारिज और परिमार्जन के सभी कार्य तय समय सीमा में पूरे किए जाएंगे. फर्जी दस्तावेजों पर निगरानी, पंचायतों में नियमित उपस्थिति और सीसीटीवी निगरानी जैसी व्यवस्थाएं लागू होंगी.

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विजय कुमार सिन्हा ने सिस्टम में सुधार के लिए पूरी योजना समझाई.(Photo- ITG)
विजय कुमार सिन्हा ने सिस्टम में सुधार के लिए पूरी योजना समझाई.(Photo- ITG)

बिहार में जमीन से जुड़े विवाद और राजस्व सेवाओं में हो रही देरी को लेकर सरकार अब सख्त रुख अपनाने जा रही है. उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने साफ कहा है कि आम लोग भूमि विवाद के कारण सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं और राजस्व विभाग की सुस्ती इसकी बड़ी वजह है. ऐसे में दाखिल–खारिज और परिमार्जन जैसे मामलों में देरी को पूरी तरह खत्म करना सरकार की पहली प्राथमिकता है.

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्व विभाग की सेवाओं को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि दाखिल–खारिज और परिमार्जन से जुड़े सभी कार्य तय समय सीमा में पूरे किए जाएंगे, ताकि लोगों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें.

यह भी पढ़ें: बिहार राजस्व महाअभियान शिविर: जमाबंदी के लिए लग रही ग्रामीणों की भीड़... कागजात सुधरवाने बड़ी संख्या में पहुंच रहे लोग

तय समय में निपटेंगे दाखिल–खारिज और परिमार्जन के मामले

विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि दाखिल–खारिज और परिमार्जन प्लस पोर्टल पर आने वाले हर आवेदन का समय पर निष्पादन अनिवार्य किया गया है. फील्ड स्तर पर बिना किसी ठोस वजह के आवेदन को रिजेक्ट या रेफर करने की प्रवृत्ति पर सख्त रोक लगेगी.

उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी आवेदन को रिजेक्ट या रेफर करेंगे, उन्हें उसका स्पष्ट कारण बताना होगा. अधिक संख्या में लंबित या रिजेक्ट किए गए आवेदनों के आधार पर अधिकारियों और कर्मचारियों की जिला–वार सूची तैयार की जा रही है. इसी सूची के आधार पर उनके कामकाज की समीक्षा की जाएगी.

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फर्जी दस्तावेजों पर कसेगा शिकंजा, बनेगी स्पेशल टीम

उपमुख्यमंत्री ने फर्जी कागजात के जरिए मामलों को उलझाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग न सिर्फ प्रक्रिया को रोकते हैं, बल्कि न्यायालय का समय भी बर्बाद करते हैं.

इस पर रोक लगाने के लिए राज्य स्तर पर एक स्पेशल टीम बनाई जा रही है. यह टीम मौके पर जाकर फर्जी दस्तावेजों, लंबित परिमार्जन मामलों और बेवजह लटकाए गए दाखिल–खारिज आवेदनों की जांच करेगी. टीम पीड़ितों से मिलकर उनका पक्ष भी सुनेगी. सभी वैध लंबित आवेदनों को मार्च तक निपटाने का लक्ष्य तय किया गया है.

पंचायत में ही मौजूद रहेंगे राजस्व कर्मी

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कई पंचायतों से शिकायत मिल रही है कि राजस्व कर्मचारी अपने तय पंचायत में मौजूद नहीं रहते. इसे गंभीरता से लेते हुए सभी राजस्व कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वे नियमित रूप से अपनी पंचायत में बैठें.

अगर किसी कर्मचारी के पास दो पंचायतों का प्रभार है, तो उसके लिए दिन और समय तय किया जाएगा. मुख्यालय से सुबह, दोपहर और शाम वीडियो कॉल के जरिए उनकी उपस्थिति की जांच होगी.

सीसीटीवी से निगरानी, जवाबदेही होगी तय

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सभी अंचल कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और इनकी निगरानी के लिए मुख्यालय में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा. सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि राजस्व न्यायालयों में समय पर फैसले दें और न्यायालय के काम को प्राथमिकता दें.

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इसके साथ ही अंचल कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची मोबाइल नंबर के साथ चस्पा की जाएगी. पंचायत स्तर पर भी जिम्मेदार अधिकारियों की सूची और नक्शा प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि आम लोगों को सीधे जानकारी मिल सके.

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