दिल्ली में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को नई स्पीड देने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2.0 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को इस मसौदे पर अंतिम चर्चा के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की बैठक बुलाई है. बैठक के बाद मसौदा जनता सहित सभी स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लेने के लिए सार्वजनिक किया जाएगा, ताकि इसे और व्यापक व प्रभावी बनाया जा सके.
सूत्रों के अनुसार ई-व्हीकल पॉलिसी 2.0 में इस बार तीन प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस रखा गया है. जिसमें चार्जिंग नेटवर्क, बैटरी रीसाइक्लिंग और बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर सरकार का ध्यान केंद्रित रहेगा.
इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरियों की लाइफ 8 साल होती है और पुरानी लिथियम-आयन बैटरियों का निपटान एक बड़ी चुनौती है. मसौदे में एक व्यवस्थित बैटरी रीसाइक्लिंग चेन विकसित करने का प्रस्ताव है, जिसमें संग्रहण, रीसाइकलिंग और सुरक्षित निपटान की पूरी प्रणाली बनाई जाएगी. यह व्यवस्था दिल्ली में पहली बार लागू होने जा रही है.
दिल्ली सरकार चाहती है कि लोगों को 50% तक छूट दी जाये.. ताकि लोग अपनी गाड़ियां कन्वर्ट करें. अगर लोगों को छूट नहीं मिलती तो वह अपनी गाड़ियां कन्वर्ट आसानी से नहीं कराते. इसके साथ ही सरकार गाड़ियों की मार्केट वैल्यू के आधार पर 50% की छूट देना चाहती है लेकिन अंतिम मोहर कैबिनेट में लगेगी.
वही अधिकारियो की माने तो विभाग ने एक ईवी फंड का प्रस्ताव रखा है. सरकार की ओर से पहले की तरह मिल रही सब्सिडी जारी रहेगी लेकिन उस पर ज्यादा फोकस नहीं होगा, क्योंकि आंकड़े बता रहे हैं कि ज्यादातर लोग व्यक्तिगत और व्यावसायिक खरीदार सब्सिडी पर निर्भर हुए बिना ही इलेक्ट्रिक व्हीकल चुन रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि सब्सिडी नीति का हिस्सा नहीं बनी रहेगी लेकिन खरीदार अब उसे पर निर्भर नहीं है.
सरकार ने 2030 तक 5,000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. हर स्टेशन पर 4–5 चार्जिंग पॉइंट होंगे. चार्जिंग स्टेशन इन स्थानों पर विकसित किए जाएंगे-
सरकार का कहना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने की सबसे बुनियादी जरूरत सुलभ और तेज चार्जिंग सुविधा है.
नई पॉलिसी में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को बदलने का बड़ा प्रस्ताव शामिल है. सरकार 7 यात्रियों और एक ड्राइवर की क्षमता वाली छोटी ईवी वैन को ग्रामीण सेवा जैसे मॉडल की तरह चलाने पर विचार कर रही है. यह वैन संकरी कॉलोनियों, भीड़भाड़ वाले बाजारों, मेट्रो स्टेशनों के आसपास के इलाकों में चल सकती है, जहां बसें नहीं पहुंच पातीं. इसके अलावा ई-रिक्शा के लिए संगठित रूट निर्धारण का भी प्रस्ताव है, ताकि शहर में उनका संचालन अधिक सुव्यवस्थित हो सके.
अधिकारियों के अनुसार ई-व्हीकल पॉलिसी 2.0 को नए साल से लागू किया जा सकता है. मौजूदा ईवी पॉलिसी 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है. पहली ईवी पॉलिसी अगस्त 2020 में तीन साल के लिए लाई गई थी, जिसे बाद में कई बार बढ़ाया गया, लेकिन उम्मीद के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बड़ी वृद्धि नहीं हुई. इसी वजह से मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री अशीष सूद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, जिसने अब ड्राफ्ट तैयार कर दिया है. नई ईवी वैन और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार दिल्ली की रोजमर्रा की यात्राओं को आसान और पर्यावरण के लिए बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.