
Purvanchal Expressway Accident: कई बार सफर पर निकलते समय हम यह मान लेते हैं कि सब कुछ ठीक है और रास्ता खुद-ब-खुद आसान हो जाएगा. लेकिन एक्सप्रेसवे पर दौड़ती गाड़ियों के बीच एक सेकंड की भी लापरवाही हादसे का रूप ले लेती है. खासकर तब, जब आप CNG वाहन चला रहे हों, तब सतर्कता और भी ज्यादा जरूरी हो जाती है. क्योंकि CNG गाड़ियां पेट्रोल-डीजल से थोड़ी अलग होती हैं और इनके ड्राइविंग पैटर्न में छोटी-सी गलती भी बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है.
यूपी के बाराबंकी के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण सड़क हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हाई-स्पीड सड़कों पर एक छोटी-सी गलती भी कितनी बड़ी कीमत वसूल सकती है. बीते शाम दो परिवार अपनी-अपनी मंज़िलों की ओर बढ़ रहे थे, किसी को घर पहुँचना था, किसी को काम पर लौटना था. लेकिन वैगनआर सीएनजी और ब्रेजा की टक्कर में कांस्टेबल जावेद का पूरा परिवार खत्म हो गया. इस भीषण हादसे में दो महिलाओं और तीन बच्चों समेत कुल 5 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि, आजमगढ़ में तैनात पुलिस कांस्टेबल जावेद का परिवार मऊ से लखनऊ जा रहा था. तभी एक तेज रफ्तार दिल्ली नंबर की ब्रेजा कार ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर के बाद कार का सीएनजी टैंक फट गया और भीषण आग लग गई. इस हादसे की दिल दहला देनें वाली तस्वीरों ने लोगों को अंदर से झकझोर दिया है.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि, दोनों कारों में टक्कर के बाद अचानक आग लग गई और कार में बैठे लोग दरवाजा भी नहीं खोल पाए. जिसके चलते कार में भी बुरी तरह झुलसने से उनकी मौत हो गई. हालांकि पुलिस ने दोनों कारों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है. पुलिस यह पता लगा रही है कि ये सड़क हादसा सिर्फ तेज रफ्तार की वजह से हुआ या ड्राइवर को नींद आ गई थी.
ऐसे हादसे हमें याद दिलाते हैं कि एक्सप्रेसवे पर ड्राइविंग सिर्फ रफ्तार का खेल नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का भी इम्तिहान है. खासकर जब आप CNG वाहन चला रहे हों, जहां जरा-सी लापरवाही भी खतरे को कई गुना बढ़ा देती है. इसलिए अपने परिवार की सुरक्षा और अपने सुकून भरे सफर के लिए कुछ बातें याद रखना बेहद जरूरी है.
एक्सप्रेसवे पर हाई-स्पीड ड्राइविंग में CNG टैंक पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है. इसलिए गाड़ी लेकर निकलने से पहले टैंक, किट और पाइप लाइन की लीकेज चेक करवा लें. किसी भी तरह की बदबू, सीटी जैसी आवाज या गैस की हल्की महक इस बात का अलार्म है कि, आप टैंक और फिटिंग की जांच करवाएं.
CNG वाहनों में ओवरलोडिंग से इंजन पर अतिरिक्त लोड के साथ-साथ किसी भी क्रैश की स्थिति में टैंक पर दबाव बढ़ता है. एक्सप्रेसवे का लंबा सफर ऐसी स्थिति में इंजन ओवरहीटिंग या अचानक पावर लॉस का कारण बन सकता है. इसलिए जब आप सीएनजी कार से सफर पर निकलें तो जरूरत से ज्यादा सामान ढ़ोने से बचे.
CNG कारों में थ्रॉटल रिस्पॉन्स पेट्रोल जैसा तेज नहीं होता. अचानक एक्सीलरेशन देने पर गाड़ी झटके ले सकती है या पावर मिस कर सकती है. यही बात हाई-स्पीड लेन पर खतरनाक साबित हो सकती है. इसलिए अपने कार के पावर आउटपुट को समझते हुए स्पीड को घटाए-बढ़ाए.
कई एक्सपर्ट मानते हैं कि ओवरटेकिंग और स्टार्ट मोमेंट पेट्रोल मोड में ज्यादा स्मूद होता है. CNG मोड में हाई-स्पीड ओवरटेकिंग कभी-कभी रिस्पॉन्स स्लो कर देती है, जिससे टक्कर का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि इस समय बाजार में कई सीएनजी कारें आ चुकी हैं, जो सीधे सीएनजी पर ही स्टार्ट होती हैं.

यदि आप स्पीड कम कर रहे हैं तो इंडिकेटर ऑन कर के धीमें-धीमें लेफ्ट लेन की तरफ शिफ्ट हो जाएं. क्योंकि CNG वाहन कभी-कभी लोड या चढ़ाई पर स्पीड बनाए नहीं रख पाते. सीएनजी के चलते कार के इंजन का पावर आउटपुट कम हो जाता है. ऐसी स्थिति में राइट लेन पर चलना खतरा बढ़ा सकता है. लेफ्ट लेन पर चलने से पीछे आने वाले तेज वाहनों से दूरी बनी रहती है.
CNG गाड़ियों में लगे कई किट्स गाड़ी का वजन बढ़ा देते हैं. इससे ब्रेकिंग दूरी सामान्य से थोड़ी ज्यादा हो जाती है. इसलिए एक्सप्रेसवे हो या हाईवे हमेशा अपने आगे चल रहे वाहन से पर्याप्त गैप बनाए रखना बेहद जरूरी है. क्योंकि, अचानक ब्रेक अप्लाई करने पर डिस्टेंस की कमी बड़े जोखिम पैदा कर सकती है.
CNG कार से लंबे सफर पर निकलते वक्त अपना रूट प्लान तैयार रखें. बीच में हॉल्ट (रूकने) के लिए भी योजना बनाएं. क्योंकि सीएनजी कार से चलने पर इंजन का तापमान धीरे-धीरे बढ़ता है. लगातार 100–150 किलोमीटर तक चलाने के बाद 5–10 मिनट का छोटा ब्रेक इंजन की सेहत के लिए अच्छा रहता है.
कार के टायर प्रेशर पर नज़र रखना भी बेहद ही जरूरी है. आज कल आधुनिक कारों में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) भी दिया जा रहा है. लेकिन यदि आपकी कार में ये फीचर नहीं है, तो सफर पर निकलने से पहले कार में मैनुअल के अनुसार बताए गए PSI के मुताबिक टायर प्रेशर रखें. गलत टायर प्रेशर हाई-स्पीड ड्राइविंग में सबसे बड़ा जोखिम है. CNG गाड़ियों में वजन थोड़ा ज्यादा होने के कारण सही प्रेशर और भी जरूरी हो जाता है.
अगर सफर के दौरान अचानक गाड़ी CNG मोड में बंद हो जाए तो घबराएं नहीं. पहले गाड़ी को किनारे ले जाएं और थोड़ी देर रूक कर फिर पेट्रोल मोड में स्टार्ट करने की कोशिश करें.
रात में हाई-स्पीड व्हीकल्स को देखते हुए अपनी हेडलाइट, इमरजेंसी लाइट और रिफ्लेक्टर्स को हमेशा एक्टिव रखें. CNG गाड़ियों की पावर डिलीवरी कई बार कम होती है, इसलिए पीछे वाली गाड़ियों को आपका मूवमेंट साफ दिखाई देना जरूरी है.
ध्यान रखें...
CNG वाहन आज किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे पर इनका इस्तेमाल तभी सुरक्षित है जब आप पूरी तैयारी के साथ निकलें. एक छोटी-सी चूक हादसे का कारण बन सकती है, जबकि थोड़ी-सी समझदारी आपका और आपके परिवार का सफर सुरक्षित बना देती है.
हालांकि ये सेफ्टी प्रोटोकॉल्स पेट्रोल, डीजल या इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहनों पर भी उतने ही लागू होते हैं, लेकिन सीएनजी को लेकर मामला थोड़ा ज्यादा संवेदनशील हो जाता है. क्योंकि कई बार देखा गया है कि, सड़क हादसों के वक्त CNG टैंक में बड़ा धमाका होता है. और ये धमाका कितना बड़ा होगा... इससे कितनी आगजनी होगी. इसके बारे में पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है. इसलिए सावधान रहें, सुरक्षित चलें और अपने हर सफर को सुखद बनाएं.