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विविध

Jagadguru Swami Rambhadracharya (File Photo)

जगद्गुरु रामभद्राचार्य की WIFE वाली फुलफॉर्म में कितनी सच्चाई?

02 दिसंबर 2025

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने सोशल मीडिया पर WIFE शब्द का एक नया अर्थ समझाया, जिसमें उन्होंने इसे आनंद का साधन बताया. उनका यह बयान वायरल होने के बाद चर्चा में बना हुआ है.

Gokarna Math Goa

कुशावती नदी तट, मोक्ष तीर्थ... जानिए श्रीगोकर्ण जीवोत्तम मठ का इतिहास

28 नवंबर 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा के दक्षिण कैनाकोना में स्थित श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाली जीवोत्तम मठ के 550वें वर्ष के उत्सव ‘सार्ध पंचशतामनोत्सव’ के अवसर पर प्रभु श्री राम की 77 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया. जानिए इस मठ का इतिहास

Black Friday

न कोई बैडलक, न निगेटिवटी... शॉपिंग का शुक्रवार क्यों बन जाता है 'Black Friday'

28 नवंबर 2025

ब्लैक फ्राइडे 2025 अमेरिका से शुरू होकर अब विश्वव्यापी शॉपिंग महापर्व बन चुका है, जो क्रिसमस की खरीदारी की शुरुआत करता है. यह दिन भारी छूट और बचत का प्रतीक है, जिसका इतिहास फिलाडेल्फिया के ट्रैफिक जाम से जुड़ा है.

Kankana Kindi Udupi

भक्त को नहीं मिला प्रवेश तो भगवान ने तोड़ दी थी दीवार... उडुपी कृष्ण मठ की कथा

28 नवंबर 2025

कर्नाटक के उडुपी में स्थित प्राचीन श्रीकृष्ण मठ में 'कनकना किंडी' या कनकदास का झरोखा एक पवित्र स्थल है, जहां भक्त भगवान कृष्ण की अनोखी झलक देखते हैं. यह झरोखा भक्त कनकदास की गहन भक्ति और भगवान कृष्ण के चमत्कार से जुड़ा है, जिन्होंने अपने भक्त के लिए मंदिर की पश्चिमी दीवार में मुख घुमाकर दर्शन संभव किए.

Shukracharya Asur Guru

ज्योतिष, रसायन-औषधि और राज्य व्यवस्था के ज्ञाता... सिर्फ असुरों के गुरु ही नहीं थे शुक्राचार्य

27 नवंबर 2025

शुक्राचार्य को असुरों के गुरु के रूप में जाना जाता है, लेकिन वे केवल नकारात्मक नहीं थे वे ज्योतिष, नक्षत्र विद्या और आयुर्वेद के भी ज्ञाता थे. महर्षि भृगु के पुत्र, जिन्हें उषना के नाम से भी जाना जाता था, शुक्राचार्य ने शुक्रनीति नामक प्रसिद्ध नीतिग्रंथ की रचना की.

 Shukracharya Kach Story

शराब पीने की क्यों है मनाही, शादी वाले सीजन के बीच जानिए क्या है शाप से कनेक्शन

26 नवंबर 2025

यह कहानी पौराणिक काल की है जब शुक्राचार्य ने ब्राह्मणों के लिए मदिरा पीने पर शाप लगाया था. देवगुरु बृहस्पति के पुत्र कच ने संजीवनी विद्या सीखने के लिए शुक्राचार्य के आश्रम में कठिन परीक्षाएं दीं और देवयानी से प्रेम के प्रस्ताव को अस्वीकार किया.

Mahesh Babu Varanasi Teaser realesd

शिवालयों से शेयर बाजार तक... वाराणसी के टीजर में दिखे बैल के प्रतीक हर संस्कृति में कितने अहम हैं

21 नवंबर 2025

राजामौली की आगामी फिल्म 'वाराणसी' में महेश बाबू का पौराणिक अवतार और नंदी बैल की भूमिका प्रमुख रूप से दिखाई दे रही है. नंदी बैल की पूजा, मंदिरों में उसकी स्थिति और विभिन्न पुराणों की कथाएं इस फिल्म की पृष्ठभूमि को गहराई प्रदान करती हैं. इसके साथ ही, बैल का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व भी उजागर किया गया है.

Shadi Shagun and Rituals

नक्षत्र दर्शन क्या है... हिंदू विवाह में नव विवाहित जोड़ों को क्यों दिखाया जाता है ये तारा

17 नवंबर 2025

विवाह समारोहों में नक्षत्र दर्शन एक महत्वपूर्ण परंपरा है जो वर-वधु को वैवाहिक जीवन में स्थिरता, विश्वास और आशीर्वाद प्रदान करती है. स्वाति नक्षत्र अनुकूलता और संतुलन का प्रतीक है, ध्रुव तारा स्थिरता और शाश्वत प्रेम दर्शाता है, जबकि अरुंधति नक्षत्र पति-पत्नी के अटल बंधन का प्रतीक है.

Patna Mahaveer Mandir

पटना के महावीर मंदिर का इतिहास जहां आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं नेता

14 नवंबर 2025

बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों के बाद आज मतगणना जारी है, जिसमें उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हो रहा है. पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में भी चुनावी माहौल देखने को मिल रहा है, जहां राजनीतिक नेताओं ने पूजा-अर्चना की.

 Patna History

पटनदेवी धाम, पाटलिग्राम, कुसुमपुर और अजीमाबाद... पटना के नामों का कैसा रहा है इतिहास 

14 नवंबर 2025

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और आज परिणाम घोषित होने जा रहे हैं. बिहार की राजधानी पटना है और राज्य की राजनीति का केंद्र भी. ऐतिहासिक तौर पर भी राजधानी पटना बहुत महत्वपूर्ण है. पटना का नामकरण देवी दुर्गा के लोकस्वरूप से हुआ है और इसका इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है. पटना को पहले कुसुमपुर, पाटलिग्राम, पाटलिपुत्र आदि नामों से जाना जाता था.

Tirupati Laddu Vivad

पंच तत्व के प्रतीक, भगवान वेंकटेश का प्रिय भोग... तिरुपति लड्डू से जुड़ी लोककथाएं

14 नवंबर 2025

तिरुपति तिरुमला मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में बीफ फैट, फिश ऑयल और एनिमल टैलो जैसी मिलावट की जानकारी सामने आई है, जो श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रही है. तिरुपति लड्डू का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व सदियों पुराना है.

Tirupati Tirumala Laddu Story

लड्डू गोपाल से शादी के लड्डू तक... तिरुपति प्रसादम् विवाद के बीच जानिए क्यों खास हैं लड्डू

13 नवंबर 2025

तिरुपति तिरुमला देवस्थानम के प्रमुख प्रसाद लड्डू में मिलावट की खबर ने भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचाई है. भगवान वेंकटेश के भोग के रूप में प्रसिद्ध यह लड्डू श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. लड्डू गोपाल की लोककथाएं और इतिहास इसे विशेष महत्व देते हैं.

egypt embassy egyption museum event

ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम में देख सकेंगे राजा तूतनखामेन का इतिहास, मिस्त्र दूतावास में हुआ उद्घाटन समारोह

12 नवंबर 2025

भारत में मिस्र दूतावास ने ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम के उद्घाटन के अवसर पर एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया. संग्रहालय गिजा के पास स्थित है और इसमें तूतनखामुन की 5,000 वस्तुएं पहली बार एक साथ प्रदर्शित की गई हैं.

Chandragupat and Chankya

चाणक्य क्या महज एक काल्पनिक किरदार? जानें, क्या कहते हैं इतिहासकार

12 नवंबर 2025

चाणक्य को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक सलाहकार और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु के रूप में जाना जाता है. हालांकि, आधुनिक इतिहासकार उनकी वास्तविक मौजूदगी को लेकर संशय व्यक्त करते हैं, क्योंकि उनके बारे में लिखे गए ग्रंथ चंद्रगुप्त के समय से कई शताब्दियाँ बाद के हैं.'

Vande Matram Geet

अंग्रेजों की महारानी के विरोध में रची गई भारत माता की स्तुति वंदे मातरम् की कहानी

07 नवंबर 2025

साल 1870 के दशक में ब्रिटिश हुकूमत ने सरकारी समारोहों में ‘गॉड! सेव द क्वीन’ गीत गाना अनिवार्य कर दिया था, जिससे भारतीय अधिकारी बंकिम चंद्र चटर्जी क्षुब्ध हुए. उन्होंने रेल यात्रा के दौरान ‘वंदे मातरम्’ गीत लिखा, जो मातृभूमि की स्तुति और क्रांति का प्रतीक बना.

Vande Matram Geet

अकाल, लगान की पीड़ा और संन्यासी विद्रोह.... कहानी आनंद मठ की जिससे निकला वंदे मातरम्

07 नवंबर 2025

1773 में बंगाल में भयंकर अकाल और अंग्रेजों के अत्याचारों के बीच संन्यासियों ने विद्रोह किया, जो बाद में सशस्त्र संघर्ष में बदल गया. बंकिम चंद्र चटर्जी ने इस आंदोलन को 'आनंदमठ' उपन्यास में जीवंत किया, जिसमें मातृभूमि की भावना और 'वंदे मातरम्' गीत की उत्पत्ति का वर्णन है.

Akshaya Navami Aavla Puja

ब्रह्माजी के आंसुओं से जन्मा, संसार का सबसे पहला फल... क्या है आंवले का महत्व

31 अक्टूबर 2025

आंवला फल को संसार का पहला फल माना जाता है और यह आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण का मुख्य हिस्सा है. स्कंद पुराण में इसकी उत्पत्ति की कथा वर्णित है, जिसमें बताया गया है कि कैसे ब्रह्मदेव के प्रेम के आंसुओं से आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ.

आंवले की खेती

आंवले के पेड़ के नीचे क्यों करते हैं भोजन, क्या है अक्षय नवमी की परंपरा

30 अक्टूबर 2025

पौराणिक मान्यता के अनुसार, आंवला वृक्ष में भगवान विष्णु का निवास होता है. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने नाभि कमल से ब्रह्मा जी को उत्पन्न किया था. इसलिए इस वृक्ष को ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का प्रतीक माना जाता है.

raja priyavrat

सबसे पहले इस राजा ने किया था छठ व्रत, मृत पुत्र के जी उठने की मांगी थी मनौती

27 अक्टूबर 2025

छठ व्रत की परंपरा की प्राचीनता के प्रमाण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन पौराणिक कथाओं में शिवपुत्र कार्तिकेय के पालन पोषण में छह कृत्तिकाओं की भूमिका बताई गई है. कार्तिक मास का नाम इन्हीं कृत्तिकाओं और कार्तिकेय के नाम पर पड़ा है.

Chhath Puja 2025

सूर्यदेव की बहन, कार्तिकेय की मां या योगमाया... छठ माता का स्वरूप कैसा है

27 अक्टूबर 2025

भारतीय पूजा पद्धति में छठवीं तिथि की देवी षष्ठी माता को बच्चों की रक्षक, पोषण और प्रजनन की देवी माना जाता है. उनकी पूजा विभिन्न क्षेत्रों में होती है और नेपाल में भी उन्हें बीमारी से बचाने वाली देवी माना जाता है.

Chhath Puja 2025

पूजा सूर्य देव की, व्रत माता के नाम का... कौन हैं छठी मैया

27 अक्टूबर 2025

छठ पूजा चार दिवसीय सूर्य देव की उपासना का पर्व है, जिसमें छठी मैया के रूप में देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है. यह व्रत छठवीं तिथि और छठवें अंक से जुड़ा है, जो पालन-पोषण और सुरक्षा का प्रतीक है. देवी योगमाया, जो श्रीकृष्ण के जन्म के साथ जुड़ी हैं, छठी मैया के रूप में पूजी जाती हैं.

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