जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने सोशल मीडिया पर WIFE शब्द का एक नया अर्थ समझाया, जिसमें उन्होंने इसे आनंद का साधन बताया. उनका यह बयान वायरल होने के बाद चर्चा में बना हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा के दक्षिण कैनाकोना में स्थित श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाली जीवोत्तम मठ के 550वें वर्ष के उत्सव ‘सार्ध पंचशतामनोत्सव’ के अवसर पर प्रभु श्री राम की 77 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया. जानिए इस मठ का इतिहास
ब्लैक फ्राइडे 2025 अमेरिका से शुरू होकर अब विश्वव्यापी शॉपिंग महापर्व बन चुका है, जो क्रिसमस की खरीदारी की शुरुआत करता है. यह दिन भारी छूट और बचत का प्रतीक है, जिसका इतिहास फिलाडेल्फिया के ट्रैफिक जाम से जुड़ा है.
कर्नाटक के उडुपी में स्थित प्राचीन श्रीकृष्ण मठ में 'कनकना किंडी' या कनकदास का झरोखा एक पवित्र स्थल है, जहां भक्त भगवान कृष्ण की अनोखी झलक देखते हैं. यह झरोखा भक्त कनकदास की गहन भक्ति और भगवान कृष्ण के चमत्कार से जुड़ा है, जिन्होंने अपने भक्त के लिए मंदिर की पश्चिमी दीवार में मुख घुमाकर दर्शन संभव किए.
शुक्राचार्य को असुरों के गुरु के रूप में जाना जाता है, लेकिन वे केवल नकारात्मक नहीं थे वे ज्योतिष, नक्षत्र विद्या और आयुर्वेद के भी ज्ञाता थे. महर्षि भृगु के पुत्र, जिन्हें उषना के नाम से भी जाना जाता था, शुक्राचार्य ने शुक्रनीति नामक प्रसिद्ध नीतिग्रंथ की रचना की.
यह कहानी पौराणिक काल की है जब शुक्राचार्य ने ब्राह्मणों के लिए मदिरा पीने पर शाप लगाया था. देवगुरु बृहस्पति के पुत्र कच ने संजीवनी विद्या सीखने के लिए शुक्राचार्य के आश्रम में कठिन परीक्षाएं दीं और देवयानी से प्रेम के प्रस्ताव को अस्वीकार किया.
राजामौली की आगामी फिल्म 'वाराणसी' में महेश बाबू का पौराणिक अवतार और नंदी बैल की भूमिका प्रमुख रूप से दिखाई दे रही है. नंदी बैल की पूजा, मंदिरों में उसकी स्थिति और विभिन्न पुराणों की कथाएं इस फिल्म की पृष्ठभूमि को गहराई प्रदान करती हैं. इसके साथ ही, बैल का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व भी उजागर किया गया है.
विवाह समारोहों में नक्षत्र दर्शन एक महत्वपूर्ण परंपरा है जो वर-वधु को वैवाहिक जीवन में स्थिरता, विश्वास और आशीर्वाद प्रदान करती है. स्वाति नक्षत्र अनुकूलता और संतुलन का प्रतीक है, ध्रुव तारा स्थिरता और शाश्वत प्रेम दर्शाता है, जबकि अरुंधति नक्षत्र पति-पत्नी के अटल बंधन का प्रतीक है.
बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों के बाद आज मतगणना जारी है, जिसमें उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हो रहा है. पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में भी चुनावी माहौल देखने को मिल रहा है, जहां राजनीतिक नेताओं ने पूजा-अर्चना की.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और आज परिणाम घोषित होने जा रहे हैं. बिहार की राजधानी पटना है और राज्य की राजनीति का केंद्र भी. ऐतिहासिक तौर पर भी राजधानी पटना बहुत महत्वपूर्ण है. पटना का नामकरण देवी दुर्गा के लोकस्वरूप से हुआ है और इसका इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है. पटना को पहले कुसुमपुर, पाटलिग्राम, पाटलिपुत्र आदि नामों से जाना जाता था.
तिरुपति तिरुमला मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में बीफ फैट, फिश ऑयल और एनिमल टैलो जैसी मिलावट की जानकारी सामने आई है, जो श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रही है. तिरुपति लड्डू का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व सदियों पुराना है.
तिरुपति तिरुमला देवस्थानम के प्रमुख प्रसाद लड्डू में मिलावट की खबर ने भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचाई है. भगवान वेंकटेश के भोग के रूप में प्रसिद्ध यह लड्डू श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. लड्डू गोपाल की लोककथाएं और इतिहास इसे विशेष महत्व देते हैं.
भारत में मिस्र दूतावास ने ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम के उद्घाटन के अवसर पर एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया. संग्रहालय गिजा के पास स्थित है और इसमें तूतनखामुन की 5,000 वस्तुएं पहली बार एक साथ प्रदर्शित की गई हैं.
चाणक्य को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक सलाहकार और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु के रूप में जाना जाता है. हालांकि, आधुनिक इतिहासकार उनकी वास्तविक मौजूदगी को लेकर संशय व्यक्त करते हैं, क्योंकि उनके बारे में लिखे गए ग्रंथ चंद्रगुप्त के समय से कई शताब्दियाँ बाद के हैं.'
साल 1870 के दशक में ब्रिटिश हुकूमत ने सरकारी समारोहों में ‘गॉड! सेव द क्वीन’ गीत गाना अनिवार्य कर दिया था, जिससे भारतीय अधिकारी बंकिम चंद्र चटर्जी क्षुब्ध हुए. उन्होंने रेल यात्रा के दौरान ‘वंदे मातरम्’ गीत लिखा, जो मातृभूमि की स्तुति और क्रांति का प्रतीक बना.
1773 में बंगाल में भयंकर अकाल और अंग्रेजों के अत्याचारों के बीच संन्यासियों ने विद्रोह किया, जो बाद में सशस्त्र संघर्ष में बदल गया. बंकिम चंद्र चटर्जी ने इस आंदोलन को 'आनंदमठ' उपन्यास में जीवंत किया, जिसमें मातृभूमि की भावना और 'वंदे मातरम्' गीत की उत्पत्ति का वर्णन है.
आंवला फल को संसार का पहला फल माना जाता है और यह आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण का मुख्य हिस्सा है. स्कंद पुराण में इसकी उत्पत्ति की कथा वर्णित है, जिसमें बताया गया है कि कैसे ब्रह्मदेव के प्रेम के आंसुओं से आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, आंवला वृक्ष में भगवान विष्णु का निवास होता है. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने नाभि कमल से ब्रह्मा जी को उत्पन्न किया था. इसलिए इस वृक्ष को ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का प्रतीक माना जाता है.
छठ व्रत की परंपरा की प्राचीनता के प्रमाण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन पौराणिक कथाओं में शिवपुत्र कार्तिकेय के पालन पोषण में छह कृत्तिकाओं की भूमिका बताई गई है. कार्तिक मास का नाम इन्हीं कृत्तिकाओं और कार्तिकेय के नाम पर पड़ा है.
भारतीय पूजा पद्धति में छठवीं तिथि की देवी षष्ठी माता को बच्चों की रक्षक, पोषण और प्रजनन की देवी माना जाता है. उनकी पूजा विभिन्न क्षेत्रों में होती है और नेपाल में भी उन्हें बीमारी से बचाने वाली देवी माना जाता है.
छठ पूजा चार दिवसीय सूर्य देव की उपासना का पर्व है, जिसमें छठी मैया के रूप में देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है. यह व्रत छठवीं तिथि और छठवें अंक से जुड़ा है, जो पालन-पोषण और सुरक्षा का प्रतीक है. देवी योगमाया, जो श्रीकृष्ण के जन्म के साथ जुड़ी हैं, छठी मैया के रूप में पूजी जाती हैं.