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विविध

तीन ताल के श्रोताओं ने बनाया सबसे लंबी बतकही का रिकॉर्ड.

मेटावालो... तीन तालियों ने तुम्हारा सिस्टम हैंग कर दिया! बना दिया 63 घंटे की बतकही का रिकॉर्ड

12 जून 2025

चिट्ठियां 'तीन ताल' की रिवायत का एक अहम हिस्सा है. इस हफ्ते आए सीजन-2 के 107वें एपिसोड में एक दुर्लभ घटना घटी. तीन तालियों की चिट्ठियां पढ़ते हुए एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में पता चला जिसे 'तीन तालियों' ने कायम किया है. व्हाट्सएप ने भी अपने ऐप पर 'ग्रुप वॉइस चैट' का फीचर डालते वक्त सोचा होगा कि कोई इस पर कितनी ही देर बात करेगा. एक परिवार के लोग कितनी बातें करेंगे. 10 मिनट, 20 मिनट, आधा-एक घंटा. लेकिन जब यह समय 63 घंटे की सीमा को भी पार कर दे तो व्हाट्सएप को भी संदेह होगा. संदेह हुआ ही होगा क्योंकि तीन तालियों की यह कॉल 63 घंटे 5 मिनट चली. 

Daku Sultana

दास्तान-ए-डाकू सुल्ताना... नौटंकी के जरिए बिखरा लोककला का रंग, श्रीराम सेंटर के कलाकारों ने किया जीवंत अभिनय

07 जून 2025

श्रीराम सेंटर की ओर जारी शीला भरत राम थिएटर फेस्टिवल के दौरान शुक्रवार को दर्शक 'सुल्ताना डाकू' की कहानी से रूबरू हुए, जिसे नौटंकी शैली में पद्मश्री पंडित राम दयाल शर्मा ने लिखा था और वही इसके निर्देशक भी हैं. बीते लगभग कई दशकों से 'सुल्ताना डाकू' की कहानी को अलग-अलग कलाकारों ने अपने-अपने तरीकों से पेश किया है.

Ram Darbar

खूबसूरत गहनों से सजे सीता-राम… जानें- राम दरबार की अद्भुत-मनोहर छवि के क्या हैं मायने

05 जून 2025

राम दरबार में मध्य में प्रतिष्ठित भगवान श्रीराम की प्रतिमा दिव्यता, संयम और मर्यादा की पराकाष्ठा को दर्शाती है. उनका परिधान अत्यंत पारंपरिक, समृद्ध और प्रतीकात्मक है. इसमें काशी का प्रसिद्ध रेशमी सिल्क वस्त्र प्रयुक्त हुआ है. इस परिधान में बंधेज (बांधनी) की हल्की डाई की बारीक छपाई है.

Ayodhya Ram Mandir

राम मंदिर में दिखेगा भारतीय संस्कृति और परंपरा का संगम, मौसम के साथ बदलेंगे राम दरबार के वस्त्र

04 जून 2025

भगवान राम के बाल स्वरूप में तो उनका मासूम और सौम्य रूप दिखता है, लेकिन राम दरबार में उनका एक भव्य और राजसी रूप प्रस्तुत किया जाएगा. इस रूप में भगवान राम राजा के रूप में प्रतिष्ठित होंगे, जिनकी पोशाक में रॉयल एलिमेंट्स जैसे मुकुट, कमरबंध, सोने-चांदी की कढ़ाई, रत्नजड़ित वस्त्र आदि शामिल होंगे.

Nida Fazali Banganpalli Mango

हर ठेले पर होते हैं दस-बीस तरह के आम, जिसे भी लेना देखकर लेना

03 जून 2025

आम आदमी और आम को एक पायदान पर ला खड़ा करती हैं दोनों के बीच कुछ समानताएं. एक समानता तो यही है कि जैसे एक आदमी में दस-बीस आदमी होते हैं वैसे ही एक आम कई-कई नामों से पुकारा जा सकता है. अब सफेदा को ही ले लीजिए. रंग है पीला, इसका गूदा केसरिया, स्वाद ऐसा मीठा जैसे चाशनी या शहद लेकिन नाम है सफेदा.  'यथा नाम ततो गुणः' वाली भीड़ में बिल्कुल विरोधाभासी. 

Mango Story

'इलाहाबाद से लंगड़ा चला लाहौर तक पहुंचा...', पढ़िए, आम पर फिदा शायरों ने क्या- क्या लिखा?

30 मई 2025

ये लो, फिर निकल गई बात इधर से उधर. क्या बताएं, आम की बात पर बने भी रहना है और दिल उछल-उछल कर कविता, शायरी, गजल-नज्म पर पहुंच जा रहा है. ये आम भी तो अजीब हैं. हर जगह तो इनकी मौजूदगी है. 3 महीने के लिए आते हैं और बस छा जाते हैं. भीतर आम-बाहर में आम.

Lord Ram And Lord Krishna

सीधा पढ़ें तो रामकथा और उल्टा पढ़ें तो कृष्ण चरित्र... संस्कृत की काव्य रचना जिसमें राम-कृष्ण दोनों समाए

29 मई 2025

इस अद्भुत कृति का नाम राघवयादवीयम है. इसे लिखने वाले महान प्राचीन कवि श्रीवेंकटाध्वरि हैं. अपनी इस रचना में कवि ने श्रीराम और श्रीकृष्ण दोनों के ही जीवन चरित्र का अद्भुत वर्णन किया है. श्रीवेंकटाध्वरि का जन्म कांचीपुरम के एक गांव अरसनीपलै में हुआ था.

Mango Story Mirza Ghalib

दसहरी, चौसा, सफेदा... शराब ही नहीं आम के भी शौकीन थे मिर्जा ग़ालिब

29 मई 2025

खैर, आगरे में पैदा हुए और जमाई बनकर दिल्ली पहुंचे मिर्जा नौशा जितने शराब के शौकीन थे, आम के भी उतने ही शैदायी थे. उनकी जिंदगी में आम के इतने किस्से हैं कि क्या कहा जाए. एक खास किस्सा तो उनका आखिरी मुगल सरताज बहादुर शाह जफर के साथ का ही है.

Mango Story

आम न होते तो कैसे होती ओडिशा में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा?

28 मई 2025

आम ने ऐसे-ऐसों के ऐसे -ऐसे काम बनाए हैं कि आम नाम होने के बावजूद वो खास बन गया. लेखक सोपान जोशी तो अपनी किताब मैग्नीफेरा इंडिका में लिखते हैं कि आम के लिए दीवानगी तो ऐसी है कि बड़े-बड़े भी इसके चाव से बचाव नहीं कर पाते. वह लिखते हैं आम महज एक फल नहीं, जुनून है.

Mango Story

जब सिर्फ आम की किस्मों से 'जंग' हार गया एक पाकिस्तानी

27 मई 2025

आम बस एक फल नहीं है, एक भावना है, एक परंपरा है, एक पहचान है. इस फल के साथ अमीरी-गरीबी का कोई कायदा नहीं है. बाहर निकलिए तो फुटपाथ पर लू के थपेड़े के बीच फटे गालों और चरपराए होंठ और बहती नाक वाले बच्चों के मुंह भी अमरस से सने दिख जाएंगे और आम पर पूरा 'ग्रंथ' रच देने वाले सोपान जोशी तो लिखते हैं कि ये फल अमीरी दिखाने का भी जरिया बन जाता है. 

Supper Food Sattu

हेल्दी भी और फास्ट भी... नूडल्स से हजारों साल पुराना है ये सुपर फूड

22 मई 2025

सादा जीवन और उच्च विचार वाली भारतीय परंपरा में सत्तू आसान भोजन के साथ सात्विक भोजन का भी प्रतीक है. वनवास के दौरान सत्तू पांडवों के भी जीवन का आधार बना था. जब वह घरों से अनाज की भिक्षा मांगकर लाते थे तो माता कुंती सभी अनाज को पीसकर उससे सत्तू तैयार कर देती थीं.

Jyoti Malhotra Spy Case

विषकन्या, ट्रेवलर, सेवक... चाणक्य, चंद्रगुप्त से लेकर चंद्रकांता तक भरा पड़ा है जासूसी इतिहास

21 मई 2025

पौराणिक कथाओं से निकलकर इतिहास गाथाओं में पहुंचते हैं तो वहां गुप्तचर ज्यादा सक्रिय और अधिक प्रशिक्षित नजर आते हैं, बल्कि 'मोहिनी' की तरह महिलाएं भी साफ तौर पर गुप्तचर विधा का हिस्सा बनती दिखती हैं. हालांकि ये कल्पना है या सटीक इतिहास, लेकिन चंद्रगुप्त और चाणक्य के सैन्य अभियानों में गुप्तचर और विषकन्याओं का जिक्र मिलता है.

Mohini Vishnu Avtar

"पैरों में पायल, बालों में गजरे और मोहक रूप... कुछ दक्षिण भारतीय मंदिरों में विष्णु जी ऐसे क्यों दिखते हैं?

19 मई 2025

बेलूर और हेलिबिड में बने भव्य मंदिरों का निर्माण काल 12वीं-13वीं शताब्दी का है. इस प्रतिमा के 8 हाथ हैं. जिनमें दाहिनी ओर के चारों हाथ में तो विष्णु प्रतीक शंख-चक्र, गदा-पद्म हैं, लेकिन बाईं ओर के हाथों में अमृत कलश, वारुणि कलश, पुष्पमाला और स्फटिक हैं. देवी की प्रतिमा कुछ-कुछ नृत्य की मुद्रा में है, जो कि समुद्ग मंथन के बाद उसी कथा को बताने की कोशिश है, जिसमें मोहिनी ने असुरों से अमृत लेकर देवताओं को पिलाया था.

millet

कोंदो, कुटकी, रागी... हमारे फूड कल्चर का हिस्सा रहे मोटे अनाज जो कहलाते हैं ऋषि अन्न

19 मई 2025

कोंदो जैसे मोटे अनाजों को प्राचीन काल से ऋषि अन्न की संज्ञा दी गई है. व्रत-उपवास और कठिन साधना करने वाले ऋषि-मुनि कोदों के भात को अपनी आहार परंपरा में शामिल करते आए हैं. असल में कोदों ऐसा अनाज है, जो कम वर्षा में भी उपज जाता है. हालांकि यह कभी भी कृषि की मुख्य धारा में शामिल नहीं रहा है और इसकी खेती को लेकर भी पहले खास प्रयास नहीं किए गए हैं.

Chenab River

चिनाब... जो बंटवारे, आतंक और दहशतगर्दी का दर्द समेटे सरहद पार बहती है

14 मई 2025

चिनाब सिर्फ पानी का बहता सोता नहीं है, ये कोई पहाड़ों से बहकर आने वाला महज एक चश्मा भर नहीं है, इसे किसी आम दरिया की तरह समझने की भूल भी नहीं की जा सकती है, चिनाब खुद में एक औरत है, देवी है. किसी अल्हड़ किशोरी की तरह. जो इतनी चंचल है कि हर कहानी में किरदार बनकर शामिल हो जाती है और फिर कान लगाकर उनकी गुपचुप बातें सुन आती है.

Bharat Yog Yatra

शांति और साधना के उत्सव का गवाह बनेगी दिल्ली, राजधानी में होने जा रहा भारत योग यात्रा का आयोजन

08 मई 2025

स्वामी निरंजनानंद सरस्वती इस आयोजन में योग की प्राचीन और शुद्ध विधियों को आसान तरीके से सिखाएंगे. उनके मार्गदर्शन में योग के जरिए अपने मन को शांत करना और जीवन को संतुलित करना सीखा जा सकता है. यह सत्र आंतरिक शांति और आध्यात्मिक जागृति के लिए एक सुनहरा मौका है.

operation sindoor

कहानी सिंदूर की...सुहाग का वो निशान, जो बन गया आतंक के आकाओं से भारत के बदले की पहचान

07 मई 2025

पहलगाम हमले में आतंकियों ने दहशत का संदेश देने के लिए महिलाओं के सामने उनके पतियों की हत्या की थी और इस तरह से उनकी मांग सूनी कर दी थी. आज 15 दिन बाद, जब ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च हुआ तो ये समझिए कि इसका 'सिंदूर' नाम कितना सटीक है. यह उस सिंदूर का बदला है जो नई नवेली ब्याहताओं के माथे से पोंछ दिया गया था.

chenab River

जिस चिनाब में बहता था इश्क, आतंक के कारण रोकना पड़ा उसका पानी

06 मई 2025

यह वही चिनाब है, जो भारत से निकलती है और पाकिस्तान को जाती है. कहते हैं न कि पंछी-नदियां, पवन के झोंके, कोई सरहद न इन्हें रोके... लेकिन चिनाब का पानी सरहद पर रोकना पड़ा है. वजह है भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान. जो प्रेम की धारा बहाने वाली इस नदी से भी प्रेम में बहना नहीं सीख सका है, और सिर्फ नफरत व आतंक की पौध ही सींच रहा है.

lakhisarai

बिहार के लखीसराय में खोदी जा रही थी मिट्टी, नीचे से निकल आई पाल कालीन बौद्ध प्रतिमाएं

05 मई 2025

दोनों मूर्तियां पद्मासन में स्थित हैं, जो ध्यान और ज्ञान का प्रतीक है. सिर के ऊपर छत्राकार संरचना, कंधों के दोनों ओर छोटी मूर्तियां, संभव है कि यह किसी गंधर्व या अप्सरा या यक्षी की प्रतिमाएं होंगी, या फिर उनके कोई विशेष गण, जिन्हें गणधर कहा जाता है.  इसके बाद मूर्तियों के आधार पर निगाह डालिए.

Sharabh Lord Shiva

चार हाथ, आठ पैर और पंखों वाला घोड़ा... कौन है नरसिंह भगवान को जीतने वाला ये अनोखा पौराणिक जीव

30 अप्रैल 2025

शरभ, हिंदू पौराणिक कथाओं में एक अनोखा चरित्र है, जिसे भगवान शिव के क्रोधपूर्ण अवतार के रूप में जाना जाता है. यह आठ पैरों वाला, आंशिक रूप से शेर और आंशिक रूप से पक्षी का प्राणी है, जो शिव पुराण और अन्य ग्रंथों में वर्णित है. शरभ की प्रतिमाएं और नक्काशियां प्राचीन भारतीय मंदिरों में पाई जाती हैं, जो इन मंदिरों की कलात्मक और धार्मिक परंपरा का हिस्सा हैं.

Soordas Tulsida

सूर-तुलसी की कविताएं और कोड लैंग्वेज... साहित्य के वो पन्ने जिनमें जासूसी का गुप्त ज्ञान भी छिपा है!

30 अप्रैल 2025

काव्य कृति की बात होती है तो केवल कवि सूरदास के प्रेम-श्रृंगार और भक्ति रस में डूबे काव्यों का वर्णन होता है. लेकिन सूरदास इससे कहीं अधिक सिद्ध हस्त थे. उन्होंने काव्य शैली में गुप्त सूचना और संकेतों में बात कहने की शैली की भी शुरुआत की थी. जिन्हें कूटपद (कोडवर्ड) कहते हैं.

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