scorecardresearch
 

ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम में देख सकेंगे राजा तूतनखामेन का इतिहास, मिस्त्र दूतावास में हुआ उद्घाटन समारोह

भारत में मिस्र दूतावास ने ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम के उद्घाटन के अवसर पर एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया. संग्रहालय गिजा के पास स्थित है और इसमें तूतनखामुन की 5,000 वस्तुएं पहली बार एक साथ प्रदर्शित की गई हैं.

Advertisement
X
भारत के मिस्त्र दूतावास में हुआ GEM का उद्धाटन आयोजन
भारत के मिस्त्र दूतावास में हुआ GEM का उद्धाटन आयोजन

भारत में मिस्र दूतावास ने इजिप्ट हाउस में एक शानदार सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. इसमें दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालय, ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम (जीईएम) के उद्घाटन का उत्सव मनाया गया. एक पूरी सभ्यता को समर्पित यह सबसे विशाल संग्रहालय है. यह आयोजन मिस्र के राजदूत एचई कमेल गलाल और उनकी पत्नी रेहाम हंदौसा के नेतृत्व में हुआ, जो मिस्र की सांस्कृतिक भव्यता और भारत के साथ उसके बढ़ते संबंधों की गर्माहट को भी महसूस करने का मौका बन गया.

सांस्कृतिक आयोजनों ने मोहा मन
यह कार्यक्रम मिस्र एयर और सोपान, सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित किया गया. जिसकी स्थापना राजदूत मोनिका कपिल मोहता और सिद्धांत मोहता द्वारा की गई है. इस कार्यक्रम में दिल्ली के प्रमुख राजनयिक सदस्य और कला प्रेमी जुटे.इस दौरान  ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम पर आधारित एक फिल्म भी दिखाई गई. इसके बाद नृत्यांगना शिवानी वर्मा ने कथक की प्रस्तुति दी, जिसमें भारतीय शास्त्रीय नृत्य की सुंदरता को फ्यूजन के आकर्षण के साथ प्रस्तुत किया गया.

वहीं, मिस्र के कलाकार अहमद ने खास टानौरा नृत्य की प्रस्तुति दी. इस मौके पर राजदूत कमेल गलाल ने कहा, “ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम मिस्र की हमेशा चलने वाली सभ्यता को सलाम है. यह हमारा वादा है कि मिस्र की कहानी दुनिया को बताएंगे, यह हमारे पुराने गौरव और नए सपनों के बीच एक पुल का काम करता है.”

Advertisement

ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम (जीईएम) क्या है?
यह संग्रहालय गिजा के ऊंचे मैदान पर बना है, जो इस पिरामिड से सिर्फ दो किलोमीटर दूर है. यह मिस्र की सबसे बड़ी सांस्कृतिक योजना है. 120 एकड़ में फैला, 1.2 अरब डॉलर खर्च से बना यह संग्रहालय पुरानी चीजों को नई बिल्डिंग से जोड़ता है. यहां 1 लाख से ज्यादा पुरानी चीजें हैं. इसमें तूतनखामुन की पूरी 5,000 चीजें पहली बार एक साथ दिखाई जा रहीं हैं. साथ ही खुफू की सूरज वाली नाव, बड़ी मूर्तियां, किताबें और राजाओं की ममी भी यहां हैं. 19 नई लैब हैं जहां पुरानी वस्तुओं का संरक्षण किया जाता है. यह दुनिया भर के पुरातत्व कार्यों का केंद्र है. हर साल 5-7 करोड़ लोग आएंगे. यह मिस्र का दुनिया को तोहफा है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement