यमन के PM माईन बर्खास्त, सऊदी अरब का करीबी यह नेता बना नया प्रधानमंत्री

करीब एक दशक से चले रहे इस गृह युद्ध ने पहले से ही सबसे गरीब अरब देश यमन को और तबाह कर दिया है. हूती लड़ाकों और नागरिकों सहित 150,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. हाल के महीनों में, हूती और सऊदी अरब के बीच बातचीत हुई है, जिसका मकसद यमन में गृह युद्ध को समाप्त करना है.

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यमन की राष्ट्रपति परिषद ने पीएम माईन अब्दुलमलिक सईद को बर्खास्त कर दिया. (AP Photo) यमन की राष्ट्रपति परिषद ने पीएम माईन अब्दुलमलिक सईद को बर्खास्त कर दिया. (AP Photo)

aajtak.in

  • सना,
  • 06 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:48 AM IST

यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त राष्ट्रपति परिषद (Presidential Council) ने सोमवार को एक अप्रत्याशित कदम में प्रधानमंत्री माईन अब्दुलमलिक सईद को बर्खास्त कर दिया. वह 2018 से यमन के प्रधानमंत्री थे. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को निशाना बना रहा है. यमनी राष्ट्रपति परिषद ने विदेश मंत्री अहमद अवद बिन मुबारक को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया. बिन मुबारक सऊदी अरब के करीबी माने जाते हैं.

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राष्ट्रपति परिषद ने इस फेरबदल के पीछे का कारण नहीं बताया. बता दें कि यमन 2014 से ही गृह युद्ध में उलझा हुआ है, जब ईरान समर्थित विद्रोहियों- जिन्हें हूती के नाम से जाना जाता है- ने राजधानी सना और उत्तर के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया था. तब सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने यमन में जारी गृह युद्ध में हस्तक्षेप किया और 2015 से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को सत्ता में बहाल करने की कोशिश करने के लिए विद्रोही गुट हूती से लड़ रहा है.

करीब एक दशक से गृह युद्ध में जल रहा यमन

करीब एक दशक से चले रहे इस गृह युद्ध ने पहले से ही सबसे गरीब अरब देश यमन को और तबाह कर दिया है. हूती लड़ाकों और नागरिकों सहित 150,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. हाल के महीनों में, हूती और सऊदी अरब के बीच बातचीत हुई है, जिसका मकसद यमन में गृह युद्ध को समाप्त करना है. दोनों पक्षों ने कहा कि उन्होंने संघर्ष विराम के लिए सकारात्मक चर्चा की है. हूती-सऊदी वार्ता यमन में जारी संघर्ष का राजनीतिक समाधान खोजने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा रही है. 

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पिछले साल अक्टूबर में इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से शांति प्रयासों में बाधा आई है. हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में शिपिंग मार्गों पर हमले किए हैं. उनका कहना है कि लाल सागर में उनकी कार्रवाई फिलिस्तीन और हमास के खिलाफ इजरायल के सैन्य अभियान की प्रतिक्रिया है. बता दें कि हूती की तरह हमास भी ईरान समर्थित सशस्त्र संगठन है. लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हूती के हमलों ने अमेरिका और ब्रिटेन को यमन में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों पर एयर स्ट्राइक शुरू करने के लिए प्रेरित किया है.

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