'पीसमेकर' ट्रंप को क्रेडिट! व्हाइट हाउस ने 'यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' का बदला नाम

यूएसआईपी का मकसद अमेरिकी कांग्रेस, विदेश विभाग और व्हाइट हाउस को यह बताना कि किसी देश या क्षेत्र में शांति कैसे कायम हो सकती है. देश में शांति बहाली में इस संस्था की बड़ी भूमिका है.

Advertisement
 'यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' का नाम क्यों बदला (Photo: AP) 'यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' का नाम क्यों बदला (Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST

व्हाइट हाउस ने 'यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' का नाम बदलकर 'डोनाल्ड जे. ट्रंप इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' कर दिया है. यह बदलाव किसी नए कानून के जरिए नहीं किया गया. इसकी सिर्फ रीब्रांडिंग की गई है. 

यह बदलाव ऐसे समय पर हुआ है, जब ट्रंप खुद को शांति का सबसे बड़ा पैरोकार बता रहे हैं. व्हाइट हाउस द्वारा 'यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' का नाम बदलकर 'डोनाल्ड जे ट्रंप इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' करने के फैसले के बारे में जब पूछा गया तो व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के नाम पर इसका नाम रखा गया है.

Advertisement

विदेश मंत्रालय ने पोस्ट कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ताकत के जरिए नए युग की शुरुआत की है. उनके कमिटमेंट की वजह से दुनियाभर में शांति आई है. इस वजह से अमेरिका को वैश्विक स्तर पर दोबारा सम्मान मिला है.

बता दें कि ट्रंप लगातार ये दावा कर रहे हैं कि उन्होंने दुनियाभर में आठ युद्ध रुकवा दिए. भारत और पाकिस्तान के बीच की जंग को रुकवाने का क्रेडिट भी ट्रंप ने लिया था लेकिन भारत सरकार ने इससे इनकार किया है. 

बता दें कि यूनाइटेड स्टेड्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस अमेरिका की एक स्वतंत्र, गैर-दलीय सरकारी संस्था है, जिसका मुख्य काम है हिंसक संघर्षों को रोकना, सुलझाना और शांति स्थापित करने में मदद करना है. 

USIP क्या करती है?

USIP का फोकस सीधे युद्ध लड़ना नहीं, बल्कि युद्ध को रोकना और शांति के रास्ते निकालना है. इसमें  संघर्ष समाधान (Conflict Resolution) भी शामिल है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे गृहयुद्ध, राजनीतिक हिंसा, धार्मिक टकराव आदि पर रिसर्च, सरकारों और संगठनों को शांति वार्ता के तरीके सुझाना, नीति सलाह (Policy Advice) आदि है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement