रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की विदेश यात्राओं के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए बड़े ताम-झाम होते हैं. इस ताम-झाम में वो स्पेशल ब्रीफकेस भी शामिल है, जिसकी चर्चा कम होती है. ये ब्रीफकेस है पुतिन का पू ब्रीफकेस (Poo briefcase). अजीब से लगने वाला ये राज विश्व की दमदार शख्सियतों के सुरक्षा प्रोटोकॉल का एक अहम हिस्सा है. जहां सिक्योरिटी एजेंट राष्ट्राध्यक्षों के मल मूत्र को जमाकर इसे वापस अपने देश ले जाते हैं.
इसका मकसद राष्ट्राध्यक्षों के स्वास्थ्य संबंधी सूचनाओं को उनके प्रतिद्वंद्वियों या विदेशी एजेंसियों तक पहुंचने से रोकना होता है. सुरक्षा एजेंसियों का ये कदम राष्ट्राध्यक्षों के सेहत से जुड़े राज को छिपाये रखता है. बता दें कि कई ऐसी बीमारियां हैं, शारीरिक लक्षण हैं जिनका पता मल अथवा मूत्र से लगाया जा सकता है. राष्ट्राध्यक्षों की विदेश यात्राओं में जरा सी असावधानी उनके सेहत से जुड़े कई राज खोल सकती है. इसलिए इन्हें हर कीमत पर छिपाया जाता है.
अमेरिकी वेबसाइट द एक्सप्रेस डॉट कॉम ने पुतिन अलास्का यात्रा से पहले एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट में पुतिन के पू ब्रीफकेस का विस्तार से जिक्र है. वेबसाइट दावा करता है कि व्लादिमीर पुतिन के बॉडीगार्ड उनके विदेश दौरे के समय उनका मल-मूत्र स्पेशल सीलबंद पाउच में इकट्ठा करते हैं और इसे रूस वापस ले आते हैं.
फ्रांसीसी प्रकाशन पेरिस मैच में दो अनुभवी खोजी पत्रकारों की रिपोर्ट के अनुसार रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए बनी स्पेशल फोर्स फेडरेल प्रोटेक्शन सर्विस (FPS) के सदस्य विदेश यात्रा के दौरान उनके मल सहित मानव अपशिष्ट को इकट्ठा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं.
इस वेस्ट को विशेष पाउच में इकट्ठा किया जाएगा, जिन्हें फिर एक डेडिकेटेड ब्रीफ़केस में रखा जाता है.
इस रिपोर्ट को लिखने वाले रेजिस गेंटे एक लेखक हैं जिन्होंने रूस पर दो किताबें लिखी हैं, जबकि मिखाइल रुबिन दस साल से ज़्यादा समय से रूस पर रिपोर्टिंग कर रहे हैं.
दोनों ने खुलासा किया है कि पुतिन का वेस्ट इकट्ठा करने का सिस्टम सालों चला आ रहा है, जैसा कि मई 2017 में पुतिन की फ्रांस यात्रा के दौरान भी हुआ था.
ऐसा संदेह है कि यह आश्चर्यजनक सुरक्षा उपाय विदेशी ताकतों को पुतिन के मल के नमूने लेने से रोकने के लिए किया गया है, जिससे संभवतः रूसी नेता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.
बीबीसी पत्रकार फ़रीदा रुस्तमोवा ने भी ऐसी ही खुफिया जानकारी दी थी और पुतिन की वियना यात्रा का ज़िक्र किया था. इस दौरान उनके पास अपना निजी बाथरूम था जिसमें एक पोर्टेबल शौचालय भी शामिल था. यहां से ही पुतिन का वेस्ट इकट्ठा किया गया था.
उन्होंने बताया कि एक सूत्र ने खुलासा किया है कि राष्ट्रपति 1999 में अपने नेतृत्व की शुरुआत से ही पुतिन इस तरह की व्यवस्था करते आ रहे हैं. हाल के वर्षों में 72 वर्षीय पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर अफवाहें उड़ी हैं.
किम भी पोर्टेबल टॉयलेट लेकर चलते हैं
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन भी अपनी विदेश यात्राओं में अपना पोर्टेबल टॉयलेट लेकर चलते हैं. सीबीएस न्यूज ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि जून 2018 में जब किम जोंग उन सिंगापुर में राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने आए थे उस दौरान वे अपना पोर्टेबल टॉयलेट लेकर आए थे.
दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी द चोसुनिल्बो ने बताया कि जब किम एयर चाइना बोइंग 747 से सिंगापुर पहुंचे तो उनके साथ एक IL-76 कार्गो विमान भी था जिसमें उनका खाना, उनकी बुलेटप्रूफ लिमोज़ीन और एक "पोर्टेबल शौचालय" भी था.
ली युन-केओल जो 2005 में दक्षिण कोरिया भागने से पहले उत्तर कोरियाई गार्ड कमांड यूनिट में काम करते थे ने बताया कि यह सामान्य बात है.
ली युन-केओल ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया, "होटल के शौचालय का इस्तेमाल करने के बजाय उत्तर कोरिया के नेता के पास एक निजी शौचालय है जो यात्रा के दौरान उनके साथ रहता है."
ली युन-केओल ने बताया, "किसी भी व्यक्ति के मल-मूत्र में उनकी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी होती है, इसलिए उन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता."
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि जब भी उत्तर कोरियाई नेता देश भर में सैन्य ठिकानों और सरकारी कारखानों का निरीक्षण करते हैं, तो यात्रा के दौरान भी इसी तरह की सावधानियां बरती जाती हैं. दरअसल दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी डेलीएनके के अनुसार किम के वाहनों के काफिले में हर समय एक विशेष बाथरूम बना रहता है.
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