दाढ़ी-बाल पर ट्रंप के मंत्री के कदम से अमेरिका में मचा बवाल, सिख सैनिकों के सपोर्ट में उतरे सांसद

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने अमेरिकी सैनिकों के दाढ़ी रखने पर प्रतिबंध लगाया है. इसे लेकर अमेरिकी सिख और मुसलमान सैनिक गुस्से में हैं. उनकी इस परेशानी और सवालों को देखते हुए एक अमेरिकी सांसद ने पीट हेगसेथ को पत्र लिखा है.

Advertisement
पीट हेगसेथ के फैसले से सिख सैनिकों में गुस्सा है (File Photo: Reuters/AI) पीट हेगसेथ के फैसले से सिख सैनिकों में गुस्सा है (File Photo: Reuters/AI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बीते महीने अमेरिकी सैनिकों के दाढ़ी रखने पर रोक की घोषणा की थी. इससे अमेरिकी सेना में काम करने वाले सिख-अमेरिकी काफी गुस्से में हैं. इसे देखते हुए एक प्रमुख अमेरिकी सांसद ने अपने रक्षा मंत्री को चिट्ठी लिखकर अपील की है कि वो अपने फैसले पर दोबारा विचार करें. सांसद ने लिखा कि सिख धर्म में केश और दाढ़ी रखना उनके विश्वास का एक प्रमुख हिस्सा है और इसे काटना धार्मिक रूप से गलत माना जाता है.

Advertisement

पीट हेगसेथ को लिखे एक पत्र में अमेरिकी सांसद थॉमस आर. सुवोजी ने कहा कि सिख पीढ़ियों से अमेरिकी सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े हैं, जिसमें प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध भी शामिल हैं.

सुवोजी ने अपने पत्र में लिखा, 'सिखों के लिए अपने देश की सेवा करना एक पवित्र कर्तव्य है, संत-सिपाही की अवधारणा का प्रतीक, जो आस्था और सेवा का मेल है. सिख धर्म में केश और दाढ़ी को न काटना ईश्वर के प्रति समर्पण और समानता का प्रतीक माना जाता है.'

उन्होंने यह माना कि सेना में अनुशासन और एकरूपता जरूरी है, लेकिन कहा कि धार्मिक और मेडिकल कारणों से दी जाने वाली छूट को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुवोजी ने कहा कि उनके कुछ सिख, मुस्लिम और अफ्रीकी-अमेरिकी वोटर्स नए प्रतिबंधों को लेकर फिक्रमंद हैं. उनका कहना है कि अगर दाढ़ी पर प्रतिबंध धार्मिक, सांस्कृतिक या चिकित्सीय छूटों के बिना लागू किया गया, तो यह अनजाने में उन्हें वर्दी में अपने देश की सेवा करने से रोक सकता है.

Advertisement

क्या कहा था ट्रंप के मंत्री ने?

पिछले महीने जनरल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए हेगसेथ ने कहा था, 'हम अपने बाल कटवाएंगे, दाढ़ी मुंडवाएंगे और मानकों का पालन करेंगे... अनप्रोफेशनल दिखने का दौर खत्म हो गया है. अब कोई ‘दाढ़ीवाले’ नहीं होंगे.' 

सुवोजी ने कहा कि ऐसे बयान उन अमेरिकियों को परेशानी में डाल रहे हैं जिनके लिए धर्म या स्वास्थ्य कारणों से चेहरे के बाल बनाए रखना जरूरी है.

उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए भी व्यक्तिगत मामलों में उचित छूट दी जा सकती है, ताकि जो लोग देश की सेवा करना चाहते हैं, वे अपने धार्मिक विश्वासों से समझौता किए बिना ऐसा कर सकें.'

अमेरिकी सांसद ने मुसलमानों का भी मुद्दा उठाया

सांसद ने कहा कि कई मुस्लिम पुरुषों के लिए दाढ़ी रखना 'सुन्नत मुअक्कदा' है- यानी एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा जो विनम्रता और ईश्वर के प्रति समर्पण का प्रतीक है.

उन्होंने यह भी कहा कि अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय के लिए बाल उनकी सांस्कृतिक पहचान और विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

उन्होंने पत्र में लिखा, 'इसके अलावा, दाढ़ी बनाना कई बार मेडिकल दिक्कतें पैदा करता है, क्योंकि बालों की बनावट के कारण अफ्रीकी-अमेरिकी सैनिकों में दाढ़ी काटने से प्सूडोफॉलिकुलाइटिस बार्बी (PFB) नामक दर्दनाक त्वचा रोग हो सकता है. यह स्थिति अश्वेत सैनिकों को बीमार कर सकती है जो कुल सैनिकों का लगभग पांचवां हिस्सा हैं.'

Advertisement

उन्होंने दलील दी कि मौजूदा कानूनी प्रावधान, जैसे 'धार्मिक स्वतंत्रता पुनर्स्थापन अधिनियम (Religious Freedom Restoration Act-RFRA)',दाढ़ी रखने जैसे धार्मिक प्रथा के पालन की इजाजत देते हैं.

सुवोजी ने हेगसेथ से अपील करते हुए कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि रक्षा विभाग अनुशासन और एकरूपता बनाए रखते हुए भी RFRA और अन्य सैन्य नीतियों के तहत लंबे समय से चले आ रहे इन धार्मिक छूटों को जारी रख सकता है. इससे उन लोगों को अपने धर्म और देश के बीच किसी एक को चुनने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा जो देशभक्त और धार्मिक दोनों हैं.' 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement