'जरूरत पड़ी तो ईरान पर दोबारा बमबारी करने से नहीं हिचकिचाएंगे', डोनाल्ड ट्रंप ने चेताया

मध्य पूर्व में ईरान और इज़राइल के बीच सीजफायर के ऐलान से तनाव कम हुआ है. दोनों देशों ने 12 दिनों के संघर्ष के बाद सीजफायर पर सहमति जताई. इसी बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरान के परमाणु स्थलों को पूरी तरह नष्ट कर दिया है और जरूरत पड़ने पर वे फिर से हमला कर सकते हैं.

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डोनाल्ड ट्रंप की धमकी- दोबारा बमबारी का विकल्प खुला (फोटो क्रेडिट - AP) डोनाल्ड ट्रंप की धमकी- दोबारा बमबारी का विकल्प खुला (फोटो क्रेडिट - AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2025,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST

मध्य पूर्व में तनाव कम हो गया है. ईरान और इज़रायल (Israel-Iran) के बीच हुए सीजफायर (Ceasefire) के बाद शांति बहाल है. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक फिर से दोहराया है कि हवाई हमलों के ज़रिए ईरान के न्यूक्लियर प्लांट (Nuclear Sites) को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है. 

उन्होंने कहा, अगर ज़रूरत पड़ती है तो ईरान पर हमला करने से हिचकिचाएंगे नहीं. अगर ईरान भविष्य में संवेदनशील गतिविधियों को फिर से शुरू करता है तो अमेरिका फिर से हमला कर सकता है. 

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डोनाल्ड ट्रंप बोले - ईरान यूरेनियम को उस स्तर तक समृद्ध करेगा तो अमेरिका के लिए यह चिंता का विषय होगा. 

व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान एक मीडियाकर्मी के सवाल पर प्रतिक्रिया देते ट्रंप ने कहा कि वे ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई की टिप्पणियों पर जल्द जवाब देने के लिए विचार कर रहे हैं. दरअसल, खामेनेई ने सीजफायर के बाद कहा था कि ईरान ने कतर में स्थित अमेरिका के सैन्य अड्डे को तबाह कर दिया. यह अमेरिका के मुंह पर तमाचा है. 

यह भी पढ़ें: 'अकल्पनीय, लेकिन ज़रूरी...', भारत के साथ सभी ट्रेड बैरियर्स हटाना चाहते हैं ट्रंप

ट्रंप ने उन दावों को भी ख़ारिज कर दिया जिसमें दावा किया जा रहा था ईरान के परमाणु स्थलों को उतना नुक़सान नहीं पहुंचा, जितना अमेरिकी राष्ट्रपति दावा कर रहे थे. 

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उन्होंने, ईरान के परमाणु ठिकानों का अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी या किसी अन्य सम्मानित स्रोत द्वारा निरीक्षण करने का सपोर्ट किया है.

इजराइल-हमास युद्ध 15 दिन में खत्म होने का दावा

वहीं, इजरायल और हमास के बीच गाजा में जारी युद्ध 15 दिन में खत्म होने का दावा किया जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के बीच गाजा में युद्ध रोकने और अब्राहम समझौते के विस्तार पर सहमति बनी है. गाजा में इजरायल के नेतृत्व में यूएई और मिस्र के सहयोग से सरकार चलाने पर भी बात हुई है.

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर घमासान: दावे-पलटदावे और हमले का डर

चिंता इसी बात को लेकर है कि क्या वाकई ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों से अपना संवर्धित यूरेनियम हटा लिया था? क्या वह अब भी सुरक्षित है और उससे परमाणु बम बनाया जा सकता है?

दुनिया में परमाणु हथियारों की स्थिति

हम आपको यह भी बता दें कि SIPRI के अनुसार, दुनिया के 90% परमाणु हथियार अमेरिका और रूस के पास हैं. स्वीडन के थिंक टैंक ने जून 2024 में परमाणु हथियारों से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की थी और इसके अनुसार दुनिया भर में अभी 3,904 परमाणु हथियार, मिसाइल या विमान तैनात हैं. भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया भी अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों पर परमाणु वॉरहेड तैनात करने की तैयारी में हैं.

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क्या ईरान भी परमाणु शक्ति बनने की राह पर?

अब अमेरिका और इजरायल को यह डर है कि कहीं ईरान इस सूची में शामिल न हो जाए. पाकिस्तान और उत्तर कोरिया की तरह ईरान भी परमाणु शक्ति वाला देश न बन जाए. और यही चिंता सबसे अधिक इजरायल को सता रही है.

विरोधाभासी बयान: नुकसान हुआ या नहीं?

ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई का दावा है कि एटमी ठिकानों को कोई नुकसान नहीं हुआ. ईरान के विदेश मंत्री का बयान छोटा नहीं है, बल्कि वह बहुत बड़ा नुकसान बता रहे हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्री का दावा है कि उन्होंने ठिकानों को नष्ट कर दिया.

अमेरिका की प्रतिक्रिया और गुस्सा

जैसे ही ईरान के परमाणु ठिकानों और परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की बात आती है और ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमलों को नाकाम बताया जाता है, अमेरिका भड़क उठता है.

ईरान-अमेरिका के अधिकारी एक बात पर सहमत

अब ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची और अमेरिका के रक्षा मंत्री एक ही बात कह रहे हैं और वह यह है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत गहरी चोट पहुंची है.

ईरान के सुप्रीम लीडर का दावा और इजरायल की चिंता

लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई जहां यह दावा करते हैं कि ईरान के परमाणु ठिकानों को कोई नुकसान नहीं हुआ है, वहीं इजरायल के रक्षा मंत्री ने कहा है कि ईरान अपना संवर्धित यूरेनियम छिपा रहा है. दूसरी ओर, व्हाइट हाउस का कहना है कि उनके पास इसका कोई सबूत नहीं है कि संवर्धित यूरेनियम ईरान में मौजूद है.

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अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की नजर

व्हाइट हाउस के अनुसार, "संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारी खुफिया एजेंसियां इन ठिकानों पर बहुत करीबी नजर रखे हुए थीं. हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि स्ट्राइक से पहले यूरेनियम को नहीं हटाया गया."

इजरायल के अधिकारियों के दावे

एक तरफ अमेरिका की सरकार है जो संवर्धित यूरेनियम के ईरान में होने से इनकार कर रही है. दूसरी तरफ अमेरिका की एक न्यूज़ वेबसाइट एक्सियोस ने दावा किया है कि इजरायल के कम से कम तीन बड़े अधिकारियों को ईरान के परमाणु कार्यक्रम की सीधी जानकारी है. इन अधिकारियों ने बताया है कि एटम बम बनाने की हद तक यूरेनियम को समर्पित किया गया था और यह इस्फहान की अंडरग्राउंड सुरंगों में मौजूद है.

क्या फिर हमला करेगा इजरायल?

इन सुरंगों को बमबारी के बाद दुनिया की पहुंच से दूर कर दिया गया है. इजरायली अधिकारियों का मानना है कि अगर ईरान इस यूरेनियम को फिर से बाहर निकालने की कोशिश करता है तो उन्हें इसका पता चल जाएगा.

सवाल यह है कि क्या इजरायल फिर से अमेरिका को ईरान पर हमले के लिए तैयार रहने का इशारा कर रहा है? और इस बार क्या इजरायल अमेरिका का इंतजार किए बिना खुद हमला कर देगा?

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