अमेरिका के न्याय विभाग (यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस) ने अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी के नेतृत्व में 19 दिसंबर को एपस्टीन डॉक्यूमेंट्स का पहला बड़ा हिस्सा जारी किया है, जिसमें बिल क्लिंटन, माइकल जैक्सन और अन्य हस्तियों की तस्वीरें हैं, लेकिन कोई नया आपराधिक सबूत नहीं मिला है. रिपोर्ट में भारत से जुड़े कोई महत्वपूर्ण लिंक नहीं पाए गए हैं. फिलहाल एपस्टीन डॉक्यूमेंट्स का कुछ हिस्सा जारी किया गया है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी डॉक्यूमेंट्स सामने आ सकते हैं.
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस द्वारा जारी इस रिपोर्ट्स को 'एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट' के तहत जारी किया गया है, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर में कानून बनाया था. डॉक्यूमेंट्स में अदालत के रिकॉर्ड, जांच से जुड़े ईमेल, फ्लाइट लॉग्स, सैकड़ों तस्वीरें और 1996 की एक FBI शिकायत शामिल है, जिसमें एपस्टीन पर बच्चों (नाबालिग) के शोषण से जुड़े गंभीर आरोप लगाए गए थे. ये शिकायत उस दौर की है, जब एपस्टीन के खिलाफ बड़े पैमाने पर जांच शुरू भी नहीं हुई थी.
हालांकि, इन दस्तावेजों का एक बड़ा हिस्सा पहले से सार्वजनिक रिकॉर्ड में मौजूद था या उनमें काफी काट-छांट की गई है.
न्याय विभाग ने स्वीकार किया है कि ये केवल फाइल्स का एक आंशिक हिस्सा है और पीड़ितों के वेरिफिकेशन की समीक्षा के बाद आने वाले हफ्तों में हजारों पन्नों की रिपोर्ट जारी की जाएगी. कई लोगों को उम्मीद थी कि इस बार एप्स्टीन की कथित क्लाइंट लिस्ट या ब्लैकमेल फाइल्स सामने आएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. DOJ ने जुलाई 2025 में ही साफ कर दिया था कि ऐसी कोई प्रमाणित लिस्ट मौजूद नहीं है.
क्या है क्लिंटन कनेक्शन
लेटेस्ट रिलीज में सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की तस्वीरों को लेकर हुई है. डॉक्यूमेंट्स में कई ऐसी तस्वीरें हैं, जिनमें बिल क्लिंटन, एपस्टीन और घिस्लेन मैक्सवेल कई सार्वजनिक मौकों पर साथ नजर आ रहे हैं. इनमें लंदन के विंस्टन चर्चिल वॉर रूम्स की तस्वीरें, एक हॉट टब की फोटो और एक प्राइवेट जेट की तस्वीर शामिल हैं.
हालांकि, इन तस्वीरों में से किसी में भी क्लिंटन को किसी आपराधिक गतिविधि से सीधे तौर पर जोड़ने वाला कोई नया सबूत नहीं है. न्याय विभाग की फाइल्स भी ये स्पष्ट करती हैं कि इस बैच में कोई ताजा आपराधिक सबूत सामने नहीं आया है.
जारी की गई फाइल्स में माइकल जैक्सन, डायना रॉस, क्रिस टकर, मिक जैगर और रिचर्ड ब्रैनसन जैसी हस्तियों की तस्वीरें भी हैं. ये सभी तस्वीरें सामाजिक आयोजनों की हैं और इस रिलीज में इन हस्तियों के खिलाफ किसी नए आपराधिक सबूत का जिक्र नहीं है.
वहीं, इस डॉक्यूमेंट्स रिलीज में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जिक्र काफी कम है. ट्रंप का नाम भी कहीं-कहीं पुराने सार्वजनिक संदर्भों में आता है, लेकिन इस रिलीज में न तो उनकी कोई नई तस्वीर सामने आई है और न ही कोई आपराधिक लिंक मिला है.
भारतीय कनेक्शन
इसके अलावा भारत के संदर्भ में भी 19 दिसंबर की इस रिपोर्ट में कोई नया या महत्वपूर्ण लिंक सामने नहीं आया है. एपस्टीन के अपराधों या उसके आइलैंड से किसी भारतीय के जुड़े होने का कोई सबूत फिलहाल इन फाइलों में नहीं मिला है. विभाग ने साफ किया है कि ब्लैकमेल से जुड़ी कोई फाइल अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है.
राजनीतिक बहस तेज
उधर, इन डॉक्यूमेंट्स के सार्वजनिक होते ही अमेरिका में राजनीतिक बहस छिड़ गई है. रो खन्ना और चक शूमर जैसे नेताओं ने इसे अधूरा और जरूरत से ज्यादा रेडैक्ट बताकर सरकार की आलोचना की है, जबकि कुछ का कहना है कि पीड़ितों की सुरक्षा के लिए सावधानी जरूरी है.
उनका आरोप है कि फाइलों में बहुत ज्यादा जानकारी छिपाई गई है और ये पारदर्शिता कानून का पूरी तरह पालन नहीं करता है, जहां कुछ लोग इसे एक सकारात्मक शुरुआत मान रहे हैं.वहीं, विपक्ष इसे नाकाफी बता रहा है. आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है.
संदीपन शर्मा